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बलिया स्पेशल

बलिया के सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल, सोनाडीह में फार्मासिस्ट के सहारे होता है इलाज़

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belthara Raod sonadih

बिल्थरारोड (बलिया) एक तरफ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं की मुक्कमल ब्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भारी भरकम बजट खर्च कर रही है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं अस्त-व्यस्त हो गई है ।

जिससे मरीजों को सरकारी सुविधाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता ।इसकी बानगी न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनाडीह में देखने को मिल रही है, जहां व्याप्त दुर्व्यवस्था के चलते मरीज अस्पताल में इलाज कराने से कतराते हैं।हालांकि कागजों में इस अस्पताल पर दो चिकित्सकों की तैनाती है ,लेकिन चिकित्सक कभी समय से ड्यूटी नहीं करते।

दोनों चिकित्सक सप्ताह में सिर्फ एक या दो दिन कुछ समय के लिए अस्पताल पर आते हैं ।यह अस्पताल फार्मासिस्ट के सहारे ही चलता है ।एक चिकित्सक और एक फार्मासिस्ट को सोनाडीह का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, जबकि उनकी तैनाती अन्यत्र की गई है ।इसके अलावा केंद्र पर वार्ड ब्वाय, एएनएम,स्वीपर समेत कुल आठ स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती है, लेकिन कोई भी कर्मचारी अस्पताल पर निर्धारित समय अवधि तक मौजूद नहीं रहता।

अस्पताल की दीवार ध्वस्त हो गई है ,जिसके चलते अस्पताल परिसर आवारा पशुओं की चारागाह के रूप में तब्दील हो गया है। पेयजल की माकूल व्यवस्था नहीं है। अस्पताल के एकमात्र हैंडपंप से प्रदूषित जल निकल रहा है ,जिससे मरीजों व तीमारदारों को पानी के लिए इधर- उधर भटकना पड़ता है।

अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदहाल है। जीवन रक्षक दवाओं का हमेशा अभाव बना रहता है ।अस्पताल की दुर्ब्यवस्था को देख लोगों को इलाज के लिए दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता है ।हालांकि क्षेत्रीय जनता ने तीन जिलों की सीमा पर स्थित अस्पताल पर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की मांग की है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण अस्पताल की दशा सुधारने की दिशा में अधिकारी संजीदा नहीं है, सोनाडीह निवासी अधिवक्ता विरेन्द्र सिंह ने कहा कि अति विख्यात सोनाडीह मंदिर परिसर में ही यह अस्पताल स्थित है जहां हर वर्ष चैत्र रामनवमी से भागेश्वरी-परमेश्वरी धाम पर महीने भर चलने वाला मेला लगता है।

इस बार भी 25 मार्च से मेला शुरू होगा।मेले में दूर-दराज से आने वाले हजारों मेलार्थियों के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन ने किसी प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा सुबिधा की ब्यवस्था नहीं की है यहां आये मेलार्थी जो अपनी मंगल मनोकामना के लिए कई दिन तक रुकते है।

मेलार्थियों को किसी प्रकार की चिकित्सीय सुबिधा की आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में सुविधायों के अभाव में मरीजो को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। इसको लेकर क्षेत्रीय जनता में आक्रोश ब्याप्त है।

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बलिया पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जेएनसीयू के दीक्षांत समारोह का किया शुभारंभ

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बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय (जेएनसीयू) के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उनके आगमन पर विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया और मेधावी छात्रों को पदक पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुलपति, शिक्षकों और छात्रों ने राज्यपाल का अभिनंदन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि वे शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी समझें और देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बधाई दी और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाए रखने की सराहना की।

समारोह में जिले के कई गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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Ballia News- जमुना राम मेमोरियल स्कूल में नवरात्रि पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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बलिया। नवरात्रि के पावन अवसर पर जमुना राम मेमोरियल स्कूल में सोमवार को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें नर्सरी से कक्षा 3 तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ दुर्गा के नौ रूपों की आकर्षक झांकी से हुई। बच्चों ने देवी के विविध स्वरूपों को जीवंत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष आकर्षण का केंद्र रहा महिषासुर मर्दन का दृश्य, जिसमें माँ दुर्गा के रूप में सजी बालिका ने अपने अभिनय से सभी को भावविभोर कर दिया।

इसके बाद रामायण से रावण वध का मंचन किया गया। भगवान श्रीराम द्वारा रावण का संहार कर असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया गया। इस अवसर पर रावण का पुतला दहन भी किया गया, जो समाज में व्याप्त बुराइयों के अंत का प्रतीक बना।

छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंग-बिरंगा डांडिया नृत्य कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। पारंपरिक पोशाकों में सजे बच्चों ने संगीत की धुन पर कदमताल कर पूरे वातावरण को उल्लास और उत्साह से भर दिया।

विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द और सह-निदेशक सौम्या प्रसाद ने रामायण और नवरात्रि के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को हमारी परंपराओं से जोड़ने पर बल दिया।
प्रधानाचार्या अबरी बघेल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूक रहने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू मिश्रा और शिक्षिकाओं — साधना राय, दीपा सिंह और सोनाली गुप्ता — का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अल्प समय में बच्चों को शानदार प्रस्तुतियों के लिए तैयार किया।

यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा, बल्कि बच्चों को भारत की समृद्ध परंपराओं और मूल्यों से जोड़ने का प्रभावशाली माध्यम भी बना।

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बलिया की राजनीति में हलचल: भानु दुबे जल्द कर सकते हैं सपा जॉइन, अटकलों का बाजार गर्म

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बलिया।
बलिया के प्रमुख सामाजिक नेता भानु दुबे जल्द ही समाजवादी पार्टी (सपा) जॉइन कर सकते हैं। हाल ही में उनके सोशल मीडिया पोस्ट और गतिविधियों से इस बात के कयास तेज हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भानु दुबे लगातार सपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी इन मुलाकातों और नेताओं के काफिलों में देखे जाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे जल्द ही सपा का दामन थाम सकते हैं।

भानु दुबे को ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। सामाजिक स्तर पर उनकी लोकप्रियता भी युवाओं में काफी मजबूत है। अगर वे सपा में शामिल होते हैं तो न केवल बलिया में पार्टी को मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में बलिया सदर सीट से उनकी दावेदारी भी बेहद मजबूत मानी जा रही है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भानु दुबे के सपा में आने से बलिया की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है।  और यह फैसला पूरे जिले के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि भानु दुबे कब और किस मंच से सपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इसके बाद जिले की राजनीति कौन सा नया मोड़ लेती है।

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