बलिया स्पेशल
शिक्षिका ने मारा थप्पड़, छात्रा की मौत, प्रिंसिपल ने कहा बीमार रहती थी छात्रा
उत्तर प्रदेश के बलिया में एक बेरहमी से छात्रा की पिटाई से मौत का मामला सामने आया है। छात्रा के पिता सन्तोष वर्मा की शिकायत पर पुलिस ने टीचर रजनी उपाध्याय के खिलाफ रसड़ा कोतवाली में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
खबर के मुताबिक, गुस्साए छात्रा के पिता संतोष वर्मा ने बुधवार को स्कूल के बाहर गेट पर शव रखकर न्याय की मांग की। इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एडीएम मनोज सिंघल ने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम कराकर मामले की जांच की जाएगी जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।
जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र में मौजूद सेंट जेवियर्स स्कूल के बाहर छात्रा के शव को रखकर न्याय की गुहार लगा रहे परिजनों ने बताया कि दस साल की सुप्रिया हर रोज की तरह 5 फरवरी को स्कूल गई थी। परिवार का आरोप है कि होमवर्क न करने की बात पर टीचर रजनी उपाध्याय ने सुप्रिया को इतने थप्पड़ मारे कि उसकी हालत खराब हो गई और वह बेहोश हो गई।
वही इस पुरे मामले पर स्कूल ने प्रेस रिलीज़ जारी कर अपना पक्ष रखा है। सेंट जेर्वीयस स्कुल रसड़ा के प्रधानाचार्य संगीता सिंह ने कहा कि सुप्रिया पहले से ही बीमार थी और उसको झटके आते थे।मंगलवार को भी उसे अचानक सिर में तेज दर्द की शिकायत किया। जिस पर हमलोगों ने परिवार के लोगो को खबर करते हुए सीएच सी पर दिखाया। जहाँ डॉक्टरों ने हाईब्लड पेर्सर की शिकायत बताया।और मऊ फातमा के लिए रेफर कर दिया।वहाँ से उसे वाराणसी ड्रामा सेंटर भेजा गया।जहा उपचार के दौरान उसकी मौत गयी। मारपीट का आरोप सरासर गलत लगाया गया है।राजनीती से ग्रसित लोगो ने ऐसा कार्य किया हैं।परिवार वालो को दबाव में रखते हुए कुछ लोग स्वार्थ सिध्द कर रहे है।
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20 दिन बाद भी फरार है बलिया का ये BJP का ब्लॉक प्रमुख ! गिरफ्तारी में देरी क्यों ? सड़को पर उतरे वकील
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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