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बलिया में CM का दौरा, जिला अस्पताल से दूरी और मौतों पर चुप्पी क्या कहती है?

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बलिया में जारी हीट वेव के कहर के बीच कल यानी बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ जिले के दौरे पर थे. सीएम योगी ने 3000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान सीएम योगी चुनावी हुंकार भरते हुए भी नजर आए. दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी यानी कि बीजेपी महा जनसंपर्क अभियान चला रही है. जिसके तहत योगी आदित्यनाथ अलग-अलग जिलों के दौरे कर रहे हैं.

बलिया में पिछले कुछ दिनों से हीटवेव के चलते 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में आज सीएम योगी का दौरा खास माना जा रहा था. उम्मीद की जा रही थी कि मुख्यमंत्री बलिया जिला अस्पताल जा सकते हैं. जहां हीट वेव की चपेट में आए लोगों को भर्ती कराया गया है. हालांकि सीएम योगी अपने पहले से तय कार्यक्रम के तहत ही जिले में रहे. मुख्यमंत्री जब एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे तब भी उन्होंने हीट वेव का जिक्र नहीं किया.

अबतक क्या हुआ एक नज़र 

हीट वेव से हड़कंप:

“हमारी चाची थीं. हल्का-फुल्का बुखार हुआ. दम फूलने लगा. ज़िला अस्पताल लेकर आए थे. सोचे थे कि कुछ समाधान हो जाएगा. लेकिन उनकी मौत हो गई. हॉस्पिटल में पैर रखने की जगह नहीं है. और भी मौतें हुई हैं.” बलिया के नसीम ये कहकर चुप-चाप ज़िला अस्पताल के भीतर चले गए. रजनीश अपने दोस्त के पिता को लेकर उसी ज़िला अस्पताल में पहुंचे. रजनीश कहते हैं, “मेरे मित्र के पिता की उम्र क़रीब 70 साल है. उनकी तबीयत बिगड़ी तो यहां ले आए. लेकिन स्थिति बेहद दयनीय है. इमरजेंसी वार्ड में पंखा तक ठीक से नहीं चल रहा है. डॉक्टर और स्टाफ भी पर्याप्त नहीं हैं.”

ये कहानी बलिया के दो लोगों ने ऑन कैमरा सुनाई. लेकिन ऐसा ही मिलता-जुलता हाल लगभग दो सौ से ज्यादा लोगों का है. इनमें से कई परिवारों ने अपने किसी रिश्तेदार को खो दिया है. तो कई अभी भी ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बलिया में हीट वेव या कहें कि लू कहर बनकर टूटा है. आंकड़े कहते हैं कि अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है. तो वहीं करीब 400 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. 16 जून को सबसे पहले बलिया के सीएमओ की ओर से एक लिखित बयान जारी किया गया है. जिसमें ये जानकारी दी गई कि ज़िला अस्पताल में 15 जून को 23 लोगों की और 16 जून को 11 लोगों की मौत हुई है. लगभग सभी मरीज बुजुर्ग थे और अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित थे. इलाज़ के दौरान इनकी मौत हो गई.

मौत की वजह और बयानबाजी:

इस प्रेस रिलीज के आने से पहले ही जिला अस्पताल में दम तोड़ते लोगों की ख़बर ने बलिया में हड़कंप मचा दिया था. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के बाद ज़िला प्रशासन एक्टिव हुआ. पूर्व CMS दिवाकर सिंह ने 16 जून को मीडिया में बयान दिया कि “जिन लोगों की मौत हुई है वो अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित थे. गर्मी बढ़ने की वजह से हो सकता है कि उनकी बीमारी और उभर कर आ गईं. गंभीर हालत में अस्पताल लाए गए. अस्पताल में पूरी व्यवस्था थी. लेकिन जांच और इलाज़ के दौरान ये लोग मर गए.”

 

दिवाकर सिंह के इस बयान के बाद उन्हें सीएमएस के पद से हटा दिया गया. बलिया के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि “अप्रमाणित बयान की वजह से दिवाकर सिंह को सीएमएस के पद से हटाया गया है.”

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का भी बयान सामने आया है. बृजेश पाठक ने कहा कि “अख़बारों में बलिया की जो घटना छपी है सरकार ने उसे गंभीरता के साथ लिया है. निदेशक स्तर के दो वरिष्ठ चिकित्सकों को बलिया भेजा गया है. जो स्थिति की जानकारी लिखित रूप में शासन को देंगे.” सीएमएस को हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि “लापरवाही पूर्वक बयान जारी करने की वजह से अधिकारी को हटाया गया है. क्योंकि बगैर जानकारी के उन्होंने हीट वेव के बारे में बयान जारी किया था.”

उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री और बलिया सदर सीट से बीजेपी के विधायक दयाशंकर सिंह ने भी बयान दिया. दयाशंकर सिंह ने कहा कि “गर्मी के समय में मृत्यु दर बढ़ जाती है. ये पहले का भी है. मरने वालों में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं. ये जेनरली होता है.”

यूपी सरकार ने बलिया में हो रही मौतें के लिए दो निदेशकों डॉ. एके सिंह और डॉ. केएन तिवारी को बलिया भेजा है. टीम ने ज़िला अस्पताल में भर्ती 25 मरीजों के ब्लड सैंपल लिए हैं.

भीषण गर्मी का प्रकोप:

बीते शनिवार यानि 17 जून को बलिया में अधिकतम तापमान 43°C दर्ज किया गया था. जो कि सामान्य दिनों की तुलना में 5 डिग्री ज्यादा था. 16 जून को भी तापमान 34°C से 43°C के बीच रहा. 16 जून को दोपहर के बाद तापमान 40°C के आसपास बना रहा. 17 जून को पारा कुछ और ऊपर चढ़ा और 44°C तक पहुंचा. इस हद तक गर्मी के दौरान बलिया में लगातार बिजली कटती रही. 14 जून के बाद से बिजली कटौती में बढ़ोतरी देखी गई. कहीं ट्रांसफार्मर जलने की वजह से तो कहीं सामान्य तौर पर बिजली कटने की शिकायतें सामने आई हैं.

गौरतलब है कि पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती के मामले देखने को मिले. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 जून को बैठक भी की थी. विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि किसी भी हाल में 22 जून तक बिजली की आपूर्ति लगातार होनी चाहिए.

अस्पताल की व्यवस्था चरमराई:

इन सब के बीच बलिया दो बातों के बीच कराहता हुआ दिख रहा है. एक तरफ शासन और प्रशासन के दावे हैं. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार से लेकर यूपी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह तक ज़िला अस्पताल में पूरी व्यवस्था होने का दावा करतें हैं. दूसरी तरफ है उन लोगों की दास्तान जो ज़िला अस्पताल की ख़राब व्यवस्था को झेल रहे हैं. क्योंकि उनके पास कोई और चारा नहीं है.

बलिया नगर के काशीपुर क्षेत्र के रविकांत पांडेय कहते हैं कि “मेरे चाचा को दोपहर में एकाएक बहुत तेज बुखार आ गया. उन्हें हम लेकर हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन यहां इमरजेंसी की स्थिति बहुत बुरी है. अस्पताल में जितने लोग आ रहे हैं ज्यादातर को बुखार है, सिर में दर्द के साथ उल्टी हो रही है.” रविकांत रुंधी हुई आवाज़ में कहते हैं कि “यहां दो-चार लोग भर्ती होने आ रहे हैं तो दो-चार डेड बॉडी निकल रही है. आलम ये है”

1 डॉक्टर, 30 हज़ार आबादी:

2011 की जनगणना के मुताबिक बलिया की आबादी 32 लाख से अधिक है. ज़िले के सीएचसी, पीएचसी और ज़िला अस्पताल को मिलाकर लगभग 205 डॉक्टरों के पद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इनमें से लगभग 100 पद खाली हैं. यानि 105 डॉक्टरों के भरोसे बलिया की 32 लाख आबादी है.

ज़िला अस्पताल में आए मरीज़ों ने जो शिकायतें की हैं उनमें एक डॉक्टर और स्टाफ की कमी है. इमरजेंसी वार्ड में कायदे से देखभाल की कमी है. जाहिर है कि एकाएक मरीज़ों की संख्या बढ़ने की वजह से अस्पताल पर दबाव भी बढ़ा है.

बलिया में देर से जगा विपक्ष ने उठाए सवाल:

बलिया में लू से बिगड़ी स्थिति को लेकर विपक्षी पार्टियों के प्रदेश के नेताओं ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लिया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि “गर्मी और हीट स्ट्रोक की वजह से बलिया में हो रही मौतें दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. अस्पताल में गरीबों को इलाज नहीं मिलने के लिए सरकार जिम्मेदार है.”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि “यूपी के अलग-अलग जिलों में भीषण गर्मी और लू के चलते 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. अकेले बलिया जिले में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. इससे पता चलता है कि तमाम बड़े-बड़े दावों के बावजूद प्रदेश में गर्मी एवं लू की मार से निपटने के लिए बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं हैं. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”

वहीं जिले के विपक्षी नेताओं ने 4 दिन तक इस मामले से दूरी बनाई रखी।  बहरहाल बलिया की स्थिति फिलहाल बेहद ख़राब है. सरकार का दावा है कि हालात काबू में हैं. लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट नज़र आ रही है.

