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समाजसेवी स्व. उषा राय की पुण्यतिथि पर ‘महिला सशक्तिकरण एवं भारत’ को ले वेबिनार का आयोजन

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नई दिल्ली डेस्क : युवा चेतना के तत्वावधान में स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी की माँ समाजसेवी स्व. उषा राय की तृतीय पुण्यतिथि पर “महिला सशक्तिकरण एवं भारत” विषयक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर सिक्किम के राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद ने किया। उद्घाटनकर्ता सिक्किम के राज्यपाल महामहिम गंगा प्रसाद ने कहा की स्व. उषा राय धर्मपरायण महिला थीं उन्होंने जीवन भर समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया।

श्री गंगा प्रसाद ने कहा की महिला का सम्मान जिस समाज में न हो उस समाज का कोई अर्थ नहीं है।श्री प्रसाद ने कहा की जब तक समाज हर बेटी को अपनी बेटी नहीं समझेगा तबतक बेटीयाँ सुरक्षित नहीं रहेगी।श्री प्रसाद ने कहा की स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी देश भर में सनातन धर्म के विस्तार हेतु अच्छा कार्य कर रहे हैं।

महामहिम राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा की युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह को समाज में नारी के सम्मान हेतु वैचारिक जनजागरण चलाना चाहिए। वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया की पूर्व न्यायमूर्ति जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा ने कहा की स्व. उषा राय के सामाजिक योगदान का सम्मान सबको करना चाहिए।

श्रीमती मिश्रा ने कहा की सीआरपीसी में संशोधन एवं फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट को अपने कार्य में महिला उत्पीड़न के संदर्भ में लाना चाहिए।श्रीमती मिश्रा ने कहा की महिला का सम्मान कोई भीख नहीं है बल्कि उसका अधिकार है।श्रीमती मिश्रा ने कहा की युवा चेतना को आगे बढ़कर नारी सम्मान की लड़ाई को आगे बढ़ाना चाहिए।

मुख्य वक्ता के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा की हमारे देश में महिलाओं का स्थान सर्वोच्च है।गौरीशंकर,सीताराम,राधाकृष्ण भगवान के नाम हैं जिनमे देवी के नाम पहले हैं।डा. त्रिपाठी ने कहा की भारत में नारी का सम्मान सबसे अधिक है परंतु कुछ कालनेमियों के कारण कुछ परेशानी उत्पन्न हुई है जिसका समाधान हमें करना होगा।

डा. त्रिपाठी ने कहा की भारत को विश्वगुरु बनाना ही हमारा लक्ष्य है। सम्मानित वक्ता राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा की उषा राय एक महान महिला थीं जिन्होंने अभिषेक ब्रह्मचारी जैसे राष्ट्रभक्त पुत्र को जन्मा।श्रीमती शर्मा ने कहा की महिलाओं के खिलाफ़ हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ सबको आगे आना होगा।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ला ने कहा की नारी सम्मान ही राष्ट्र सम्मान है। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा की स्व. उषा राय ने जीवन भर मानव सेवा में अपना समय व्यतीत किया।श्री सिंह ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविलंब संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए सुनिश्चित कराना चाहिए।

श्री सिंह ने हाथरस में युवती के साथ हुए जघन्य घटना के विषय को वेबिनार में उठाया।श्री सिंह ने कहा की निर्भया के साथ जो हुआ अब हाथरस में आखिर यह कब रुकेगा।श्री सिंह ने कहा की महिलाओं के साथ जघन्य घटनाओं में तेज़ी आइ है सरकार को इस पर गम्भीर होना चाहिए।

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बलिया

मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

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मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।

उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।

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बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल

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बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।

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बलिया

बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत

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बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।

बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।

‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।

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