बलिया स्पेशल
बलिया – हत्या के 6 आरोपियों को जज ने सुनाई उम्रकैद की सजा

हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या चार बीके लाल की अदालत ने छह अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास के साथ दस-दस हजार रुपये की अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्तगण को तीन-तीन साल का अतिरिक्त साधारण कारावास काटनी पड़ेगी। वादी मुकदमा रामजी बिंद ने 20 सितंबर 2013 को उभांव थाने पर तहरीर दिया था कि मेरे छोटे भाई रमेश की पत्नी छठिया देवी घास लेकर बाग की तरफ से आ रही थी। बांस के कोट के रास्ते में पट्टे की जमीन के विवाद को लेकर कन्हैया, दिनेश व राजेश पुत्रगण स्वामीनाथ ग्राम पिपरौली गाली गुप्ता देते हुए लातघुसो से मारने लगे। उसके शोर मचाने पर वादी का भाई रामप्रेम और रमेश जो ताल के किनारे मछली पकड़ने के लिए जाल लगाए थे वो आवाज सुनकर घर की तरफ आए। भाई के पत्नी छठिया भी घर के पास पहुंच गई थी।
इस दौरान मैं घर पर ही था जैसे ही मेरा भाई रामप्रेम और रमेश अभी रामसूरत बिंद के घर के समीप पहुंचे ही थे कि वहां पर मौजूद विश्राम पुत्र वंशराज निवासी शाहपुर के ललकारने पर रामसूरत बिंद कट्टे से जान मारने की नियत से मेरे भाई रामप्रेम को लक्ष्य करके गोली मार दिया। मैं भी शोर और फायर सुन मौके पर पहुंच गया, जिस पर अनिल, रविंद्र पुत्रगण सकीचंद्र, सकीचंद्र पुत्र इंद्रदेव, कन्हैया पुत्र स्वामी नाथ अपने हाथ में लिए लाठी और गड़सा से मुझे और मेरे भाई रमेश और उसकी पत्नी छठिया को मारे और कहे आओ जमीन कब्जा करो। इस दौरान शोर सुन गांव के लोगों को आते देख धमकी देते हुए भाग निकले। गांव वालों की मदद से हम लोग थाने पहुंचे। इलाज के लिए ले जाते समय भाई रामप्रेम की रास्ते में ही मौत हो गई।
उपरोक्त घटना की सुनवाई करते हुए साक्ष्योपरांत विद्वान अधिवक्ता सुनकर अभियुक्तगण, कन्हैया, दिनेश, राजेश, विश्राम, सकीचंद्र तथा रामसुरत बिंद प्रत्येक को सश्रम आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न अदा करने पर तीन-तीन वर्ष का अधिक साधारण कारावास का दंड भोगना होगा। अर्थदंड वसूल होने पर आधी राशि प्रतिकर के रुप में मृतक की पत्नी गीता देवी को दी जाएगी। उपरोक्त मामले में वादी मुकदमा रामजी बिंद के विरूद्घ धारा 344 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रकीर्णवाद दर्ज हो और उसके विरूद्घ नोटिस जारी करने का भी आदेश हुआ है।
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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।
वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।
उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?
बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।
सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।
अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!
फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है
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बलिया में ATM कार्ड के जरिए फ्राड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, Encounter के बाद 4 गिरफ्तार

बलिया के हल्दी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान पैर में गोली लग से एक आरोपी घायल हो गया।
अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि हृदयाचक तिराहा से पीपा पुल की ओर जाने वाली सड़क पर एक कार में कुछ संदिग्ध लोग आ रहे हैं।
शंकर ने कहा, ‘‘पीछा किए जाने पर अपराधियों में से एक ने पुलिस दल पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एक आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को काबू कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘गोली लगने से घायल हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी बच्चा लाल महतो (27) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य तीन की पहचान साहेब कुमार महतो (32), मदन महतो (37) और लाल बाबू महतो (38) के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के हैं।’’
पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल (.315 बोर), दो कारतूस, दो खाली खोल, विभिन्न बैंकों के 63 एटीएम कार्ड, एक कार और 5,200 रुपये भी जब्त किए हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने एटीएम कार्ड धोखाधड़ी में संलिप्त एक गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की। वे सीधे-साधे लोगों को निशाना बनाकर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते थे और फिर उनके रुपये निकाल लेते थे या अंतरित कर लेते थे। चोरी की रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांटी जाती थी।’’
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने बलिया और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली में भी कई लोगों को ठगा है।
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि बलिया, दिल्ली और अन्य स्थानों पर तीनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
बलिया स्पेशल
Ballia- बेलथरा रोड के सामाजिक कार्यकर्ता खालिद ज़हीर का निधन

बेलथरा रोड डेस्क : बलिया जिले के बेलथरा रोड से एक बुरी खबर सामने आई है। नगर पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता रहे खालिद ज़हीर का वाराणसी में अचानक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि गिरने की वजह से उनको सर में गहरी चोट लग गई जिसके बाद परिजन अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान ही डाक्टरों ने उन्हे मृत्यु घोषित कर दिया। सोमवार की रात करीब 12 बजे वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए. उनकी उम्र लगभग 58 साल थी.
सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ कई बार नगर पंचायत का चुनाव भी लड़ चुके थे । हर मुद्दे पर पर वो मुखर होकर अपनी बात रखते थे। सभी समुदाय में अच्छी पकड़ रखते थे। उनकी मौत की खबर से इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
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