बलिया
बलिया में धारा 163 लागू, 8 नवंबर तक रहेगी सक्रिय

बलिया में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 को लागू किया गया है। यह धारा 8 नवंबर तक लागू रहेगी। इसके तहत अब बलिया जिले की सीमा के अंतर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 5 या 5 से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं हो सकेंगे और न ही कोई जुलूस निकालेंगे।
कोई भी व्यक्ति धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेगा और न ही कोई अफवाह फैलाएगा। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा।
कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा और न ही ऐसा करने के लिये किसी को प्रेरित करेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईंट, पत्थर, शीशा, बोतल व काँच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के सार्वजनिक संचार साधन तथा मार्ग पर अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नहीं करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा।
कोई भी व्यक्ति मार्केट, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि को न बन्द कराएगा न ही किसी सरकारी सम्पत्ति की क्षति, तोड़ फोड़ आदि करेगा, न ही किसी प्रकार का पुतला जलाएगा। ऐसा करने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को न तो उकसाएगा और न ही प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा भाषण या नारा नहीं लगाएगा, न ही इस प्रकार का प्रचार-प्रसार करेगा।
कोई भी व्यक्ति नई परम्परा अथवा गैर परम्परागत कार्य/कार्यकम नहीं करेगा। न ही कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को इस हेतु उकसाएगा अथवा प्रेरित करेगा। किसी प्रकार के आग्नेयास्त्र को किसी प्रकार के आयोजित होने वाले समारोह में उपयोग नहीं किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यन्त्रों द्वारा ऐसा प्रचार नहीं करेगा और न ही ऐसा भाषण देगा और न ही ऐसा कैसेट बजायेगा, जिससे किसी वर्ग विशेष या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचे और न ऐसा करने के लिए किसी अन्य को प्रेरित करेगा।
एस०सी०वी०टी परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों के आस-पास ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग तथा परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन, ब्लूटूथ अन्य संचार सम्बन्धी उपकरण एवं आईटी गजेट्स ले जाना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा। परीक्षा केन्द्रों से न्यूनतम 200 मीटर की परिधि में फोटो कॉपियर एवं स्कैनर का संचालन परीक्षा अवधि में पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा।
बता दें कि बलिया में दशहरा, मूर्ति विसर्जन, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में परीक्षाओं को देखते हुए ये प्रतिबंध लागू किया गया है। आदेशों का उल्लघंन करने वाले व्यक्ति पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।













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पहलगाम में हुई टारगेट किलिंग के विरोध में बलिया में प्रदर्शन, पाकिस्तान का पुतला फूंका

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा की गई निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नेतृत्व में टीडी कॉलेज चौराहे पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया। इस दौरान पाकिस्तान का पुतला भी जलाया गया, जो जनमानस के गहरे आक्रोश का प्रतीक बना।
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहलगाम में मासूम लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की ज़रूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले तत्वों और देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आतंकवादी गतिविधियां भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनी रहेंगी। साथ ही उन्होंने वैश्विक समुदाय से भी आतंकवाद के समूल नाश की अपील की।
बलिया
बलिया में युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी
बलिया में एक युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। युवक बुलेट मोटरसाइकिल से पुल पर पहुंचा और अचानक नदी में कूद गया। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की तलाश शुरू की।
जानकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय प्रिंस तिवारी मऊ का रहने वाला था। वह दोपहर करीब साढ़े 12 बजे भागलपुर पुल पर पहुंची, उसने अपनी बुलेट गाड़ी खड़ी की। फिर कुछ देर तक पुल पर टहलता रहा। फिर अचानक रेलिंग के पास जाकर नदी में कूद गया। घटना देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच में पता चला कि युवक अपनी बुलेट में चाबी लगाकर और एक गमछे में आधार कार्ड लपेटकर छोड़ गया था। आधार कार्ड से युवक की पहचान मऊ जिले के अल्लीपुर मर्यादपुर थाना रामपुर निवासी स्वर्गीय अजय कुमार तिवारी के पुत्र प्रिंस तिवारी के रूप में हुई। भागलपुर चौकी और उभांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी है और युवक के शव की तलाश में जुटी है। यह पुल बेल्थरा रोड को देवरिया और बिहार से जोड़ता है। आत्महत्या के कारणों को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
बलिया
बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर ‘ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ का जेल भरो आंदोलन, 700 प्रदर्शनकारी गिरफ्त में

बलिया जिला कलेक्ट्रेट परिसर सोमवार को छात्रों के गगनभेदी नारों से गूंज उठा, जब ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के विरोध में जेल भरो आंदोलन के तहत जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने लगभग 700 प्रदर्शनकारियों को प्रतीकात्मक रूप से हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
संगठन के प्रमुख अरविंद गोंडवाना ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने का शासनादेश जारी कर चुकी है, लेकिन बलिया जिला प्रशासन उसे लागू करने से कतरा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत मनियर में एसटी महिला के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है, जिसमें गोंड समुदाय की चार महिलाओं के नामांकन वैध पाए गए हैं—इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं जारी किए जा रहे।
वक्ताओं ने बताया कि संगठन पिछले 86 दिनों से कलेक्ट्रेट के मॉडल तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। यह मुद्दा संसद और विधानसभा तक में गूंज चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन टस से मस नहीं हो रहा। पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संरक्षक नागेंद्र बहादुर सिंह ‘झुन्नू’ ने छात्रवृत्ति में अनियमितताओं का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया।
इस बीच, सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों से जुड़ा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। हालांकि, संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे छात्र कर्फ्यू जैसा बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
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