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आर्सेनिक पानी से तबाह हो गया बलिया का ये परिवार !

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बलिया डेस्क: जनपद के द्वाबा क्षेत्र में गंगापुर पंचायत में एक पुरवा  तिवारी टोला है। यहां की आबादी दो हजार के करीब है। इस गांव में मानक से ज्यादा आर्सेनिक युक्त जल पीने से सुदामा पांडेय का पूरा कुनबा ही तबाह है। बीते वर्षों में उनके पुत्र राकेश पांडेय (35), भाई भरत पांडेय (55), पत्नी सोनामति देवी (50) की मौत हो चुकी है। परिवार में अभी भी 25 लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ रहे हैं।

सुदामा पांडेय ने बताया कि परिवार में लगभग सभी लोग रोगी हो चुके हैं। सभी को लीवर से संबंधित बीमारी पकड़ रही है। पेट में दर्द होने की शिकायत बनी हैं। इसी गांव में तारकेश्वर तिवारी का परिवार है। उनके यहां भी छह लोग आर्सेनिक से तबाह हैं। इसी तरह गंगापुर पंचायत में लगभग 332 परिवार के लोग इस जल से कई तरह की बीमारियों का शिकार हो चुके हैं।

इस समस्या के लिये जिले की  310 बस्तियां हैं चिह्नित की है
आर्सेनिक से प्रभावित गंगा तटीय बेलहरी विकास खंड के ग्राम पंचायत गंगापुर के दुर्जनपुर, तिवारी टोला, मीनापुर, रामगढ़ सहित 310 गांवों में लोग तिल-तिल कर मर रहे हैं। चर्म रोग इतना भयावह होता है कि कोई दवा काम नहीं करती। इस पानी का प्रयोग करने वाले मवेशियों के गोबर से कंडे तक जलाने में आंख खराब हो जाती है। बेलहरी, मुरलीछपरा, हनुमानगंज और सोहांव विकास खंड में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो इस समस्या से तबाह हैं लेकिन उन्हें कोई विकल्प नहीं दिख रहा है।

क्या कहती डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक बलिया जिले में आर्सेनिक युक्त पेयजल से करीब-करीब सभी जूझ रहे हैं लेकिन 310 गांवों को आर्सेनिक प्रभावित चिह्नित किया गया है। इन गांवों में महामारी जैसी स्थिति है। सैकड़ों लोग आर्सेनिकजनित बीमारियों से जूझ रहे हैं, जबकि दर्जनों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि जापान की वैज्ञानिकों की टीम ने साल 2010 में बलिया जिले के रामगढ़ इलाके में पहुंच कर पेयजल में आर्सेनिक की जांच की थी। तब उस टीम ने कहा था कि यहां का पानी आदमी को कौन कहे, जानवरों के भी पाने लायक नहीं है।

गंगा ट्रीटमेंट प्लांट को नहीं मिली मंजूरी
अगर बात सरकार के प्रयासों की जाय तो, इससे पहले साल 2008 में केंद्र सरकार ने आर्सेनिक से निपटने के लिए स्थाई समाधान की दिशा में प्रयास शुरू किया था। इसके लिये गंगा में इंटेक वेल व गंगा ट्रीटमेंट प्लांट की मंजूरी दी थी, लेकिन ग्रामीण मंत्रालय ने यह कहते हुए प्रोजेक्ट का नामंजूर कर दिया कि बलिया के लिए यह प्लांट उपयुक्त नहीं है।

अब तक हुई मौतों का आकड़ा इस प्रकार से हैं
अब तक हुई मौतों का आकड़ों की बात की जाय तो उनके नाम इस प्रकार से हैं लाला तातवा (60), दूधनाथ पांडेय (50), सोनामति देवी (52), रामलाल तातवा (65), विष्णु गोंड (38), कन्हैया पांडेय (48), दीनबंधु पांडेय (25), उषा देवी (55), कपिल पांडेय (39), कृष्णा यादव (35), रामाशंकर बिद (51), राकेश पांडेय(28), नंदलाल पांडेय (58), जानकी (40), बृजबिहारी पांडेय (25), राकेश पांडेय(35) आदि की मौत हो चुकी है।

बलिया में सबसे ज्यादा प्रभावित गाँव और उनके पेयजल में उपस्थित आर्सेनिक (सुरक्षित मात्रा सिर्फ 10 पीपीबी प्रति लीटर है)

गाँव का नाम भू-जल में आर्सेनिक की मात्रा (पीपीबी)
बाबूरानी 225
हासनगर पुरानी बस्ती 400
उद्बंत छपरा 360
चौबे छपरा 220
चैन छपरा 500
राजपुर इकौना 500
हरिहरपुर 200
बहुआरा 130
भोजापुर 130
सुल्तानपुर 140
चांदपुर 140
स्रोत : उत्तर प्रदेश जल निगम
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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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