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बलिया: क्या ओमप्रकाश राजभर बेलथरा रोड और रसड़ा की सियासत को बदल पाएंगे?

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बलिया

बलिया में चुनावी बयार पूरा जोर पकड़ चुका है। सीएम योगी से गृह मंत्री अमित शाह तक बलिया के सियासी अखाड़े में उतर चुके हैं। प्रदेश और देश स्तर के नेताओं के रैलियों और जनसभाओं ने पूरा राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। रविवार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बेलथरा रोड  बांसडीह और रसड़ा में जनसभा की। रसड़ा और बेलथरा रोड में सपा गठबंधन के उम्मीदवार महेंद्र चौहान और हँसु राम के लिए तो वहीं बांसडीह में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के लिए ओम प्रकाश राजभर ने जनसभा की।

पहले बात बेलथरा रोड विधानसभा की: बेलथरा रोड में सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने चुनाव प्रचार किया। बेलथरा रोड के जीएमएम इंटर कॉलेज के मैदान में ओम प्रकाश राजभर ने जनसभा की। बेलथरा रोड से सुभासपा के उम्मीदवार हंसू राम चुनावी मैदान में हैं। हंसू राम के समर्थन में उन्होंने वोट देने की अपील की। यहां ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। साथ ही सपा गठबंधन के चुनावी वादों को गिनाया।

बेलथरा रोड से भाजपा ने छट्ठू राम को टिकट दिया है। छट्ठू राम कुछ ही दिन पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। बसपा ने इस सीट से प्रवीण प्रकाश को टिकट दिया है। कांग्रेस ने इस सीट से युवा चेहरे के साथ मैदान में है। गीता गोयल को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया है। बेलथरा रोड का समीकरण कुछ ऐसा है कि यहां से भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक धनंजय कन्नौजिया का टिकट काट दिया है। क्योंकि लोगों में धनंजय कन्नौजिया के खिलाफ साफ नाराजगी देखी जा रही थी। जिसके चलते भाजपा ने छट्ठू राम पर भरोसा जताया।

बेलथरा रोड विधानसभा क्षेत्र में अगर मुसलमान आबादी की बात करें तो तकरीबन 30 हजार की संख्या है। दूसरी राजभर आबादी करीब 40 हजार है। ये दो समाज हैं जो चुनाव को सबसे गहराई से प्रभावित करने वाले हैं। ओम प्रकाश राजभर की पहली कोशिश है राजभर समाज को गोलबंद करने की। अगर ओम प्रकाश राजभर अपनी कवायद में सफल होते हैं तो चुनाव का नतीजा सपा गठबंधन के हक में जाने की संभावना अधिक दिखती है।

अब रसड़ा विधानसभा की:  ओम प्रकाश राजभर ने अपने भाषण में पहले तो रसड़ा की लड़ाई को अमीर बनाम गरीब की लड़ाई बताई। उसके बाद उन्होंने कई बड़े वादे भी किए। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि “रसड़ा का चुनाव गरीब और अमीर के बीच हो रहा है। चुनाव में गरीब की जीत होने जा रही है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा सरकार ने गरीबों को ठगा है। इस ठगी का बदला लेने का वक्त आ गया है।”

रसड़ा के स्थानीय रामलीला मैदान में ओम प्रकाश राजभर की सभा थी। उनके साथ जनवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय चौहान भी मौजूद थे। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि “अगर सपा गठबंधन की सरकार बनी तो शिक्षामित्रों की मांगें पूरी की जाएंगी।” उन्होंने पूरानी पेंशन को बहाल करने की बात भी कही। भाजपा सरकार पर हमला करते हुए राजभर ने कहा कि “जब सूबे गरीबों की हुकूमत होगी तब पेपर लीक नहीं होगा और भर्तियों को भी नहीं रोका जाएगा।”

रसड़ा से कौन-कौन है दावेदार:

रसड़ा विधानसभा सीट से कुल 19 उम्मीदवार मैदान में हैं। बात चार बड़े राजनीतिक दलों की करते हैं। बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने रसड़ा से विधायक उमा शंकर सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है। बसपा की टिकट पर उमा शंकर सिंह चुनावी ताल ठोक रहे हैं। भाजपा ने बब्बन राजभर को इस सीट से टिकट दिया है। सपा गठबंधन में रसड़ा की सीट सुभासपा के खाते में गई है। सुभासपा ने महेंद्र चौहान को इस सीट से टिकट दिया है।

रसड़ा सीट पर बसपा की मजबूती से हर कोई वाकिफ है। बीते दो विधानसभा चुनावों में लगातार बसपा ने यहां से जीत हासिल की है। उम्मीदवार भी कोई और नहीं बल्कि उमा शंकर सिंह ही थे। उमा शंकर सिंह इस सीट से दो बार के विधायक हैं। 2012 में सपा की एक तरफा लहर थी उस वक्त भी उमा शंकर सिंह ने रसड़ा का किला फतह किया था। पांच साल बाद 2017 में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए। इससे पहले 2014 का लोकसभा चुनाव बीत चुका था। पूरे देश में नरेंद्र मोदी के नाम की आंधी चल रही थी।

2017 में उत्तर प्रदेश में साफतौर पर भाजपा की और खासकर मोदी नाम की लहर चल रही थी। लेकिन उस सियासी तुफान को भी रसड़ा में उमा शंकर सिंह ने शांत कर दिया था। चुनाव के नतीजे आए और उमा शंकर सिंह दोबारा विधायक बने। 2022 के चुनाव में तस्वीर 2012 या 2017 की तरह साफ नहीं है। सियासी पंडितों के माथे की शिकन बढ़ी हुई है। किसी भी पार्टी के जीत का दावा किए नहीं बन रहा है।

रसड़ा के समीकरण क्या हैं:

रसड़ा बलिया की उन कुछ सीटों में शामिल है जिस पर राजभर वोटरों की संख्या चुनावी नतीजों को प्रभावित करने वाली है। रसड़ा में राजभर मतदाताओं की संख्या तकरीबन पचास हजार है। चुनाव के लिहाज से ये एक बड़ी तादाद है। माना जा रहा है कि राजभर वोट रसड़ा सीट पर सीधे तौर पर किंग मेकर साबित होने वाला है। सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर इस बार सपा के साथ हैं। तो सियासी समीकरण कुछ अलग तरीके से बनती हुई दिख रही है।

रसड़ा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 30 हजार है। मुस्लिम वोटर भी निर्णायक भूमिका में रहने वाले हैं। लेकिन इन सभी समीकरणों से इतर जो बात चर्चा का केंद्र है वो ये कि उमा शंकर सिंह का व्यक्तिगत वोट बैंक है। जो हर जाति और धर्म में फैला हुआ। यही वजह भी रही कि पिछले दो बार से उमा शंकर सिंह को रसड़ा से जीत मिली है।

हालांकि देखने वाली बात होगी कि 3 मार्च को जनता किसके हक में वोटिंग करती है। दिलचस्प होगा ये भी देखना कि 10 मार्च को EVM के पिटारे से क्या निर्णय निकल कर सामने आता है। बहरहाल ओम प्रकाश राजभर अपनी शैली में चुनाव में जोर आजमाइश करने में लगे हैं। देखना होगा कि उनकी सक्रियता का सपा गठबंधन को कितना फायदा मिलता है।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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