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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने दी बलिया को करोड़ों की सौगात, इन विकास कार्यों का किया शिलान्यास

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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया को बड़ी सौगात दी। उन्होंने रोडवेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान लगभग 300 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन सौगातों के मिलने के बाद बलिया में विकास के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे और क्षेत्रीय जनता लाभान्वित होगी।

बता दें कि मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया मुख्यालय पर बनने वाले आधुनिक बस अड्डे के साथ उजियार घाट पर भी बस अड्डा और लोक निर्माण विभाग की 72.86 करोड़ की लागत से बनने वाली कुल 80 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें टेकार बन्धे से मुक्तिधाम मार्ग व जमुआ रिंग बन्धा से धरीक्षण दास की कुटिया मार्ग पर पुलिया भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने नगर विकास विभाग की भी 17.60 करोड़ के 65 कार्यों का शिलान्यास तथा 6.38 करोड की 32 निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।

करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात मिलने के बाद क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई। अब जनता को बेहतर आवागमन सेवाएं मिल सकेंगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि बलिया नगर की जनता ने मुझे पांच साल दिया है। इन पांच वर्षों में हर वह काम करके दिखाऊंगा, जो चुनाव से पहले वादा किया था। एसटीपी का निर्माण भी रूका था, अब वह भी तेजी से बनेगा। नगर का सीवरेज सिस्टम दुरूस्त होगा।

उन्होंने क्षेत्र की जनता से हर घर शुद्ध पेयजल की सप्लाई का वादा किया। उन्होंने कहा कि चुनावे वादे के लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरे हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज व कटहल नाला के सुन्दीकरण का भी शिलान्यास जल्द ही मुख्यमंत्री जी से कराऊंगा।

परिवहन मंत्री ने कहा, हमारी योजना है कि प्रदेश के हर गांव में रोडवेज की बसें जाएंगी। जिस गांव से बस चलेगी, उसी गांव के ड्राईवर-कंटक्टर उस पर तैनात होंगे, जो प्रतिदिन गांव से मुख्यालय पर आने के बाद वापस अपने गांव चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोडवेज के 1600 नये रूट चिन्हित किये गये हैं, जहां 25 हजार नई बसें चलाई जाएंगी। दस हजार बसों की खरीद हो गयी है, जो जल्द ही बन कर तैयार होकर रूट पर होंगी।

इसके अलावा कहा कि बलिया में आधुनिक बस अड्डा बनाया जा रहा है। आज 48 करोड़ की लागत से इसके बनने की शुरुआत हो गई। यह मल्टीस्टोरेज बिल्डिंग होगी, जिसमें ऊपरी तल व्यावसायिक होगी। वहाँ एक अतिथि गृह भी बनेगा। पीपीपी मॉडल पर रसड़ा व बेलथरारोड बस अड्डा को भी सुंदर बनाया जाएगा, जिसमें ऊपरी तल मॉल के रूप में होगा।

इसके अलावा बलिया में आईएसवीटी भी बनाया जाएगा। इसके अलावा रायबरेली के बाद दूसरा ऑटोमैटिक ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर बलिया में बनेगा। बहुत जल्द इसकी भी शुरुआत होगी। इससे ड्राइवर पूर्ण रूप से ट्रेंड होंगे, उन्हें रोज़गार मिलेगा और दुर्घटनाओं पर भी विराम लगेगा।

उप्र परिवहन विभाग के एमडी मासूम अली सरवर ने कहा कि परिवहन मंत्री जी का बलिया के विकास पर विशेष फ़ोकस है। प्रदेश का अंतिम जिला होने के नाते यहां रोडवेज की हर सुविधा पहुंचाने पर हम सबका ध्यान रहेगा।

विशेष सचिव केपी सिंह ने कहा कि बलिया से मेरा पुराना नाता रहा है। सौभाग्य है कि यहाँ विकास कार्य में पहले एसडीएम व एडीएम के रूप में, और अब परिवहन विभाग में कार्यरत होने के नाते यहां के विकास में भागीदारी का मौक़ा मिला है।

कार्यक्रम के दौरान मौजूद डीएम रवींद्र कुमार ने कहा कि यहाँ बनने वाला मॉडल बस स्टेशन निश्चित रूप से इस जनपद की पहचान बनेगी। वाहन ट्रेनिंग सेंटर भी बनाने के लिए भी कार्यवाही जारी है। जल्द ही ज़िले में एक बाढ़ स्थल बनेगा, जहां बाढ़ के समय विस्थापित काफ़ी लोग एक साथ रह सकेंगे।

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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया के नगरा में पेड़ से लटकी मिली युवती की लाश, मौके पर पहुँचें एसपी ने क्या कहा ?

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ एक गांव में एक 17 वर्षीय युवती की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि आज सुबह डॉयल 112 पर सूचना प्राप्त हुई कि थाना नगरा क्षेत्र के सरयां गुलाबराय गांव में एक युवती का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया है। सूचना मिलते ही फील्ड यूनिट, स्थानीय पुलिस, क्षेत्राधिकारी रसड़ा, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम मौके पर पहुंच गई।

मृतिका का शव पेड़ से लटका हुआ था, और उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे, जबकि उसके पैरों की ऊंचाई लगभग 6 फीट थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवती के माता-पिता दो दिन पहले पीजीआई इलाज के लिए गए थे, और वह अकेले इस घर में रह रही थी। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि, यह जानकारी प्राप्त हुई कि युवती के माता-पिता को घटना की सूचना दे दी गई है, जबकि उसका एक भाई गुजरात में और एक बहन असम में रहती है।

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पंचायतनामा भरकर उसकी वीडियोग्राफी की भी मांग की गई है ताकि इस मृत्यु के कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल सके। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के लिए स्थानीय पुलिस, सर्विलांस टीम, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और एडिशनल एसपी की चार टीमों का गठन किया है। सभी जरूरी पूछताछ और तकनीकी सर्विलांस के आधार पर जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

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बलिया में ATM कार्ड के जरिए फ्राड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, Encounter के बाद 4 गिरफ्तार

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बलिया के हल्दी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान पैर में गोली लग से एक आरोपी घायल हो गया।

अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि हृदयाचक तिराहा से पीपा पुल की ओर जाने वाली सड़क पर एक कार में कुछ संदिग्ध लोग आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो चारों संदिग्ध कार से उतरकर भागने लगे।

शंकर ने कहा, ‘‘पीछा किए जाने पर अपराधियों में से एक ने पुलिस दल पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एक आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को काबू कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘गोली लगने से घायल हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी बच्चा लाल महतो (27) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य तीन की पहचान साहेब कुमार महतो (32), मदन महतो (37) और लाल बाबू महतो (38) के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के हैं।’’

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल (.315 बोर), दो कारतूस, दो खाली खोल, विभिन्न बैंकों के 63 एटीएम कार्ड, एक कार और 5,200 रुपये भी जब्त किए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने एटीएम कार्ड धोखाधड़ी में संलिप्त एक गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की। वे सीधे-साधे लोगों को निशाना बनाकर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते थे और फिर उनके रुपये निकाल लेते थे या अंतरित कर लेते थे। चोरी की रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांटी जाती थी।’’

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने बलिया और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली में भी कई लोगों को ठगा है।

पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि बलिया, दिल्ली और अन्य स्थानों पर तीनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

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