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बलिया बलिदान दिवस पर बलिया आएंगे अनुराग ठाकुर, तैयारियां तेज़

19 अगस्त को बलिया बलिदान दिवस है। इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। इस बार भी ये दिवस पूरे राजकीय सम्मान के साथ मनाया जाएगा। इस बार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री के बलिया बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। बुधवार को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने डीएम रवींद्र कुमार व एसपी एस आनंद के साथ बलिदान दिवस की तैयारियों का जायजा लिया। मंत्री ने अधिकारियों को अहम दिशा-निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बलिदान दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि बलिया के लिए 19 अगस्त का दिन गौरवशाली है। 1942 में इसी दिन बागी बलिया के सैकड़ों क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत देकर ब्रिटिश हुकुमत से लोहा लेते हुए जिला कारागार का दरवाजा खोल, जेल मे बंद अपने साथी क्रांतिकारियों को आजाद कराया था। तब बलिया 14 दिनों के लिए आजाद हुआ था।
आगे कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विद्रोही तेवरों की वजह से ही बलिया को बागी बलिया भी कहा जाता है। चाहे अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करने की बात हो या फिर उनसे लोहा लेने की, महर्षि भृगु की धरा के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और देश की आजादी से पांच साल पहले ही आजाद भारत माता का दर्शन कर लिया। बागी बलिया के सपूतों ने न सिर्फ ब्रिटिश सरकार को उखाड़ने का काम किया, बल्कि बलिया को राष्ट्र घोषित कर यहां एक समानांतर सरकार भी बनाई, जिसका नाम रखा गया स्वतंत्र बलिया प्रजातंत्र। हालांकि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी।
उन्होंने कहा कि बागी बलिया चित्तू पांडे की अगुवाई में 19 अगस्त 1942 को आजाद घोषित हो गया था। क्रांतिवीरों की याद में बलिया बलिदान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष बलिया बलिदान दिवस के विशेष आयोजन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहेंगे। इस दौरान मंत्री ने पुलिस लाइन ग्राउंड व जिला जेल परिसर का निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।













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पहलगाम में हुई टारगेट किलिंग के विरोध में बलिया में प्रदर्शन, पाकिस्तान का पुतला फूंका

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा की गई निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नेतृत्व में टीडी कॉलेज चौराहे पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जताया। इस दौरान पाकिस्तान का पुतला भी जलाया गया, जो जनमानस के गहरे आक्रोश का प्रतीक बना।
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहलगाम में मासूम लोगों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की ज़रूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले तत्वों और देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आतंकवादी गतिविधियां भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनी रहेंगी। साथ ही उन्होंने वैश्विक समुदाय से भी आतंकवाद के समूल नाश की अपील की।
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बलिया में युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी
बलिया में एक युवक ने भागलपुर पुल से सरयू नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। युवक बुलेट मोटरसाइकिल से पुल पर पहुंचा और अचानक नदी में कूद गया। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की तलाश शुरू की।
जानकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय प्रिंस तिवारी मऊ का रहने वाला था। वह दोपहर करीब साढ़े 12 बजे भागलपुर पुल पर पहुंची, उसने अपनी बुलेट गाड़ी खड़ी की। फिर कुछ देर तक पुल पर टहलता रहा। फिर अचानक रेलिंग के पास जाकर नदी में कूद गया। घटना देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच में पता चला कि युवक अपनी बुलेट में चाबी लगाकर और एक गमछे में आधार कार्ड लपेटकर छोड़ गया था। आधार कार्ड से युवक की पहचान मऊ जिले के अल्लीपुर मर्यादपुर थाना रामपुर निवासी स्वर्गीय अजय कुमार तिवारी के पुत्र प्रिंस तिवारी के रूप में हुई। भागलपुर चौकी और उभांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी है और युवक के शव की तलाश में जुटी है। यह पुल बेल्थरा रोड को देवरिया और बिहार से जोड़ता है। आत्महत्या के कारणों को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
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बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर ‘ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ का जेल भरो आंदोलन, 700 प्रदर्शनकारी गिरफ्त में

बलिया जिला कलेक्ट्रेट परिसर सोमवार को छात्रों के गगनभेदी नारों से गूंज उठा, जब ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के विरोध में जेल भरो आंदोलन के तहत जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने लगभग 700 प्रदर्शनकारियों को प्रतीकात्मक रूप से हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
संगठन के प्रमुख अरविंद गोंडवाना ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने का शासनादेश जारी कर चुकी है, लेकिन बलिया जिला प्रशासन उसे लागू करने से कतरा रहा है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत मनियर में एसटी महिला के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है, जिसमें गोंड समुदाय की चार महिलाओं के नामांकन वैध पाए गए हैं—इसके बावजूद जाति प्रमाण पत्र नहीं जारी किए जा रहे।
वक्ताओं ने बताया कि संगठन पिछले 86 दिनों से कलेक्ट्रेट के मॉडल तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा है। यह मुद्दा संसद और विधानसभा तक में गूंज चुका है, लेकिन स्थानीय प्रशासन टस से मस नहीं हो रहा। पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संरक्षक नागेंद्र बहादुर सिंह ‘झुन्नू’ ने छात्रवृत्ति में अनियमितताओं का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया।
इस बीच, सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों से जुड़ा ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। हालांकि, संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे छात्र कर्फ्यू जैसा बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
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