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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के एसपी के हलफनामे की भाषा पर जताई नाराजगी, न्यायालय की गरिमा बनाए रखने की दी सलाह

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह द्वारा दाखिल किए गए शपथपत्र की भाषा पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उसे अनुचित और न्यायालय की मर्यादा के प्रतिकूल बताया है। अदालत ने भविष्य में अधिक सावधानी बरतने और भाषा में आवश्यक सुधार लाने की सख्त हिदायत दी है।

एसपी सिंह ने अपने हलफनामे में लिखा था कि पुलिस बल ‘किसी अदालत के किसी आदेश’ के अनुपालन में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायालय कोई सामान्य संस्था नहीं है, बल्कि एक गरिमामयी संस्था है, जिसे ‘किसी अदालत’ कहकर संबोधित करना अनुचित है। इसे स्पष्ट रूप से ‘जनपद न्यायाधीश बलिया’ या ‘सिविल जज (सीनियर डिवीजन) बलिया’ कहकर संबोधित किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने आगे समझाया कि तहसीलदार, जो कि सहायक कलेक्टर होता है, एसपी का अधीनस्थ नहीं होता। यदि तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो उसे पुलिस बल की आवश्यकता की जानकारी एसपी को औपचारिक मांग पत्र के माध्यम से देनी चाहिए। इसके बाद एसपी को स्वयं यह तय करना होगा कि कितनी पुलिस बल की आवश्यकता है, ताकि राज्य को आदेशों के क्रियान्वयन में किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े।

एसपी बलिया को न केवल भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है, बल्कि उनसे एक बेहतर और उपयुक्त भाषा में नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मई की दोपहर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बलिया के रसड़ा निवासी गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। तहसीलदार रसड़ा ने अदालत के निर्देश पर मौके का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने की कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी के कारण वह कार्रवाई अधूरी रह गई।

तहसीलदार ने अदालत को बताया कि उन्हें पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते अतिक्रमण नहीं हट पाया। इस पर अदालत ने एसपी से जवाब मांगा था।

अपने शपथपत्र में एसपी ने कहा कि तहसीलदार ने 26 मई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय की थी और 3 मई को पुलिस बल की मांग का पत्र कोतवाली को भेजा गया था। उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और 26 मई को पुलिस बल भी प्रदान किया जाएगा।

हालांकि, हाईकोर्ट ने इस हलफनामे पर असंतोष जताते हुए कहा कि एफआईआर तो कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई है, यह कोई विशेष उपलब्धि नहीं है। अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि वे एक संशोधित, उपयुक्त और गरिमामयी हलफनामा प्रस्तुत करें।

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बलिया में पॉक्सो केस पर बड़ा फैसला, दोषी को 25 साल की सजा और जुर्माना

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बलिया जनपद की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने एक संवेदनशील मामले में बड़ा निर्णय सुनाया है। पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या-8 के विशेष न्यायाधीश ने आरोपी छोटू सिंह को गंभीर अपराध का दोषी मानते हुए 25 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित विशुनपुरा सुजायत गांव का निवासी है।

कोर्ट ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 4(2) के अंतर्गत दोषी पाते हुए ₹50,000 के जुर्माने के साथ 25 वर्ष का कठोर कारावास सुनाया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में उसे 6 महीने की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। इसके अतिरिक्त, धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भी आरोपी को 2 वर्ष के कठोर कारावास और ₹1,000 के जुर्माने की सजा दी गई है। यह राशि न चुकाने पर 15 दिन की और सजा का प्रावधान रखा गया है।

यह सख्त कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के अंतर्गत की गई, जिसका उद्देश्य संगीन मामलों में समयबद्ध और प्रभावशाली न्याय सुनिश्चित करना है। एसपी श्री ओमवीर सिंह के निर्देशन में पुलिस की मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन विभाग ने केस की कड़ी निगरानी और मजबूत पैरवी की। इस मामले में एडीजीसी राकेश पांडेय ने अभियोजन अधिकारी के रूप में प्रभावी ढंग से कोर्ट में पक्ष रखा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को निर्णायक दिशा मिली।

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बलिया में साइबर ठगी का शिकार हुए युवक को पुलिस ने वापस दिलाई 5,000 रुपये की रकम

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जनपद बलिया के सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने साइबर ठगी का शिकार हुए एक युवक को राहत देते हुए ₹5000 की रकम वापस दिलाने में सफलता प्राप्त की है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्री ओमवीर सिंह के दिशा-निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक श्री अनिल कुमार झा के पर्यवेक्षण एवं क्षेत्राधिकारी सिकन्दरपुर श्री गौरव शर्मा के नेतृत्व में की गई।

घटना 13 मई 2025 की है, जब जलालीपुर निवासी अभिषेक शर्मा साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए थे। मामले की सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह के निर्देशन में उपनिरीक्षक श्री ज्ञानप्रकाश तिवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर राजू यादव और महिला आरक्षी कीर्ति की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभिषेक की ठगी गई रकम वापस कराई।

इस सराहनीय कार्य में उपनिरीक्षक ज्ञानप्रकाश तिवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर राजू यादव, महिला आरक्षी कीर्ति शामिल रहीं। बलिया पुलिस की यह त्वरित और प्रभावी कार्यवाही आमजन में विश्वास बहाल करने के साथ-साथ साइबर अपराध के प्रति सजगता का प्रतीक है।

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बलिया में ऑपरेशन क्लीन के तहत लावारिस वाहनों की नीलामी 18 मई को, जनता से भागीदारी की अपील

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बलिया जिले में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के नेतृत्व में “ऑपरेशन क्लीन” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस अभियान के अंतर्गत बांसडीहरोड थाने में वर्षों से लावारिस हाल में खड़े वाहनों को नीलाम करने की तैयारी की जा रही है।

न्यायालय की अनुमति प्राप्त होने के बाद अब नीलामी की तारीख 18 मई 2025 तय की गई है। इस दिन कुल 15 वाहनों की नीलामी बांसडीहरोड थाने परिसर में की जाएगी, जिसमें सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहेंगे ताकि प्रक्रिया पारदर्शिता से पूरी हो सके।

पुलिस विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लें। साथ ही, लोगों से आग्रह किया गया है कि वे इस जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सऐप समूहों में साझा करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें।

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