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मतानंद फाउंडेशन और ENTOD फार्मास्यूटिकल्स ने ग्लूकोमा बीमारी को लेकर चलाया अभियान, लाखों लोगों को किया जागरूक

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मतानंद फाउंडेशन ने ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सहयोग से एक व्यापक ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह अभियान ग्लूकोमा मुक्त ग्लूकोमा का सफलतापूर्वक समापन किया। ये अभियान 10 से 16 मार्च के बीच चलाया हुआ था। इस अभियान के मुख्य उद्देश्य भारत भर में ग्लूकोमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करना था। इस पहल ने देश भर के विभिन्न शहरों में 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित किया।

10 से 16 मार्च के पूरे सप्ताह के दौरान हैशटैग ‘#ग्लूकोमामुक्तभारत’ नंबर पर रहा। ट्विटर के ट्रेंडिंग टॉपिक्स में पहला स्थान, देश भर में करोड़ों लोगों की रुचि को आकर्षित करते हुए। इस अभियान को तब महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला जब बॉलीवुड सेलिब्रिटी रणविजय सिंह ने अपनी मां के साथ अभियान की शुरुआत की। उनकी भागीदारी के साथ-साथ पूरे अभियान में शामिल 100 प्रभावशाली लोगों की भागीदारी के साथ, इस पहल ने 5 मिलियन से अधिक प्रभावशाली भागीदारी हासिल की, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में प्रभावी ढंग से जागरूकता फैल गई।

बॉलीवुड अभिनेता रणविजय सिंह विभिन्न चिकित्सा और जीवनशैली प्रभावितों, डॉक्टरों और स्थानीय संघों के सहयोग से चलाए गए इस सप्ताह भर के अभियान के राजदूत थे और भारत में 2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचे।

सप्ताह भर के अभियान के दौरान, समर्पित क्षेत्र टीम द्वारा पूरे भारत में प्रभावशाली गतिविधियों की एक श्रृंखला को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया गया। भारत के 350 से अधिक जिलों में गाँव स्तर से लेकर कस्बों और स्तरीय शहरों तक ग्लूकोमा जागरूकता रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें 2000 से अधिक डॉक्टरों और उनके स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इन रैलियों ने जनता को ग्लूकोमा की शीघ्र पहचान और उपचार के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए मंच के रूप में कार्य किया।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों के क्लीनिकों में ग्लूकोमा शिविर स्थापित किए गए, जिससे बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1.5 लाख से अधिक रोगियों तक पहुंच बनाई गई। फ़ील्ड टीम ने दृष्टि जांच की और ग्लूकोमा पर सूचनात्मक पत्रक वितरित किए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि व्यक्तियों को स्थिति और इसके प्रबंधन के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, मतानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मा ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह को चिह्नित करते हुए और अपने राष्ट्रीय अभियान पर प्रकाश डालते हुए, अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी वार्षिक सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। सम्मेलन में, प्रमुख ग्लूकोमा डॉक्टरों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में महत्वपूर्ण संदेश देने वाले 30 से अधिक रोगी शिक्षा वीडियो रिकॉर्ड किए गए, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों को और बढ़ावा मिला।

पहल पर टिप्पणी करते हुए, ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ, श्री निखिल के मसुरकर ने कहा, “भारत में नेत्र स्वास्थ्य के समर्थक के रूप में, ‘ग्लूकोमामुक्तभारत’ पहल के साथ हमारा लक्ष्य हमारे समुदायों में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। यह अभियान था हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से लक्षित किया गया है ताकि वे अपने माता-पिता और दादा-दादी को ग्लूकोमा के लिए परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

डॉ. रोमा जौहरी ने बताया कि “वैश्विक स्तर पर अपरिवर्तनीय अंधेपन के लिए ग्लूकोमा प्राथमिक योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। हालांकि, शीघ्र पता लगाने और उपचार के साथ, ग्लूकोमा से संबंधित 90 प्रतिशत तक अंधेपन के मामलों को रोका जा सकता है। नियमित नेत्र परीक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ऊंचे स्तर पर हैं जोखिम, दृष्टि की सुरक्षा के लिए शुरुआत में ही स्थिति का निदान और प्रबंधन करने में। हमें मटानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के साथ सहयोग करने पर गर्व है, जो ग्लूकोमा की सार्वजनिक समझ को बढ़ाता है और ग्लूकोमा-प्रेरित अंधापन को रोकने में नियमित आंखों की जांच के महत्व पर जोर देता है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बलिया में भव्य योग कार्यक्रम संपन्न

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आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर बिल्थरा रोड के द्वारा योग कार्यक्रम का आयोजन स्वामी विवेकानंद प्रभात शाखा मिडिल स्कूल पर नगर के स्वयंसेवकों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। जिसमें अतिथि क्रम में नगर संघचालक माननीय संजय जी भाईसाहब की गरिमामय उपस्थिति रही व जिला सम्पर्क प्रमुख श्रीमान अमित जी भाईसाहब का मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ।

