उत्तर प्रदेश
चेतावनी के बावजूद योगी पर थम नहीं रहे राजभर के हमले, क्या यूपी BJP में सब कुछ ठीक नहीं?
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के चेतावनी के बाद भी बीजेपी की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बगावती तेवर थम नहीं रहे हैं. वे लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे लगता है कि सूबे में पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है. राजभर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हैं और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की शान में कसीदे पढ़ते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है?
कैराना और नूरपुर चुनाव में बीजेपी की हार पर रविवार को राजभर ने कहा, ‘किसी भी हार की जिम्मेदारी हमेशा राजा की होती है. 2017 का विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया था. उस दौरान सैनी, कुशवाहा, मौर्या समेत तमाम पिछड़ी जातियों में केशव प्रसाद मौर्य को सीएम बनाने के लिए बीजेपी को वोट किया, लेकिन सीएम योगी बन गए, जिसके कारण सरकार को पिछड़ों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.’
राजभर ने इस तरह का बयान पहली बार नहीं दिया है. वे पिछले 6 महीने से लगातार सीएम योगी के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं. इतना ही नहीं वह पीएम मोदी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं. सहयोगी दल के नेता के इस तरह के बयानों पर न तो बीजेपी की ओर से कोई कार्रवाई होती है और न हीं केशव मौर्य ने अब तक कोई टिप्पणी की है. जबकि राजभर लगातार केशव के पक्ष में बयान दे रहे हैं और योगी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने पिछले महीने राजभर के लगातार पार्टी के खिलाफ की जा रही बयानबाजी पर चेताते हुए था कि वह रोज-रोज अनर्गल बयानबाजी न करें नहीं तो मजबूरन उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस चेतावनी पर भी वे बाज नहीं आए और कहा था कि जिन्हें कार्रवाई करनी है करें, वे कार्रवाई से डरते नहीं है. उन्हें कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है.
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बता दें कि बीजेपी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके यूपी विधानसभा चुनाव लड़ी थी. राजभर को 8 विधानसभा सीटें दी गई थी, जिसमें से उनके 3 विधायक जीतने में सफल रहे थे. इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी थी, राजभर को कैबिनेट मंत्री के पद से नवाजा गया. इसके बावजूद वे योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राजभर को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की. इसके बावजूद चुनाव में राजभर की पार्टी के एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की. जबकि एक-एक वोट के लिए जोड़तोड़ हो रही थी. इसके बावजूद उन्होंने अपने विधायक पर किसी तरह की कोई कार्रवाई तक नहीं की और न ही उस पर कोई टिप्पणी की.
दरअसल राजभर बीजेपी के गले की फांस बने हुए हैं, जिसे पार्टी न उगल सकती है और न निगल. विपक्षी दलों की एकता को देखते हुए बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव तक किसी तरह की कार्रवाई से बच रही है. राजभर की पार्टी का आधार गाजीपुर, मऊ, बलिया और बनारस के क्षेत्र में है. पार्टी उन पर शिकंजा कसकर उन्हें शहीद नहीं बनाना चाहती है. लेकिन वे जिस तरह से पार्टी और सरकार के खिलाफ बयान देकर मुसीबत खड़ा कर रहे हैं वो फायदे से ज्यादा कहीं नुकसान साबित न हो जाए.
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PET परीक्षा में फर्जीवाड़ा, बलिया के बांसडीह CHC के मेडिकल ऑफिसर अमित गुप्ता गिरफ्तार
बलिया। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) में धांधली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने बलिया के बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में तैनात मेडिकल ऑफिसर अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज के जरिए सॉल्वर को परीक्षा में बैठाने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने इस मामले में दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है।
कैसे चलता था खेल
पुलिस के मुताबिक, गिरोह अभ्यर्थियों से 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक वसूलता था। इसके बाद एडमिट कार्ड और पहचान पत्र में हेरफेर कर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा देने के लिए भेजा जाता था। इस खेल को मेडिकल ऑफिसर अमित गुप्ता संगठित तरीके से संचालित कर रहा था।
गिरफ्तारी और बरामदगी
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड, एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज बरामद किए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।
पुलिस का सख्त रुख
एसपी ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अमित गुप्ता समेत तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पूरे नेटवर्क की गहन जांच चल रही है।
यह गिरफ्तारी जिले में स्वास्थ्य विभाग और परीक्षा प्रणाली दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
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गाली देने वाले शहरों के टॉप 10 में शामिल हुआ बलिया, 73% लोग करते हैं गालियों का इस्तेमाल
बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का नाम अब उन शहरों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जहाँ गालियों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। हाल ही में जारी एक सर्वे के मुताबिक, बलिया के 73% लोगों ने खुद कबूल किया कि वे बातचीत के दौरान गालियों का प्रयोग करते हैं।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अब यह आदत सिर्फ युवाओं और बड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि चौथी क्लास तक के बच्चे भी गालियां देने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका कारण सोशल मीडिया, मोबाइल गेम्स और घर-परिवार का माहौल है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि गालियों की बढ़ती आदत न केवल भाषा को दूषित कर रही है, बल्कि बच्चों और युवाओं के व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल रही है। उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों से बच्चों को बेहतर वातावरण और सही भाषा सिखाने की अपील की।
टॉप 10 शहर जहाँ सबसे ज्यादा गालियां दी जाती हैं
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कानपुर – 78%
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लखनऊ – 76%
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वाराणसी – 76%
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मुरादाबाद – 76%
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संतकबीरनगर – 76%
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मेरठ – 75%
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प्रयागराज – 75%
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गौतमबुद्ध नगर – 73%
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बलिया – 73%
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मिर्जापुर – 73%
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बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख की बेटी की हाई-प्रोफाइल शादी, सियासी दिग्गज और फिल्मी सितारों का जमावड़ा
बलिया के इस ब्लॉकप्रमुख की बेटी के शादी में पहुंचे बड़े-बड़े दिग्गज, फ़िल्मी सितारों से लेकर, सांसद तक, अधिकारी से लेकर सुपरस्टार तक लखनऊ की इस शादी में सबका जमावड़ा, निरहुआ’ और खेसारी ने बनाया माहौल, पुरे यूपी में होने लगी बलिया के इस बेटी की शादी की चर्चा !

