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बलिया में विद्युत उपकेंद्र को मनमाने तरीके से चालू करने पर ग्रामीणों ने शुरू किया विरोध

बलिया में विगत पांच सालों से विद्युत उपकेंद्र पहराजपुर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। पिछले माह दबाव की वजह से विभागीय अधिकारियों ने इसका संचालन शुरू कर दिया।
इसके बाद से क्षेत्रीय ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। स्वीकृत प्राक्कलन और लाइनचार्ट के विरुद्ध मनमाने तरीके से चालू किये जाने को लेकर पूर गाँव निवासी समाजसेवी, ध्रुवजी सिंह स्मृति सेवा संस्थान के सचिव भानू प्रकाश सिंह बबलू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर विद्युत उपकेन्द्र पहराजपुर को विभागीय अधिकारियों द्वारा आनन फानन में सारे नियमों और मानकों को ताक पर रखकर चालू करने की कवायद को चुनौती दे दी है।
इस याचिका पर हाईकोर्ट ने 3 नवंबर को सुनवाई करने की बात कही है। इसको लेकर भानू प्रकाश सिंह बबलू ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक सहित अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, चेयरमैन यूपीपीसीएल को पत्र लिखते हुए जनहित याचिका का संदर्भ ग्रहण करते हुए जांच करने की मांगकी है।
बता दें कि 202 में उपकेंद्र का काम पूरा हो गया था। 132/33केवी विद्युतउपकेन्द्र करमौता (सिकंदरपुर) से विद्युतउपकेन्द्र पहराजपुर के मध्य 33/11केवी पोषक के निर्माण का कार्य लगभग 90%पूर्ण किया जा चुका है। लेकिन बाद में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करते हुए आननफानन में उपकेंद्र को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। एक ही हाईटेंशन तार पर तीन उपकेन्द्रों का लोड होने के चलते विद्युत उपकेन्द्र पहराजपुर के सही ढंग से संचालित होने पर संदेह है।
भानुप्रकाश सिंह ने कहा कि रतसर विद्युतउपकेन्द से मिल रही आपूर्ति में दिक्कतों को देखते हुए उत्तरप्रदेश शासन से पहराजपुर विद्युतउपकेंद्र के निर्माण की मांग हमारे द्वारा की गई थी। अब 90 प्रतिशत से अधिक 33केवी पोषक निर्माण के बावजूद अचानक से नियमविरुद्ध ढंग से अन्य विद्युतउपकेंद्र के पोषक से टैप करना पुर्णतया गलत व सरकारी धन का दुरुपयोग है।













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बलिया में स्वास्थ्य व्यवस्था की शर्मनाक तस्वीर, अस्पताल के गेट पर तड़पती रही गर्भवती महिला, फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

बलिया के सोनबरसा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार रात एक ऐसी घटना हुई, जिसने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। लक्ष्मण छपरा की रहने वाली गर्भवती महिला सविता पटेल को जब तेज प्रसव पीड़ा हुई, तब वह अस्पताल पहुँची, लेकिन वहां न कोई डॉक्टर था, न नर्स, न गार्ड—पूरा अस्पताल सुनसान पड़ा था।
अस्पताल के गेट के पास ही महिला दर्द से तड़पती रही, और आखिरकार, बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के उसने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह दृश्य किसी ने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजीव वर्मन ने तुरंत कार्रवाई की। सोनबरसा सीएचसी के अधीक्षक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित चार स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया। सीएचसी अधीक्षक और स्त्री रोग विशेषज्ञ को सीएचसी रिगवन भेजा गया। डॉ. व्यास कुमार को सीएचसी गड़वार, फेफना स्थानांतरित किया गया। स्टाफ नर्स प्रियंका सिंह को सीएचसी नरहीं और कंचन को सीएचसी जयप्रकाश नगर भेजा गया।
सीएमओ ने बताया कि एक एसीएमओ स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करवाई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना को लेकर जनआक्रोश फूट पड़ा। पूर्व सांसद भरत सिंह की पुत्री और भाजपा नेता विजयलक्ष्मी सिंह शुक्रवार शाम सोनबरसा सीएचसी पहुँचीं और वहीं धरने पर बैठ गईं। उन्होंने दोषी चिकित्सकों और कर्मचारियों के निलंबन तथा पूरे स्टाफ के सामूहिक तबादले की मांग की। बसपा के पूर्व विधायक सुभाष यादव ने भी घटना को ‘मानवता के प्रति घोर अपराध’ करार देते हुए इसे शासन की नाकामी बताया। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
वीडियो बनाने वाले मिर्जापुर निवासी युवराज सिंह ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल गया था, तभी उसने देखा कि एक महिला दर्द से चिल्ला रही थी और कुछ ही पलों में उसने अस्पताल के फर्श पर बच्चे को जन्म दे दिया। युवराज ने कहा—”यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानी ज़िंदगी के साथ किया गया अमानवीय व्यवहार है।”
सीएमओ डॉ. वर्मन ने सभी सीएचसी और पीएचसी को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी हालत में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए। उन्होंने कहा, “सोनबरसा जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सभी ज़िम्मेदारों को चेतावनी दी गई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
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बलिया के फेफना में वृद्ध की हत्या के चार आरोपी गिरफ्तार, मुख्य अपराधी अब भी फरार

