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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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जमुना राम मेमोरियल स्कूल में बाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्सव

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चितबड़ागांव (बलिया)। जमुना राम मेमोरियल स्कूल, मानपुर चितबड़ागांव में आज बाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों ने विज्ञान से जुड़े विविध प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए, जिनमें फोटोसिंथेसिस, किडनी फंक्शन, सोलर सिस्टम और वाटर साइकिल प्रमुख रहे।

मुख्य अतिथि, सोहाव ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी श्री लाल जी तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व ए.आर.पी श्री अमरीश तिवारी जी ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन से किया।

समापन पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि और प्रबंध निदेशक श्री तुषार नंद ने बच्चों की रचनात्मकता और प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर प्रबंध निदेशिका सौम्या जी, सीनियर कोऑर्डिनेटर अरविंद चौबे, प्राइमरी इंचार्ज नीतू मिश्रा और सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन आनंद मिश्रा ने किया।

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बलिया में नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता अभियान आयोजित

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फेफना (बलिया)। स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंहपुर में नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया। होलीपथ कान्वेंट स्कूल, सिंहपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक सुभान अंसारी, अध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान थाना अध्यक्ष फेफना विश्वदीप सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों को 1 जुलाई 2024 से लागू हुए तीन नए कानूनों — भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita – BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam – BSA) — के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इन नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक लोकहितकारी, समयबद्ध और पारदर्शी बनाना है। साथ ही विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने परिवारों और समाज में भी इस संबंध में लोगों को जागरूक करें।

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बलिया – छठ पर्व पर सीयर ब्लॉक प्रमुख आलोक सिंह की सौगात, घाटों तक जगमग हुआ रास्ता !

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बलिया। छठ महापर्व के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह ने क्षेत्रवासियों को रोशनी की सौगात दी। उन्होंने सीयर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में छठ घाटों तक जाने वाले प्रमुख मार्गों और पूजा स्थलों पर हाईमास्ट लाइटें लगवाकर व्यवस्था को नया रूप दिया।

जानकारी के अनुसार ससना बहादुरपुर, मोहम्मदपुर, फरसाटार और चैनपुर गुलौरा ग्राम पंचायतों में छठ घाट स्थल तक पहुंचने वाले मुख्य रास्तों तथा पूजन स्थलों पर हाईमास्ट लाइटें स्थापित की गई हैं। लाइटें लगने के बाद रात्रिकालीन पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को पहले से कहीं अधिक सुविधा मिली है, जिससे लोगों ने राहत और खुशी दोनों का इज़हार किया।

ग्रामवासियों ने इस सराहनीय पहल के लिए ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह का आभार जताते हुए कहा कि “अब घाट तक का रास्ता न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि पहले से कहीं अधिक जगमगाता भी है।”

गौरतलब है कि ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह अपने जनहितकारी और विकासोन्मुख कार्यों के लिए क्षेत्र में व्यापक रूप से चर्चित हैं। हाल ही में उनके नेतृत्व में सीयर ब्लॉक को विकास कार्यों के आधार पर जनपद का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉक घोषित किया गया, जो उनके कार्यकुशल नेतृत्व का प्रमाण है।

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