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बलियाः 60 लाख के चर्चित घोटाले में तत्कालीन कोटेदार गिरफ्तार

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बलिया में संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना का क्रियान्वयन और राज्य सरकार के द्वारा साल 2002 से 2005 के मध्य बलिया में किया गया। इस कार्यक्रम को सही और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी।

लेकिन अधिकारियों के द्वारा तमाम विकास कार्यों में लापरवाही करते हुए सरकारी धन और खाद्यान्न से लगभग 60 लाख का गबन कर लिया गया। इस मामले में जांच के लिए ईओडब्लू वाराणसी के पुलिस अधीक्षक डा. प्रदीप कुमार ने अभियुक्तों की तलाश, गिरफ्तारी के लिये एक टीम का गठन किया था।

26 जून को ईओडब्लू की गिरफ्तारी टीम द्वारा इस घटना में संलिप्त तत्कालीन कोटेदार रियाज अहमद पुत्र मो. सईद निवासी-ग्राम चड़वा-बरवा, थाना सिकन्दपुर, बलिया को ग्राम सभा चड़वा-बरवा, पंदह, बलिया से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट वाराणसी में पेश कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जायेगी।

बता दें कि योजना के तहत जनपद के विभिन्न गांवों में मिट्टी, नाली निर्माण, खड़न्जा निर्माण, पटरी मरम्मत कार्य, सम्पर्क मार्ग निर्माण, पुलिया निर्माण कार्य आदि श्रमिकों का चयन कर कराया जाना था। श्रमिकों को श्रम के बदले खाद्यान्न और नगद पैसे दिए जाने थे, लेकिन तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और कोटेदारों से मिलीभगत कर अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्य योजनाओं की पत्रावलियों पर पेमेंट आर्डर, मास्टर रोल एवं खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूटरचना कर सरकारी धन का बंदरबाट किया।

श्रमिकों का चयन मनमाने ढंग से करके मस्टर रोल में फर्जी श्रमिकों के नाम दर्शाए और मानक अनुरूप कोई कार्य नहीं किया। इस मामले में जांच कर रहे ईओडब्लू वाराणसी के पुलिस अधीक्षक, डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि बलिया खाद्यान्न घोटाले के प्रकरण में शामिल दोषियों के विरूद्ध लगातार धर-पकड़ की कार्रवाई चलेगी। गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक अरविन्द कुमार, उप निरीक्षक संजय सोनकर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी शामिल रहे।

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बलिया निवासी 23 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या, आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी में पढ़ने वाले एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मृतक युवक बलिया के बांसडीह का रहने वाला है। वो कंप्यूटर साइंस में दूसरे वर्ष का छात्र था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है।
बता दे कि कैथवली गांव के पिण्डहरा मौजा निवासी विमलेश पासवान की उम्र 23 साल थी। वो बीटेक में दूसरे वर्ष का छात्र था। रविवार रात उसने ब्रह्मपुत्र हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। छात्रों ने विमलेश को फांसी पर लटकता देखकर शोरगुल किया और पुलिस को सूचना दी।परिजन शव लेकर आए और गांव पर ही अंतिम संस्कार किया। मृतक के पिता ने बताया कि विमलेश ने रविवार शाम को ही बात की थी, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं थी, जिससे वो आत्महत्या जैसा कदम उठा ले। युवक ने आखिर ये कदम क्यों उठाया, इसके बारे में पुलिस जांच कर रही है।

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बलिया में ट्रक अनियंत्रित होकर खाई में पलटा, खलासी की दर्दनाक मौत

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रसड़ा-बलिया मार्ग के माधोपुर चीनी मिल के पास दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक ट्रक अनियंत्रित होकर खाई में पलट गया, इससे चालक तो बल गया, लेकिन खलासी की मौत हो गई। ट्रक में लदा लोहा केबिन को चीरते हुए खलासी के पास आ गया। इससे खलासी का शव बुरी तरह उसमें फंस गया। बाद में पुलिस ने कटर की मदद से शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि ट्रक पर लौह सामग्री लादकर चालक और खलासी बलिया से रसड़ी की तरफ आ रहा था। तभी माधोपुर के समीप चालक को अचानक झुपकी आ जाने से ट्रक से नियंत्रण खो दिया। इसके चलते ट्रक सड़क किनारे खाई में पलट गया। चालक मौके से फरार हो गया। वहीं खलासी की मौत हो गई। हादसे की खबर लगते ही लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई और पुलिस को सूचना दी गई।

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बलिया में नक़ली स्टीमर लगाकर बेची जा रही थी पानी की टंकी, पुलिस ने छापेमारी कर 19 टंकी बरामद की

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बलिया में नक़ली स्टीकर लगाकर पानी की टंकी बेची जा रही थी। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 500 लीटर की 19 संदिग्ध पानी की टंकी पकड़ी हैं। इस कार्रवाई से इलाक़े में हड़कंप मच गया। पुलिस ने टंकियों को ज़ब्त करते हुए धारा 63 और धारा 65 का मुक़दमा दर्ज किया है।

बताया जा रहा है कि हल्दी बाज़ार स्थित साईं बाबा हार्डवेयर की दुकान नंदपुर निवासी संतोष कुमार गुप्ता की है। इसकी दुकान पर सुप्रीम कंपनी का एक कर्मचारी अंशु मिश्रा पहुँचा। अंशु ने दुकानदार से 20 सुप्रीम कंपनी का पानी टंकी माँगा। दुकानदार ने कहा कि मिल जाएगा, लेकिन समय लगेगा, क्योंकि गोदाम से निकालना है।

इसके बाद अंशु मिश्रा ने दुकानदार को 10 हज़ार रुपये जमा करते हुए 1 घंटे में आने के लिए बोला और चला गया। जब वो एक घंटे बाद आया, तो उसके साथ स्थानीय पुलिस भी पहुँची। जब तक दुकानदार कुछ समझ पाता, उससे पहले ही उसने कहा कि मैं सुप्रीम लिमिटेड कंपनी दिल्ली में जाँचकर्ता के पद पर कार्यरत हूँ। कंपनी को जानकारी मिली थी कि बलिया के हल्दी बाज़ार में नक़ली सुप्रीम कंपनी का लेबल लगाकर पानी टंकी बेचा जा रहा है। इस सम्बन्ध मे विवेचक एसआई सुनील कुमार ने बताया कि कम्पनी से आये कर्मचारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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