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बलिया में KYC अपडेट के नाम पर साइबर ठगी, 3-4 बार में अकाउंट से उड़ाए 39 हजार रुपये

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बलिया में साइबर अपराध में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ताजा मामला रेवती क्षेत्र से सामने आया है। जहां KYC अपडेट करने के नाम पर साइबर अपराधियों ने एक व्यक्ति के खाते से 39 हजार रुपये उड़ा लिया। वहीं अब पीड़ित की शिकायत पर पुलिस जांच में जुट गई है।



दरअसल कस्बा के वार्ड संख्या 12 निवासी अप्पू गुप्ता ने पुलिस को तहरीर है कि बुधवार को E-KYC और खाता संख्या अपडेट करने के लिए एक नम्बर से फोन आया। इसके बाद उक्त व्यक्ति ने OTP पूछा तो उन्होंने बता दिया। इसके बाद उपडाकघर में संचालित खाते से 3-4 बार में 39 हजार 400 रुपये निकाल लिया गया।

पुलिस ने तहरीर के आधार अज्ञात के खिलाफ धारा 420 आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। साथ ही आरोपियों की तलाश भी शुरू कर दी है पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।

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“बलिया में गोंड जनजाति का जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी

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बलिया में गोंड जनजाति समुदाय के लोग जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर सदर मॉडल तहसील पर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। यह आंदोलन आल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के नेतृत्व में चल रहा है, जिसमें समुदाय के सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि लेखपाल और तहसीलदार सरकारी आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 2 दिसंबर 2024 को एक शासनादेश जारी किया था, जिसमें पहले के निर्देशों का पालन करने को कहा गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम से पहले के भू-राजस्व अभिलेखों में उनकी जाति ‘गोंड’ दर्ज है, और ये दस्तावेज जिला कलेक्ट्रेट तथा अन्य संबंधित कार्यालयों में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद, अधिकारियों द्वारा उनके जाति प्रमाणपत्र में मनमाने तरीके से बदलाव किया जा रहा है।

गोंड पार्टी के संरक्षक सुमेर गोंड ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय बैरिया थाने पर शहीद हुए रामजन्म गोंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए उसी दृढ़ता से संघर्ष करेंगे। धरने में समुदाय के कई प्रमुख सदस्य, जैसे गुलाबचंद्र गोंड, संजय गोंड और बच्चा लाल गोंड, भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि दोषी अधिकारियों पर संविधान के खिलाफ कार्य करने और अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए।

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बलिया में दोहरे हत्याकांड के मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार

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बलिया पुलिस ने दोहरे हत्याकांड के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 1 कुल्हाड़ी, 1 तमंचा, 1 खोखा कारतूस बरामद किया गया है। पुलिस अधीक्षक बलिया ओमवीर सिंह के कुशल निर्देशन में अपराधियों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के क्रम में ये कार्रवाई की गई है।

जानकारी के मुताबिक, मामला सिकंदरपुर के ग्राम खरीद का है, यहां घटित हुए दोहरे हत्याकांड से संबंधित है। अपर पुलिस अधीक्षक महोदय अनिल कुमार झा के निकट पर्यवेक्षण और क्षेत्राधिकारी सिकन्दरपुर गौरव कुमार शर्मा के कुशल नेतृत्व में थाना सिकन्दरपुर पुलिस ये सफलता मिली है।

पुलिस ने नीरज यादव, धीरज कुमार यादव, निरन्जन यादव को सिकन्दरपुर-उभाँव मुख्य सड़क मार्ग से भरथाँव मार्ग पर स्थित विवेकानन्द स्कूल के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त नीरज यादव के कब्जे से घटना से सम्बन्धित 01 अदद तमंचा, 01 अदद खोखा कारतूस और 01 अदद कुल्हाड़ी बरामद किया गया।

अभियुक्त निरंजन यादव पुत्र रामजीत यादव के कब्जे से 01 अदद लोहे का रम्मा तथा अभियुक्त मनीष यादव पुत्र रामजीत यादव के कब्जे से 01 अदद लाठी बरामद किया गया। इसके अलावा अन्य 2 अभियुक्त सुरेश चौधरी, लालसा देवी को मुखबिर की सूचना पर खरीद दरौली मार्ग तिराहे पर बहदग्राम खरीद थाना सिकन्दरपुर जनपद बलिया से गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से आलाकत्ल बरामद किया गया। पुलिस ने विधिक कार्रवाई करते हुए अभियुक्तगण को माननीय न्यायालय बलिया भेजा।

गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रधान निरीक्षक श्री विकास चन्द पाण्डेय थाना सिकंदरपुर जनपद बलिया, उप निरीक्षक चन्द्रप्रकाश कश्यप थाना सिकंदरपुर जनपद बलिया, प्रशिक्षु उप निरीक्षक नीरज यादव थाना सिकंदरपुर जनपद बलिया, प्रशिक्षु उप निरीक्षक मधु शर्मा थाना सिकंदरपुर जनपद बलिया, हेड कांस्टेबल राकेश यादव थाना सिकंदरपुर जनपद बलिया, हेड कांस्टेबल मो0 रिजवान थाना सिकंदरपुर जनपद समेत अन्य टीम का योगदान रहा।

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बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर 15 दिनों से धरने पर बैठे गोंड जनजाति के लोग

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बलिया में गोंड जनजाति के लोग जाति प्रमाणपत्र की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं। उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार के बार-बार के आदेशों के बावजूद जिला और तहसील स्तर पर उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, गोंड और खरवार समुदाय के छात्र-छात्राएं और युवा जाति प्रमाणपत्र के लिए धरने पर हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल खरवार कर्णपुरी के अनुसार, इस मामले में वर्ष के पहले संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को एक पत्र सौंपा गया था।

सदर तहसील द्वारा लिखित रूप में यह आश्वासन दिया गया था कि पात्र लोगों को गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा, लेकिन जब वे ऑनलाइन आवेदन करते हैं, तो तहसीलदार द्वारा उनके आवेदन निरस्त कर दिए जा रहे हैं।

यह भी बताया जा रहा है कि 2 दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने एक शासनादेश जारी कर 3 नवंबर 2021 के पूर्व आदेशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि लेखपाल और तहसीलदार भारत के राजपत्र और संविधान के प्रावधानों की अवहेलना कर रहे हैं।

धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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