बलिया के फेफना औदी गांव में बीते सोमवार रात एक वृद्ध रामबिलास सिंह की निर्मम हत्या के मामले में स्थानीय थाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को पियरिया चट्टी के पास से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, हत्या का मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि हत्या में संलिप्त आरोपी पियरिया चट्टी के आगे स्थित वी.आई.पी. ईंट भट्टा के पास मौजूद हैं और वहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं। त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने घेराबंदी कर चारों को मौके से धर दबोचा।
गिरफ्तार आरोपियों में सिन्धू सिंह, आदित्य सिंह उर्फ रिशू सिंह, रोशन सिंह और राजेश सिंह शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपी रोशन सिंह के विरुद्ध पहले से खेजुरी थाने में जानलेवा हमला और विद्युत चोरी जैसे गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं।
चारों आरोपियों को विधिक धाराओं में पाबंद करते हुए न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। वहीं, हत्या का मुख्य आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में उप निरीक्षक शिवम कुमार वर्मा, इस्तखार अहमद, हेड कांस्टेबल रत्नाकर सिंह, प्रमोद कुमार यादव, कांस्टेबल अभय प्रताप सिंह, सोनू कुमार, विश्वदीप सिंह, महिला कांस्टेबल सुनिता और मंजू आदि शामिल रहे।
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बलिया में डिजिटल शिक्षा को मिला नया मंच: ‘Digital Gyanis’ संस्थान का भव्य उद्घाटन, पूर्व राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने की शिरकत

बलिया के युवाओं को तकनीकी कौशल से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में आज Digital Gyanis संस्थान का भव्य शुभारंभ हुआ। सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन के समीप स्थित इस संस्थान का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्य मंत्री श्री आनंद स्वरूप शुक्ला की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री शुक्ला ने कहा, “Digital Gyanis जैसे संस्थान न केवल युवाओं को आधुनिक डिजिटल स्किल्स प्रदान करेंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर भी करेंगे। बलिया जैसे प्रतिभाशाली जिले को ऐसे ही नवाचारपूर्ण शैक्षिक मंचों की आवश्यकता थी।”
संस्थान आधुनिक तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिसमें शामिल हैं: डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, वेबसाइट डेवलपमेंट, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, फ्रीलांसिंग। ये सभी पाठ्यक्रम हैंड्स-ऑन प्रैक्टिकल अप्रोच के साथ छात्रों को पढ़ाए जाएंगे, जिससे वे उद्योग-तैयार बन सकें।
संस्थान के संस्थापक व सीईओ श्री जनार्दन तिवारी, जो HotelYaari E-commerce Pvt. Ltd. के भी संस्थापक हैं, ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों के युवाओं को रोजगारोन्मुखी डिजिटल शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। ताकि वे महानगरों पर निर्भर न रहें और अपने क्षेत्र में ही अवसर उत्पन्न कर सकें।”
इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र-छात्राएं, अभिभावक, शिक्षकगण व मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे और संस्थान की इस पहल की सराहना की।