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बलिया: जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम, मरीजों को नहीं मिल पा रहा समय पर इलाज

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सरकार आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लाख दावे करती है, लेकिन बलिया जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं इन सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं। जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है।

हर दिन लगभग 15 सौ से दो हजार मरीज अपना इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन इनमें से कइयों को बिना इलाज के घर लौटना पड़ता है। पर्ची काउंटर से ओपीडी और जांच केंद्र तक लंबी लाइन से गुजरने के बाद जांच करने का नंबर आता है लेकिन तब तक ओपीडी बंद हो जाती है।

जिला अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को 1780 नए और 400 सौ के करीब पुराने मरीजों ने विभिन्न बीमारियों का इलाज कराया। कई मरीजों को अलग अलग विभाग के सामने लंबी लाइनें लगानी पड़ी। एक्सरे विभाग के गेट के सामने दो घंटे तक स्ट्रेचर और तीन घंटे लाठी के सहारे बुजुर्ग मरीज के खड़े रहने पर भी जांच हो सकी।

जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं के हालात यह हैं कि ओपीडी में इलाज कराने आ रहे मरीज को बिना ट्रीटमेंट व दवा चलाए बिना चिकित्सक तुरंत जांच लिख दे रहे हैं। इससे एक्सरे, पैथोलॉजी पर भीड़ जुट जा रही है, पहले जांच कराने के चक्कर में मारपीट व हंगामा आए दिन की कहानी हो गई है। मरीजों को घंटो लाइन में लगने के बावजूद जांच नहीं हो पा रही है। ज्यादा जांच करने के कारण सिटी स्कैन मशीन एक पखवाड़ा से खराब पड़ा हुआ है। मरीज जांच कराने के लिए रोज अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं।

मंगलवार को भरत गोंड का भांजा मनु कुमार सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। चिकित्सक की सलाह पर एक्सरे जांच कराने पहुंचे लंबी लाइन होने के कारण गेट पर मरीज को स्ट्रेचर पर सुलाया। करीब दो घंटे तक गेट पर बैठकर इंतजार करने के बाद जांच हुई। पिपरपाती निवासी 68 वर्षीय परमात्मा नंद चौबे को कई दिनों से खांसी की परेशानी है, निशुल्क जांच के इंतजार में डंडे के सहारे तीन घंटे खड़े होने के बाद जांच हुई।

सीएमएस डॉक्टर एसके यादव ने बताया कि जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। पर्ची काउंटर, जांच केंद्र व दवा काउंटर पर सुरक्षाकर्मी तैनात किया गया है। अस्पताल में सभी प्रकार की दवा व जांच निशुल्क मौजूद है।

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पहलगाम में हुई टारगेट किलिंग के विरोध में बलिया में प्रदर्शन, पाकिस्तान का पुतला फूंका

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा की गई निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नेतृत्व में टीडी कॉलेज चौराहे पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया। इस दौरान पाकिस्तान का पुतला भी जलाया गया, जो जनमानस के गहरे आक्रोश का प्रतीक बना।

आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहलगाम में मासूम लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की ज़रूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले तत्वों और देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आतंकवादी गतिविधियां भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनी रहेंगी। साथ ही उन्होंने वैश्विक समुदाय से भी आतंकवाद के समूल नाश की अपील की।

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बलिया में युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

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बलिया में एक युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। युवक बुलेट मोटरसाइकिल से पुल पर पहुंचा और अचानक नदी में कूद गया। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की तलाश शुरू की।

जानकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय प्रिंस तिवारी मऊ का रहने वाला था। वह दोपहर करीब साढ़े 12 बजे भागलपुर पुल पर पहुंची, उसने अपनी बुलेट गाड़ी खड़ी की। फिर कुछ देर तक पुल पर टहलता रहा। फिर अचानक रेलिंग के पास जाकर नदी में कूद गया। घटना देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

पुलिस जांच में पता चला कि युवक अपनी बुलेट में चाबी लगाकर और एक गमछे में आधार कार्ड लपेटकर छोड़ गया था। आधार कार्ड से युवक की पहचान मऊ जिले के अल्लीपुर मर्यादपुर थाना रामपुर निवासी स्वर्गीय अजय कुमार तिवारी के पुत्र प्रिंस तिवारी के रूप में हुई। भागलपुर चौकी और उभांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी है और युवक के शव की तलाश में जुटी है। यह पुल बेल्थरा रोड को देवरिया और बिहार से जोड़ता है। आत्महत्या के कारणों को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

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बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर ‘ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ का जेल भरो आंदोलन, 700 प्रदर्शनकारी गिरफ्त में

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बलिया जिला कलेक्ट्रेट परिसर सोमवार को छात्रों के गगनभेदी नारों से गूंज उठा, जब ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के विरोध में जेल भरो आंदोलन के तहत जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने लगभग 700 प्रदर्शनकारियों को प्रतीकात्मक रूप से हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

संगठन के प्रमुख अरविंद गोंडवाना ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने का शासनादेश जारी कर चुकी है, लेकिन बलिया जिला प्रशासन उसे लागू करने से कतरा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत मनियर में एसटी महिला के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है, जिसमें गोंड समुदाय की चार महिलाओं के नामांकन वैध पाए गए हैं—इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं जारी किए जा रहे।

वक्ताओं ने बताया कि संगठन पिछले 86 दिनों से कलेक्ट्रेट के मॉडल तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। यह मुद्दा संसद और विधानसभा तक में गूंज चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन टस से मस नहीं हो रहा। पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संरक्षक नागेंद्र बहादुर सिंह ‘झुन्नू’ ने छात्रवृत्ति में अनियमितताओं का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया।

इस बीच, सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों से जुड़ा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। हालांकि, संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे छात्र कर्फ्यू जैसा बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

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