आमतौर पर चुनावी मंचों पर एक-दूसरे पर निशाना साधने वाले नेताओं को लखनऊ में हो रही एक शादी में हंसी-मजाक करते देखा गया जिसकी वजह से यह शादी इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई है।

बलिया के सीयर ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह की बेटी की शादी लखनऊ के दयालबाग में आयोजित की गई थी। इस शादी समारोह में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुई।

माहौल ऐसा था, मानो कोई बड़ा सियासी सम्मेलन हो रहा हो। शादी में हर पार्टी के दिग्गज एक छत के नीचे बैठे थे और सब राजनीति छोड़ हंसी-मजाक कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी दयालबाग पहुचे। शादी में उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया और सबसे भेट मुलाकात की।महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर वामन कुले ने भी वर वधु को आशीर्वाद दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी इस शादी में पहुंचे। इनके अलावा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेश सिंह दयाल, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर जी की धर्मपत्नी श्री मति सुषमा शेखर ,पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी ,समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर विद्यार्थी, पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष बलिया, संजय यादव और धन्नजय कन्नौजिया , विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों के MD समेत विभिन्न दिगज्ज भी इस खास मौके का हिस्सा बने।



इस अवसर पर पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के पुत्र विपुलेंद्र सिंह मस्त की भी प्रभावी उपस्थिति रही तथा उन्होंने पारिवारिक सदस्य की तरह सभी अतिथियों का स्वागत किया।

इस शादी में प्रशासनिक और फिल्मी जगत के लोग उपस्थित थे। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और खेसारी लाल यादव भी शादी में नजर आये। दोनों ने लखनऊ के दयालबाग में हो रहे इस शादी की रौनक को और बढ़ा दिया। इनके साथ बाबा कीनाराम आश्रम वाराणसी के पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम राम जी ने भी नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
शादी की सबसे खास बात ये रही कि इसे पूरी तरह से भव्य अंदाज में आयोजित किया गया। शानदार सजावट से लेकर बढ़िया खान-पान तक, हर चीज़ पर खास ध्यान दिया गया था। गायक कलाकारों ने अपने जबरदस्त परफॉर्मेंस से समां बांध दिया। शानदार कार्यक्रमों में मेहमान जमकर तालियां बजाते दिखाई दिए।

आलोक कुमार सिंह के छोटे भाई अनूप कुमार सिंह मेहमानों की आवभगत कर रहे थे और हर एक अतिथि को खास महसूस करने में जुटे थे। अब बलिया के सीयर ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह की बेटी की इस हाई-प्रोफाइलशादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही हैं।
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