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बलिया बलिदान दिवस पर सीयर में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम, ब्लाक प्रमुख बोलें- अगले साल भव्य तरीके से होगा आयोजन

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बेलथरा रोड : आज बलिदान दिवस पर बलिया के सीयर ब्लॉक परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें भारत मां के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को याद किया गया साथ ही देश की आजादी की लड़ाई में सीयर ब्लॉक के योगदान पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद मंगल पांडेय तथा चित्तू पांडे के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय चौकियां तथा कंपोजित विद्यालय सोनाडीह के बच्चों ने डांडी नृत्य, आओ बच्चे तुम्हें दिखाए, झांकी हिंदुस्तान की तथा मेरा रंग दे बसंती चोला की मनमोहक प्रस्तुति की।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर शिक्षाविद कल्याण सिंह मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि 8 अगस्त 1942 को देश में भारत छोड़ो क्रांति की शुरुआत हुई थी। उसी क्रम में बलिया जिले के बेल्थरा रोड में वाराणसी से आने वाली ट्रेन को प्रातः 8 बजे जैसे ही बेल्थरा रोड स्टेशन पर पहुंची कि उक्त ट्रेन पर आंदोलनकारियों के नेतृत्व में छात्रों ने अपना कब्जा जमा लिया था।

विशेषकर मिश्रौली ग्राम निवासी पारसनाथ नाथ मिश्र, ग्राम चरौवा के चंद्रदीप सिंह ने डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाध्यापक स्व. देवनाथ उपाध्याय सहित कालेज के सभी छात्रों और शिक्षकों के साथ रेलवे की पटरी उखाड़ने का जहां काम किया, वहीं ट्रेन को कब्जे में लेते हुए उसका नाम आजाद हिन्द एक्सप्रेस घोषित कर दिया था। शहीदी ग्राम चरौवा में मुक्त मकतुलिया देवी, खर बियार, चंद्रदीप सिंह सहित अन्य लोगों के नेतृत्व में अंग्रेजी कैप्टन मूर के सिर पर मिट्टी की हाड़ी से प्रहार कर मकतुलिया ने लहूलुहान पूरे ग्राम को आजाद कराने का काम अंग्रेजों से किया था।

इस मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित विभिन्न ग्रामों के लाभार्थियों को ब्लाक प्रमुख आलोक सिंह तथा खण्ड विकास अधिकारी मधु छंदा सिंह के हाथो प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। ब्लाक प्रमुख आलोक सिंह ने कहा कि शासन तथा प्रशासन के अचानक मिले दिशा निर्देश पर आनन फानन में इस वर्ष आयोजित किया गया, किंतु अगले वर्ष से इस आयोजन को भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार माह के प्रथम व तृतीय बुधवार को ब्लाक स्तरीय समस्याओं का समाधान दिवस का आयोजन प्रातः 10 बजे से 2 बजे दिन तक आयोजित किया जाएगा। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं के समाधान हेतु ब्लाक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे।खण्ड विकास अधिकारी मधु छंदा सिंह ने इस शहीदी मौके पर शहीदों के नाम शोक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार की लाभकारी योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया।इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी सीयर राकेश कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, अरविंद सिंह उर्फ लोहा सिंह, अजय सिंह, भूपेंद्र सिंह, कर्णवीर सिंह, आनंद सिंह छोटू, सोनू सिंह, विशाल मौर्य, शाहिद भाई, दानिश फिरोज, अरुण यादव, दयाशंकर राय, जवाहर राम एडीओ, एडीओ पंचायत राजेश यादव, गोरख सिंह, शक्ति सिंह, प्रवीण कुमार, परविंदर सिंह, नितेश सिंह सहित सैकड़ों की  संख्या में लोग मौजूद रहे।

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मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

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मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।

उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।

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बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल

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बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।

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बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत

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बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।

बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।

‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।

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