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Good News- इस भयंकर जन्मजात बीमारी का इलाज अब बलिया में हुआ संभव

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बलिया में जन्म से ही टेढ़े-मेढ़े हाथ-पैर वाले बच्चों का इलाज अब संभव हो सकेगा। जिले में जन्मजात हाथ-पैर से विकलांग बच्चों का उपचार राष्ट्रीय बाल विकास कार्यक्रम आरबीएसके की सहायता से होगी। जिला अस्पताल में हर सप्ताह मंगलवार को मीरेकल फीट इंडिया एक क्लब फुट क्लीनिक खोलेगी। जहां दो साल की उम्र तक के ऐसे बच्चों का उपचार किया जाएगा। पोसेटी तकनीक के द्वारा ऐसे बच्चों को ठीक किया जाएगा। बलिया जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ. संतोष चौधरी ने कहा कि “बलिया जिला अस्पताल में यह इलाज शुरू किया जा चुका है।अब तक हमारे यहां कुल चार बच्चे आए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है। इन बच्चों में 70 प्रतिशत तक सुधार देखा जा रहा है।” बता दें कि मिरेकल फीट इंडिया बलिया के अलावा वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, सोनभद्र समेत कुल 34 जनपदों में यह काम कर रहा है। हालांकि बलिया में अभी सिर्फ दो साल तक के बच्चों का ही इलाज हो रहा है। अस्पताल की ओर से यह जानकारी दी गई कि दो से पांच साल तक के बच्चों का उपचार वाराणसी में होगा।

आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ. हरिनंदन प्रसाद ने बताया कि क्लब फुट के कारण जन्म से ही कई बच्चे अपने पैर पर खड़े नहीं हो पाते हैं। ऐसे बच्चों के पैर का इलाज पोसेटी तकनीकी के जरिए किया जाता है। पोसेटी तकनीक में लगभग पांच से आठ हफ्ते का समय लगता है। इसके बाद एक ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन से बच्चों के पैर को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलती है।आठ सौ में से एक बच्चा है इस बीमारी का शिकार- भारत में आठ सौ में से एक बच्चा क्लब फुट बीमारी का शिकार है। बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा कार्यालय के सभागार में मिरेकल फीट इंडिया ने एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सीएचसी, पीएचसी के चिकित्सकों और बीपीएम ने भाग लिया। कार्यक्रम में टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों के बीमारी के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण दे रहे भूपेश ने बताया कि इस बीमारी के कारणों का अब तक पता नहीं लगाया जा सका है। उन्होंने बताया कि संस्था लगभग चौदह सौ बच्चों का उपचार कर रही है। जिनमें नौ सौ बच्चों में सुधार देखा गया है।

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स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी के योगदान और उनके जीवन के आदर्शों को सच्ची श्रद्धांजलि

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मुजौना के पूर्व प्रधान श्री धर्मजीत सिंह जी (पति – स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी) बताते हैं कि, “मैं 17 साल तक प्रधान रहा और मेरी धर्मपत्नी 5 वर्ष तक प्रधान पद पर रहीं। उनका गांववासियों के साथ व्यवहार हमेशा एक परिवार की तरह था।” इसके बाद, श्री सिंह एक महत्वपूर्ण घटना का उल्लेख करते हुए बताते हैं, “1980 के दशक में भारत सरकार की पुनर्वास योजना के तहत, लगभग 20 बिगहा ग्राम समाज की भूमि पर गांववासियों को बसाने की प्रेरणा मुझे मेरी धर्मपत्नी से मिली। यह सरकारी योजना थी, लेकिन उस समय कई बाधाएं भी सामने आईं। बावजूद इसके, मुझे जो आत्मबल और सहयोग उनसे मिला, वह एक अनमोल अनुभव था।”

वह आगे कहते हैं, “गांववासियों का जो स्नेह हमें मिला, वह अभूतपूर्व था। प्रत्येक वर्ष जरूरतमंदों के बीच वस्त्र वितरण से लेकर आवश्यक सामग्रियों का वितरण, यह उनकी प्राथमिकता रही।”