अपने बौद्धिक में अमित जी भाईसाहब ने ब्यक्ति के जीवन में योग के महत्व को विस्तृत रूप से बतलाया कि कैसे अनादि काल से हमारे ऋषि मुनि व पुर्वज योग साधना व संयमित जीवन शैली अपनाकर अपने जीवन मे पुर्ण स्वस्थ व खुशहाल रहते थे।इसी क्रम में संगठन द्वारा सताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन के विषयों को पहला- सामाजिक समरसता दुसरा- कुटुबं प्रबोधन, तिसरा- पर्यावरण, चौथा-नागरिक कर्तव्य व पाचवां- स्व आधारित जीवन रचना पर भी गम्भीरता पूर्वक स्वयंसेवकों के बतलाया कि कैसे हम इनके माध्यम से अपने जीवन में आत्मसात कर कैसे हम समाज हित व देश हित में अपना महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।

बौद्धिक के पूर्व आयुष जी ने अमृतवचन व पवन जी द्बारा सुभाषित हुआ। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद प्रभात शाखा की छोटी छोटी बहनों के द्वारा सुंदर रंगोली बनाई गई थी। इस कार्यक्रम में योग शिक्षक के रूप में नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख अशोक गुप्ता जी व आदित्य गुप्ता जी ने योग कराया। जिसमें सहनगर कार्यवाह विजय सिंह, अजय पटेल, सर्वजीत सोनी, विवेक श्रीवास्तव, प्रदीप सोनी,हेमंत शुक्ला, डा० राघवेंद्र मिश्रा,संजय गुप्ता, सुरेश गुप्ता, पिन्टू मौर्या,जय प्रकाश बर्नवाल बैद्य,गोरख मद्बेशिया, बलराम वर्मा, राजेश गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, अनिल जायसवाल,सतीश गुप्ता सभासद, वैद्य अखिलेश गुप्ता, अभिषेक बर्नवाल, धन्य सोनी, मुरारी वर्मा,सजित, शुभम, अंश, सागर, मोहित आदित्य के साथ पुर्व विधायक धनंजय कनौजिया, नगर कार्यवाह पवन वर्मा सहित भारी संख्या में ब्यव़सायी,बाल,बालिका व तरुण स्वयंसेवक बन्धुओ की उपस्थिति रही।

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बलिया

बलिया महिला अस्पताल में एनडीआरएफ ने कराया आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण

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बलिया जिले में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने गुरुवार को जिला महिला चिकित्सालय, सदर बलिया के स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया। इस कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ को विभिन्न आपदाओं से निपटने की तकनीकी जानकारी और व्यावहारिक अभ्यास कराया गया।

एनडीआरएफ उपमहानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का नेतृत्व टीम कमांडर निरीक्षक राम यज्ञ शुक्ला ने किया। टीम के विशेषज्ञों ने भूकंप, आगजनी, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव के उपायों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। इसमें इम्प्रोवाइज्ड राफ्ट और स्ट्रेचर बनाना, घायलों को प्राथमिक उपचार देना, रक्तस्राव रोकना, चोटों को स्थिर करना और सीपीआर जैसी जीवन रक्षक तकनीकों का अभ्यास शामिल था।

प्रशिक्षण के दौरान एनडीआरएफ की महिला रेस्क्यूर टीम ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और स्टाफ को आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया के गुर सिखाए। टीम के सदस्यों में ओम प्रकाश, शशि शेखर राय और अमित कुमार राय प्रमुख रूप से शामिल रहे।

इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुमिता सिन्हा, अन्य डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, गार्ड एवं क्लिनिकल कर्मचारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य अस्पताल स्टाफ की आपदा प्रबंधन क्षमता को बढ़ाना और आपात स्थितियों में कुशल प्रतिक्रिया देना था।

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मोदी सरकार के 11 साल: भाजपा नेता ‘रिंकू’ वर्मा ने जनता के सामने रखा उपलब्धियों का लेखा-जोखा

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हाल ही में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 11 वर्षों का ऐतिहासिक सफर पूरा किया।

भाजपा नेता यशवीर सिंह वर्मा ‘रिंकू’ ने मोदी सरकार की  उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय राजनीति के प्रेरणास्त्रोत और जनसेवा के प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि इस कालखंड में भारत ने न केवल प्रशासनिक ढांचे को सेवा का माध्यम बनाया, बल्कि उन करोड़ों लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम किया जो दशकों तक विकास से वंचित थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लगभग 3 करोड़ परिवारों को पक्के घर मिले, जिससे गरीबों का सपना साकार हुआ। हर घर जल मिशन के जरिए देश के उन इलाकों में भी शुद्ध पेयजल की सुविधा पहुंचाई गई, जो आजादी के 70 वर्षों बाद भी इससे वंचित थे। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 55 करोड़ से अधिक नागरिक बैंकिंग से सीधे जुड़े, जिससे सरकारी लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचे।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 33 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऋण स्वीकृत हुए, जिससे कई करोड़ युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिले। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 8.5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त इलाज मिला, जो गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 81 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन की सुविधा मिली, विशेषकर कोरोना काल में यह योजना जीवन रक्षक बनी।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण कर देश को स्वच्छता की दिशा में मजबूत आधार दिया गया। इनके अतिरिक्त भी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कल्याणकारी कार्य किए हैं, जो देश की सामाजिक और आर्थिक संरचना को मजबूती प्रदान करते हैं।

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