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बलियाः रेल यात्री कृपया ध्यान दें, सितंबर से अक्टूबर तक निरस्त रहेंगी ये ट्रेनें

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रेलयात्रियों के लिए अहम खबर है। छपरा- वाराणसी रूट पर दोहरीकरण का काम होने से सितंबर से अक्टूबर माह तक कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी। इसको लेकर रेलवे ने सूचना जारी की है।

जानकारी के मुताबिक गौतम स्थान से छपरा तक दोहरीकरण कार्य चल रहा है। इसको लेकर सितंबर से अक्टूबर माह में करीब आधा दर्जन से ऊपर एक्सप्रेस ट्रेनों के निरस्त होगी। 15053 लखनऊ- छपरा एक्सप्रेस 20 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक और 15053 छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस 19 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक निरस्त रहेगी। वहीं 14523 – 14524 बरौनी- अंबाला हरिहरनाथ एक्सप्रेस अप डाउन, 15231-15232 बरौनी- गोंदिया एक्सप्रेस अप-डाउन नौ सितम्बर से 14 अक्टूबर 01025-01026 दादर सेंट्रल- बलिया दादर एक्सप्रेस अप-डाउन 20 से 13 अक्टूबर, 07651-07652 छपरा-जालना एक्सप्रेस अप- डाउन 22 से 25 अक्टूबर तक  निरस्त रहेगी।

इसके अलावा 09525- 09526 नाहरलगुन ओखा स्पेशल एक्सप्रेस अप डाउन 19 सितंबर से 14 अक्टूबर तक निरस्त रहेगी।स्टेशन अधीक्षक सुनील सिंह ने बताया कि गौतम स्थान से छपरा के बीच दोहरीकरण कार्य को लेकर ये ट्रेनें करीब एक माह तक निरस्त होने की संभावना है। अभी उच्चाधिकारियों द्वारा पत्र नहीं मिला है। उनके द्वारा मिले निर्देश पर यात्रियों को उक्त तिथि में सूची में शामिल ट्रेनों में टिकट आरक्षित न कराने की अपील की गई है।

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20 दिन बाद भी फरार है बलिया का ये BJP का ब्लॉक प्रमुख ! गिरफ्तारी में देरी क्यों ? सड़को पर उतरे वकील