स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी के ज्येष्ठ पुत्र, ब्लाक प्रमुख (सीयर) श्री आलोक कुमार सिंह कहते हैं, “2015 में मैंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मां की प्रेरणा से की। कर्मभूमि के रूप में मैंने अपनी जन्मभूमि को चुना और गांव का प्रधान बना।” एक किस्सा साझा करते हुए श्री सिंह कहते हैं, “मेरे कार्यकाल में जब सभी गांववासियों के आवास बन रहे थे, तो मां ने खुशी जताते हुए कहा, ‘यह मेरी अधूरी इच्छा थी, जो अब पूरी हो रही है।’ मां की इच्छा थी कि गांव का हर परिवार मूलभूत सुविधाओं से युक्त हो, और इसका सबसे बड़ा कारण था कि उनका गांववासियों के साथ एक विशेष पारिवारिक रिश्ता था।”

इसके बाद, जब सीट आरक्षित हुई, तो श्री सिंह के पारिवारिक सहयोगी श्री देवनाथ राजभर की धर्मपत्नी, श्रीमती गीता राजभर प्रधान बनीं। मां की ही इच्छा थी कि श्रीमती राजभर ग्राम प्रधान के रूप में चुनाव लड़े। उनके प्रधान बनने के बाद भी, गांववासियों के प्रति विकास और सहयोग की रफ्तार पहले की तरह बनी रही।

श्री अनूप सिंह “मंटू”, छोटे पुत्र और महादेव कंस्ट्रक्शन के प्रबंध निदेशक, बताते हैं, “मेरी मां का जन्म एक बड़े, कुलीन और सांस्कारिक परिवार में हुआ था, जिससे उन्हें परिवार को एकजुट रखने और रिश्तों में समन्वय स्थापित करने की अद्भुत क्षमता विरासत में मिली। वह सादगी, सद्भाव, विनम्रता और करुणा की प्रतिमूर्ति थीं। हमारी परवरिश में, परिवार को एकीकृत करने और एक आदर्श परिवार की स्थापना में उनके संस्कार स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ते हैं। हम सभी उनके विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, और वह हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी।” 

स्मृति शेष उद्गार
स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी की याद में

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यूपी कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले, बलिया में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 14.08 एकड़ भूमि को मिली मंजूरी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इन फैसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बलिया जिले में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 14.08 एकड़ भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई है। इसमें से 12.39 एकड़ भूमि पर मेडिकल कॉलेज बनेगा, जबकि लगभग 2 एकड़ भूमि पर स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे की मूर्ति स्थापित की जाएगी और उसका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इस मेडिकल कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे के नाम पर रखा जाएगा, जो देश की आज़ादी के संघर्ष में अहम योगदान के लिए याद किए जाते हैं।

इसके साथ ही, सैफई स्थित आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में 300 बेड वाले गायनी ब्लॉक के निर्माण को लेकर वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सैफई मेडिकल कॉलेज के लिए 1 अरब 76 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसके तहत वहां अतिरिक्त 300 बेड जोड़े जाएंगे।

इसके अलावा, बुलंदशहर में एक नया नर्सिंग कॉलेज खोला जाएगा और राष्ट्रीय कृषि विद्यालय की 4570 वर्गमीटर भूमि को भी चिकित्सा शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित किया जाएगा आगरा मेट्रो परियोजना के तहत, मेट्रो डिपो के निर्माण के लिए गृह विभाग की भूमि को शहरी नियोजन विभाग के पक्ष में निशुल्क हस्तांतरण की मंजूरी दी गई।

किसानों के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, योगी सरकार ने गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं का MSP अब 2425 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जो कि 17 मार्च से 15 जून तक लागू रहेगा।

 

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बलिया की फेफना पुलिस ने दुष्कर्म के वांछित अभियुक्त को किया गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने शनिवार को दुष्कर्म के मामले में वांछित अभियुक्त को मन्नोपुर गांव के पास गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में कार्रवाई करते हुए उसे न्यायालय में पेश किया।

इस मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विजय शंकर यादव, निवासी मन्नोपुर ने एक तहरीर दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ज्ञान प्रकाश यादव उर्फ अंकुश यादव, पुत्र रामजी यादव, निवासी मन्नोपुर (खलीलपुर), उम्र लगभग 22 वर्ष ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा लिया था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया था और आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी।

विवेचना के दौरान, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली, जिसके आधार पर अभियुक्त को मन्नोपुर स्थित पोल्ट्री फार्म के पास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए आरोपी को न्यायालय भेज दिया। इस गिरफ्तारी में उ.नि. वकील सिंह और आरक्षी सुरेन्द्र कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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