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बलिया में 2 छात्राओं की मिला 1 दिन के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी बनने का मौका

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बलिया में 2 छात्राओं को जिला प्रोबेशन अधिकारी बनने का मौका मिला। दोनों छात्राओं ने 1 दिन के लिए प्रोबेशन अधिकारी की सांकेतिक भूमिका का निर्वहन किया। मिशन शक्ति विशेष अभियान फेस-5 के अंतर्गत 1 दिन की जिला प्रोबेशन अधिकारी बालिकाओं और महिलाओं द्वारा सांकेतिक भूमिका निर्वहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की B.A(LLB) की छात्रा साक्षी सिंह तथा गुलाब देवी इंटर कॉलेज की 12वीं की छात्रा खुशी वर्मा को जिला प्रोबेशन अधिकारी बनाया गया। केंद्र प्रशासक प्रिया सिंह ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की बढ़ाई गई धनराशि, स्पॉन्सरशिप योजना तथा निराश्रित पेंशन के बारे में जानकारी दी।

इसके साथ ही वन स्टाप सेंटर तथा चाइल्ड हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली एवं वहां प्राप्त होने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। 18 वर्ष से कम उम्र के बालक-बालिकाओं के साथ हों रही यौन हिंसा से बचने व उनकी शिकायत करने, अपनी बात खुलकर रखने के बारे में जानकारी दी गई।

सरकार द्वारा संचालित हेल्पलाइन नंबर 1098, 181, 1090 की जानकारी भी प्रदान की गई। दहेज प्रथा को समाप्त करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने ,बाल श्रम को रोकने के प्रति सभी को जागरूक किया गया। इस अवसर पर सहायक लेखाकार प्रदीप चौबे, जयप्रकाश यादव, नीलम शुक्ला, हर्षवर्धन, बैजंतीमाला और छात्राएं उपस्थित रही।

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बलिया के फेफना में अम्बेडकर प्रतिमा को अराजक तत्वों ने किया क्षतिग्रस्त, मौके पर पहुंची पुलिस

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बलिया के फेफना में कर्ची परीवा गांव में स्थापित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इसकी जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में आक्रोशित लोग घटना स्थल पर पहुंचे। मौके पर पुलिस पहुंची और किसी तरह लोगों को शांत कराया।

जानकारी के अनुसार, क्षेत्र के कर्ची परीवा में भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को अराजक तत्वों द्वारा देर रात को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। वहीं, प्रतिमा के क्षतिग्रस्त की सूचना पाकर सुबह से ही क्षेत्र के बसपा नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। इसमें विधानसभा प्रभारी अरुण कुमार, संजय भारती, अनुज कुमार, श्रवण कुमार, नरेंद्र धूसिया, अशोक भारती, अजीत कुमार, सुनील भारती सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे और जमकर नारेबाजी की।

उधर, सूचना पाकर पहुंचे क्षेत्राधिकारी सदर श्यामकांत थानाध्यक्ष फेफना बृजमोहन सरोज सहित थानाध्यक्ष चितबड़ागांव प्रशांत चौधरी व थाना गड़वार दलबल के साथ पहुंच लोगो को समझाया गया। इसके बाद क्षेत्राधिकारी सदर ने दूसरी प्रतिमा लगवाने की बात पर ग्रामीणों ने बात मानी। इस संबंध में बृजमोहन सरोज ने बताया कि ग्रामीणों के तहरीर पर के अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर क्षतिग्रस्त मूर्ति की जगह दूसरी मूर्ति लगवाने और जांच के बाद दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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बलिया पुलिस की मोबाइल रिकवरी सेल ने ढूंढ निकाले 70 मोबाइल, एसपी ने लोगों को वापस लौटाए

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बलिया पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षत उत्तरी और दक्षिणी के कुशल पर्यवेक्षण में गठित मोबाइल रिकवरी सेल ने बेहतरीन कार्य किया है। रिकवरी सेल ने कुल 70 मोबाइल बरामद किए। इसके बाद एसपी ने मोबाइल स्वामियों को बुलाकर उन्हें मोबाइल सुपुर्द किए।

जनपद बलिया सर्विलांस सेल द्वारा जब्त 70 मोबाइलों की कीमत लगभग 12 लाख 60 हजार रूपये है। अपने खोए हुए मोबाइल वापस पाकर वाहन स्वामियों के चेहरे पर खुशी लौट आई। मोबाइल फोन रिकवरी सेल में निरीक्षक विश्वनाथ यादव, मुख्य आरक्षी देवेन्द्र सरोज, मुख्य आरक्षी रोहित कुमार, आरक्षी विकास सिंह, आरक्षी विनोद रघुवंशी और आरक्षी अर्जुन यादव शामिल हैं, जिनके अथक प्रयास से मोबाइल फोन बरामद किए गए।

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