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बलिया: बच्चों को हेलीकॉप्टर की सैर कराकर क्या संदेश दे गए वीआईपी के मुकेश साहनी?

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बलिया: हेलिकॉप्टर में बच्चों को उड़ाकर संजय निषाद और भाजपा की नींद उड़ा गए मुकेश साहनी? (फोटो साभार: प्रभात खबर)

25 अक्टूबर को मुकेश साहनी बलिया के पॉलीटेक्निक मैदान पहुंचे थे। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी ने सोमवार को पॉलीटेक्निक मैदान में एक रैली को संबोधित किया। रैली के बाद जब मुकेश साहनी लौट रहे थे तभी तीन बच्चों और एक बुजुर्ग व्यक्ति को अपनी हेलीकॉप्टर में बैठाकर घुमाया।

रैली में मुकेश साहनी को सुनने पहुंचे तीन छोटे-छोटे बच्चों को हेलीकॉप्टर में घुमाने के बाद उन्हें फिर मैदान में उतार दिया गया। मुकेश साहनी ने इस पर कहा कि निषाद के बच्चे भी ऊंची उड़ान भरने को तैयार हैं। मुकेश साहनी की हेलीकॉप्टर में घूमकर बच्चे काफी चहक रहे थे। बुजुर्ग व्यक्ति के चेहरे पर भी मुस्कान देखने को मिल रही थी।

मुकेश साहनी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बलिया पहुंचे थे। बलिया के पॉलीटेक्निक मैदान में मुकेश साहनी ने जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से अपील किया कि वीआईपी पार्टी को मजबूत बनाएं ताकि निषाद लोगों को उनका हक मिल सके। नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश साहनी ने कहा है कि वीआईपी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 165 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।

मुकेश साहनी ने कहा कि अगर निषाद समाज चाहे तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। गौरतलब है कि बिहार में मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी भाजपा और जदयू की गठबंधन वाली सरकार में शामिल है। मुकेश साहनी बिहार की नितीश कुमार सरकार में पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में मुकेश साहनी अकेले 165 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं।

बता दें कि मुकेश साहनी बीते 9 अक्टूबर से ही उत्तर प्रदेश में चुनावी दौरे कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से देख रहे लोगों का कहना है कि यहां भाजपा और मुकेश साहनी की वीआईपी का गठजोड़ होना मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह है राष्ट्रीय निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद। उत्तर प्रदेश में संजय निषाद भाजपा के साथी है। मुकेश साहनी और संजय निषाद दोनों ही खुद को मल्लाह समाज का नेता साबित करने की कवायद कर रहे हैं। ऐसे में दोनों का एक ही गठबंधन का हिस्सा बनना संभव नहीं माना जा रहा है।

मुकेश साहनी फिलहाल बिहार की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं। उनका लक्ष्य पूर्वांचल के निषाद वर्ग को अपने बैनर तले लामबंद है। जानकार बताते हैं कि मुकेश साहनी सीटों को लेकर भले ही भाजपा का नुकसान ना कर पाएं लेकिन वोट में बट्टा जरूर लगाएंगे। जिसका फायदा दूसरी विपक्षी पार्टियों को मिलना तय है। हालांकि इन सारी कयासों पर मुहर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में ही लगेगी।

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बलिया में रोडवेज बस और जीप के बीच भीषण टक्कर, हादसे में 16 लोग घायल

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बलिया के सवरूपुर गांव के पास दर्दनाक हादसा हो गया, यहां रोडवेज बस और जीप के बीच खतरनाक टक्कर हो गई। टक्कर इतनी खतरनाक थी कि हादसे में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, पुलिस ने घायल व्यक्तियों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा।

जानकारी के मुताबिक, NH-31 पर ये हादसा हुआ। सभी घायल लोग रसड़ा से शादी समारोह में शामिल होकर सिंहपुर लौट रहे थे। इसी बीच सवरूपुर के पास तेज गति से आ रही बस ने जीप को टक्कर मार दी। हादसे में जीप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार लोग घायल हो गए।

हादसे में 20 वर्षीय पार्वती, 25 वर्षीय सुभावती, 35 वर्षीय शांति देवी, 26 वर्षीय कुसुम, 22 वर्षीय रूबी, 60 वर्षीय विमलावती, 60 वर्षीय गुलाब, 30 वर्षीय शोभा देवी, 4 वर्षीय अक्षांश, 35 वर्षीय जितेंद्र, 2 वर्षीय शुभम, 30 वर्षीय जवाहर, 26 वर्षीय काजल, 35 वर्षीय शांति देवी, 4 वर्षीय रितिका और 2 वर्षीय ऋषिकेश गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल एंबुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

दुल्हा कमलेश ने बताया कि वह अपनी मारुति कार में था और उसके पीछे कमांडर जीप में उसके परिवार और रिश्तेदार बैठे थे। जैसे ही जीप सवरूपुर गांव के पास पहुंची, अचानक रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद चीख पुकार मच गई। घटना के बाद जिला अस्पताल में इमरजेंसी अलर्ट घोषित कर दिया गया। हालांकि, अस्पताल में केवल एक इमरजेंसी डॉक्टर की मदद से घायलों का इलाज किया जा रहा है, जबकि सीएमएस और अन्य अधिकारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। कुछ घायलों की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

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बलिया में सड़क हादसे में व्यवसायी की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

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बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के करनई गांव के पास बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस सड़क हादसे में एक व्यवसायी की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं परिजन इस घटना को हत्या का मामला बता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, व्यवसाई पारस रौनियार बाइक से सुखपुरा से बलिया अपने घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में करनई गांव के पास सुखपुरा-बलिया मुख्य मार्ग पर अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। घायल पारस को स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजनों का कहना है कि ये हादसा नहीं हत्या है। परिजनों का कहना है कि मृतक के शरीर पर जख्म सड़क हादसे नहीं, मारपीट के लग रहे हैं। अगर यह एक्सीडेंट होता, तो बाइक क्षतिग्रस्त होती, लेकिन बाइक सुखपुरा थाने पर सही हालत में मिली। पारस का मोबाइल, सोने की चेन और नकद रुपए गायब हैं।

घटना की सूचना मिलते ही सुखपुरा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल का मुआयना किया। पारस रौनियार की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि मामले में सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी।

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बलिया में 2 साल पुराने हत्या के प्रयास से जुड़े मामले में आरोपी को 10 साल की सजा

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बलिया कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ आरोपी को 10 हजार का हर्जाना भी भरना होगा। हर्जाना न भरने की स्थिति में आरोपी को तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतान होगा।
जनपद न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने टीकादेवरी निवासी एक महिला ने थाना चितबड़ागांव पर लिखित प्रार्थना पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि एक नवंबर 2022 को उसके ससुर खेत में गए थे। देवर सुनील तिवारी पुत्र बलिराम तिवारी मौके पर पहुंचे और उनको गालियां देने लगे। हाथ में लिए धारदार हथियार से उनके गले पर वार कर दिया है। इससे उनकी गर्दन, मुंह, कान आदि पर गंभीर चोट आई। इसके बाद शोर सुनकर लोग आए और आरोपी सुनील तिवारी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया।
इस पूरे मामले में एफआईआर चितबड़ागांव थाने में दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में चल रही थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी के खिलाफ दोष साबित पाया गया। इस मामले में न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने सुनील तिवारी को 10 साल के कारावास और 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न अदा करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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