बलिया स्पेशल
अटल के मार्ग पर चलने से मिलेगी सांस्कृतिक आजादी : अम्बरीष
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल शोधपीठ में मंगलवार को भारत रत्न अटल जी 95वीं जयंती पर ‘राजधर्म और सुशासन : अटल बिहारी वाजपेयी के विशेष संदर्भ में’ विषयक काव्यपाठ एवं व्याख्यान का आयोजन हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष जी ने कहा कि देश को 1947 में आजादी तो मिली थी, परंतु सांस्कृतिक आजादी नहीं मिल पाई थी। जिसके लिए अटल जी के बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक पराधीन रहने के कारण सांस्कृतिक प्रतिष्ठा खो गई है। जिसे प्राप्त करने का प्रयास अब हो रहा है। कहा कि जहां गो हत्या हो वहां राजधर्म नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गंगा में तमाम नदियां मिलती हैं। पर गंगा का नाम नहीं बदलता। जैसे उपासना के आधार पर नायक नहीं बदलते। उसी तरह इस देश की सांस्कृतिक पहचान बदली नहीं जा सकती।
70 साल बाद भी भारत माता की जय और वंदेमातरम एक्षिक हो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह देश धर्मशाला नहीं है। गाय और गंगा हमारी माता है, इसके लिए ही हमारी आजादी आई है। अटल जी ने भी राष्ट्रधर्म को ही राजधर्म माना था। इसलिए सिद्धांतों पर सम्यक विचार होना चाहिए।
अटल जी ने सच्चे राष्ट्रवाद और सच्चे हिंदुत्व का पालन किया। उन्होंने माना था कि राजा को राजधर्म का पालन करना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी राम जन्मभूमि को राष्ट्र का गौरव माना था। उनके अनुसार हिंदुत्व में सभी का कल्याण निहित है। हमारी परंपराओं की पुनर्स्थापना ही राजधर्म है। अटल जी का विराट व्यक्तित्व था। उन्होंने सदैव आपस में संवाद होते रहने की वकालत की थी।
इस दौरान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि लखनऊ के राजनीति शास्त्र विभाग के डॉ. रिपुसूदन सिंह जननायक चन्द्रशेखर विवि के कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह, पूर्व डॉ. जैनेन्द्र पांडेय, नागेंद्र पांडेय, देवेन्द्र यादव, डॉ. अच्छेलाल यादव, डॉ. वीके सिंह, डॉ. अमलदार नीहार, डॉ. अखिलेश राय, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. फिरोज अहमद, डॉ. देवेन्द्र सिंह, डॉ. अभय राय, डॉ. रमाकांत सिंह, राजेश पांडेय, अम्बुज सिंह, रमेश राय, समरेंद्र सिंह, आदि थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दयालानंद राय ने किया। पंडित दीनदयाल शोधपीठ के समन्वयक डॉ. राजीव कुमार ने आभार व्यक्त किया।
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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