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बलिया में पॉक्सो केस पर बड़ा फैसला, दोषी को 25 साल की सजा और जुर्माना

बलिया जनपद की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने एक संवेदनशील मामले में बड़ा निर्णय सुनाया है। पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या-8 के विशेष न्यायाधीश ने आरोपी छोटू सिंह को गंभीर अपराध का दोषी मानते हुए 25 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित विशुनपुरा सुजायत गांव का निवासी है।
कोर्ट ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 4(2) के अंतर्गत दोषी पाते हुए ₹50,000 के जुर्माने के साथ 25 वर्ष का कठोर कारावास सुनाया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में उसे 6 महीने की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। इसके अतिरिक्त, धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भी आरोपी को 2 वर्ष के कठोर कारावास और ₹1,000 के जुर्माने की सजा दी गई है। यह राशि न चुकाने पर 15 दिन की और सजा का प्रावधान रखा गया है।
यह सख्त कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के अंतर्गत की गई, जिसका उद्देश्य संगीन मामलों में समयबद्ध और प्रभावशाली न्याय सुनिश्चित करना है। एसपी श्री ओमवीर सिंह के निर्देशन में पुलिस की मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन विभाग ने केस की कड़ी निगरानी और मजबूत पैरवी की। इस मामले में एडीजीसी राकेश पांडेय ने अभियोजन अधिकारी के रूप में प्रभावी ढंग से कोर्ट में पक्ष रखा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को निर्णायक दिशा मिली।













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मोदी सरकार के 11 साल: भाजपा नेता ‘रिंकू’ वर्मा ने जनता के सामने रखा उपलब्धियों का लेखा-जोखा

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 11 वर्षों का ऐतिहासिक सफर पूरा किया।
भाजपा नेता यशवीर सिंह वर्मा ‘रिंकू’ ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय राजनीति के प्रेरणास्त्रोत और जनसेवा के प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा कि इस कालखंड में भारत ने न केवल प्रशासनिक ढांचे को सेवा का माध्यम बनाया, बल्कि उन करोड़ों लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम किया जो दशकों तक विकास से वंचित थे।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लगभग 3 करोड़ परिवारों को पक्के घर मिले, जिससे गरीबों का सपना साकार हुआ। हर घर जल मिशन के जरिए देश के उन इलाकों में भी शुद्ध पेयजल की सुविधा पहुंचाई गई, जो आजादी के 70 वर्षों बाद भी इससे वंचित थे। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 55 करोड़ से अधिक नागरिक बैंकिंग से सीधे जुड़े, जिससे सरकारी लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचे।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 33 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऋण स्वीकृत हुए, जिससे कई करोड़ युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिले। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 8.5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त इलाज मिला, जो गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 81 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन की सुविधा मिली, विशेषकर कोरोना काल में यह योजना जीवन रक्षक बनी।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण कर देश को स्वच्छता की दिशा में मजबूत आधार दिया गया। इनके अतिरिक्त भी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कल्याणकारी कार्य किए हैं, जो देश की सामाजिक और आर्थिक संरचना को मजबूती प्रदान करते हैं।
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बलिया में अज्ञात वाहन की टक्कर, युवक की मौत, शादी समारोह से लौटते समय हुआ हादसा

बलिया के फेफना थाना क्षेत्र के एकौनी गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-31 (NH-31) पर बुधवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान एकौनी गांव निवासी मोनू सिंह के रूप में हुई है, जो वीरेंद्र सिंह का पुत्र था।
जानकारी के अनुसार, मोनू सिंह मंदबुद्धि था और बुधवार को एक शादी समारोह में शामिल होने गया था। देर रात जब वह घर लौट रहा था, उसी दौरान एनएच-31 पर किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
राहगीरों ने सड़क किनारे शव को देखा और तुरंत परिजनों के साथ-साथ पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही फेफना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
फेफना थानाध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। अज्ञात वाहन की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।
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बलिया में स्वास्थ्य व्यवस्था की शर्मनाक तस्वीर, अस्पताल के गेट पर तड़पती रही गर्भवती महिला, फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

बलिया के सोनबरसा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार रात एक ऐसी घटना हुई, जिसने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। लक्ष्मण छपरा की रहने वाली गर्भवती महिला सविता पटेल को जब तेज प्रसव पीड़ा हुई, तब वह अस्पताल पहुँची, लेकिन वहां न कोई डॉक्टर था, न नर्स, न गार्ड—पूरा अस्पताल सुनसान पड़ा था।
अस्पताल के गेट के पास ही महिला दर्द से तड़पती रही, और आखिरकार, बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के उसने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह दृश्य किसी ने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजीव वर्मन ने तुरंत कार्रवाई की। सोनबरसा सीएचसी के अधीक्षक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित चार स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया। सीएचसी अधीक्षक और स्त्री रोग विशेषज्ञ को सीएचसी रिगवन भेजा गया। डॉ. व्यास कुमार को सीएचसी गड़वार, फेफना स्थानांतरित किया गया। स्टाफ नर्स प्रियंका सिंह को सीएचसी नरहीं और कंचन को सीएचसी जयप्रकाश नगर भेजा गया।
सीएमओ ने बताया कि एक एसीएमओ स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करवाई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना को लेकर जनआक्रोश फूट पड़ा। पूर्व सांसद भरत सिंह की पुत्री और भाजपा नेता विजयलक्ष्मी सिंह शुक्रवार शाम सोनबरसा सीएचसी पहुँचीं और वहीं धरने पर बैठ गईं। उन्होंने दोषी चिकित्सकों और कर्मचारियों के निलंबन तथा पूरे स्टाफ के सामूहिक तबादले की मांग की। बसपा के पूर्व विधायक सुभाष यादव ने भी घटना को ‘मानवता के प्रति घोर अपराध’ करार देते हुए इसे शासन की नाकामी बताया। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
वीडियो बनाने वाले मिर्जापुर निवासी युवराज सिंह ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल गया था, तभी उसने देखा कि एक महिला दर्द से चिल्ला रही थी और कुछ ही पलों में उसने अस्पताल के फर्श पर बच्चे को जन्म दे दिया। युवराज ने कहा—”यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानी ज़िंदगी के साथ किया गया अमानवीय व्यवहार है।”
सीएमओ डॉ. वर्मन ने सभी सीएचसी और पीएचसी को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी हालत में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जाए। उन्होंने कहा, “सोनबरसा जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए सभी ज़िम्मेदारों को चेतावनी दी गई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”