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प्रयागराज के मशहूर वकील अखिलेश शुक्ला की हत्या के बाद जिस तरह से मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह की गिरफ्तारी में देरी हो रही है, उसने पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वजह है कि पुलिस अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है? कहीं यह बीजेपी से उसके जुड़े होने और राजनीतिक पहुंच की वजह से तो नहीं हो रहा?
रविवार को वकीलों ने म्योहाल चौराहे पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काफिला रोकने की मांग कर दी। उनका कहना था कि इतने दिनों बाद भी मुख्य आरोपी फरार है, तो पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा कैसे किया जाए? पुलिस बार-बार आश्वासन दे रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
कौन है अतुल प्रताप सिंह?
अतुल प्रताप सिंह बलिया जिले से बीजेपी का गड़वार ब्लॉक प्रमुख है। पहले से ही उस पर कई गंभीर मामले दर्ज है, फिर भी वह खुलेआम घूम रहा है।  पुलिस ने भले ही उस पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हो, लेकिन सवाल है कि क्या यह इनाम भी सिर्फ औपचारिकता है? क्या राजनीतिक दबाव की वजह से पुलिस धीमी कार्रवाई कर रही है?
सड़क पर उतरे वकील !
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर जैसे ही पुलिस लाइन ग्राउंड पर उतरा, बड़ी संख्या में वकील महाराणा प्रताप चौराहे पर इकट्ठा हो गए। इसी रास्ते से सीएम का काफिला गुजरने वाला था। वकीलों ने ठान लिया था कि वे मुख्यमंत्री का काफिला रोककर अपनी नाराजगी जताएंगे और पत्रक सौंपेंगे। फिर क्या था ? अफसरों के माथे पर पसीना आ गया कि अगर काफिला रुका, तो सीधा यही मैसेज जाएगा कि यूपी में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है।
वकील इस बात से नाराज़ हैं कि अगर उनके कम्युनिटी के एक सीनियर मेंबर के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों की सिक्योरिटी का क्या होगा? उन्होंने मुख्यमंत्री का काफिला रोकने की कोशिश तो की और अपनी मांगें सामने रखने के लिए प्रदर्शन किया। लेकिन यूपी पुलिस हमेशा की तरह प्रदर्शनकारियों को रोकने में कामयाब रही और एक बार फिर आश्वाशन देकर उन्हें वापस भेज दिया गया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचे। उन्होंने वकीलों को भरोसा दिलाया कि आरोपी की जल्द गिरफ्तारी होगी।
17 नवंबर को क्या हुआ था ?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में हुए हमले ने प्रयागराज को हिला कर रख दिया था। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला पर लाठी-डंडों और असलहे से हमला हुआ। उन्हें इतना मारा गया कि वह अधमरे हो गए। तीन दिन तक वह जिंदगी और मौत से जूझते रहे और 20 नवंबर को लखनऊ में उनकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी निखिल सिंह और तीन अन्य को जेल भेज दिया है। लेकिन अतुल प्रताप सिंह अभी तक फरार है।
इस मामले में बसंतपुर का दुर्गेश सिंह और रामपुर का प्रिंस सिंह पहले ही सरेंडर कर चुके हैं। लेकिन अतुल प्रताप सिंह और उसका ड्राइवर अजय यादव अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि वह छापेमारी कर रही है, लेकिन जब सबकुछ पता है—नाम, पता और पहचान—तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
सवाल यह भी उठता है कि पुलिस की टीमें आखिर कहां छापेमारी कर रही हैं और अब तक क्या नतीजा निकला? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार यूपी की बेहतर कानून व्यवस्था की बात करती है, लेकिन ऐसे मामलों में ढिलाई उनके दावों को कमजोर कर रहा है।
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं

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प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।

अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।

प्रयागराज  की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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बलिया के ददरी मेले में अक्षरा सिंह ने मचाई धूम, अपनी पर्फोर्मेंस से जीता दर्शकों का दिल

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बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेले में अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह ने धूम मचाई। उन्होंने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। भोजपुरी नाइट्स में भृगु कला मंच पर जैसे ही अक्षरा सिंह पहुंची, पूरा पांडाल झूम उठा और सभी ने भृगु बाबा के जयकारे लगाए।

इस दौरान अक्षरा सिंह ने अपने सुपरहिट गीतों का प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर दर्शक देर रात तक झूमते रहे। अक्षरा सिंह ने अपने सुपरहिट गीत “जवानी मोरे गतरे-गतरे” और “हटाई बाबू खतरे-खतरे” पर परफॉर्म किया।

इसी के साथ उन्होंने बलिया के लोगों की तारीफ भी की और कहा कि “सब जिला खाली जिला ह, हमारे जिला बागी ह।” इस पर दर्शकों ने जोरदार तालियों और जयघोष के साथ उनका स्वागत किया। उनके इस बयान ने बलिया के लोगों का दिल जीत लिया। भोजपुरी नाइट्स में अक्षरा सिंह को देखने के लिए रविवार शाम से ही पांडाल में दर्शकों की भीड़ जुटने लगी थी।

बता दें कि भृगु कला मंच के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के तहत अब तक चेतक प्रतियोगिता, कुश्ती दंगल, कवि सम्मेलन जैसे आयोजन हो चुके हैं। भोजपुरी नाइट्स में अक्षरा सिंह की शानदार प्रस्तुति ने मेले को यादगार बना दिया। ददरी मेले में अभी खेलकूद प्रतियोगिताएं और प्लेबैक सिंगर आकांक्षा शर्मा की प्रस्तुति का आयोजन बाकी है। आयोजन समिति ने बताया कि दर्शकों को इस साल ददरी मेले में एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों का आनंद मिलेगा।

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