देश
तो क्या इस नौजवान को मिलेगी त्रिपुरा सीएम की कुर्सी?

भाजपा ने त्रिपुरा में लेफ्ट के किले को भेद लिया है, शुरुआती रुझानों में भाजपा को पूर्ण बहूमत मिलते दिख रहा है. 2013 के विधानसभा चुनाव में 60 सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा में जिस भारतीय जनता पार्टी के एक भी विधायक नहीं थे वहां पर बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर किसको दी जाएगी त्रिपुरा की ज़िम्मेदारी? भाजपा ने किसी चेहरे को आगे नहीं रखकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. अब जबकि जीत सामने दिख रही है तो दो चेहरे सामने आ रहे हैं. इनमें से एक हैं बिप्लब कुमार देब और दूसरे सुनील देवधर. इनमें से किसी एक को मिल सकती है सीएम की कुर्सी.
कौन हैं बिप्लब देब ?
बिप्लब देब आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं. उन्हें साल 2016 में भाजपा ने राज्य का अध्यक्ष बनाया था. राज्य अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी मिलते ही सिर्फ दो साल में ही उन्होंने बीजेपी के लिए राज्य में कायापलट कर दी.
नॉर्थ-ईस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खास दिलचस्पी थी. इसलिए साल 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बिप्लब देव को दिल्ली से त्रिपुरा भेजा दिया, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके.
बिप्लब देव का जन्म दक्षिण त्रिपुरा में हुआ था लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में ही हुई है. आरएसएस का कार्यकर्ता होने के चलते उनका ज़्यादातर समय आरएसएस के हेडक्वॉर्टर नागपुर में बीता है.
सुनील देवधर ने लिखी जीत की पटकथा
भाजपा की सफलता का श्रेय पूर्वोत्तर में पार्टी के प्रभारी सुनील देवधर को भी जाता है. 52 साल के आरएसएस प्रचारक से चुनाव रणनीतिकार बने देवधर ने 3 साल पहले सत्ताधारी वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ बीजेपी का चुनाव अभियान संभालने के लिए त्रिपुरा का रुख किया था. इससे पहले साल 2014 के आम चुनावों में भी वो वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के कैंपेन मैनेजर थे.
उन्होंने त्रिपुरा में पार्टी के चुनावी भाग्य को पूरी तरह से बदल दिया. वो, राज्य की माणिक सरकार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभरे और उसे सत्ता से बाहर करने में उनका बड़ा हाथ रहा.
न्यूज 18 के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में देवधर ने कहा कि मंत्री वित्तीय घोटाले में फंस रहे हैं और माणिक सरकार धृतराष्ट्र की तरह अपनी आंख बंद करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. त्रिपुरा में चिटफंड कंपनियों द्वारा 12 लाख से अधिक लोगों को लूट लिया गया और सरकार खुद भी इसमें शामिल थी. इसलिए लोग इस सरकार को सत्ता से हटाना चाहते हैं.
बीजेपी ने इस चुनाव में औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा क्यों नहीं की? इस पर देवधर ने कहा कि ये जरूरी नहीं था. लोगों को भावी मुख्यमंत्री के चेहरे में कोई दिलचस्पी नहीं है. ये ऐसा ही है जब देश में ‘इंदिरा हटाओ’ लहर चल रही थी तब लोगों में ‘किसको लाओ’ के बारे में ज्यादा परवाह नहीं थी. एक बार हम सत्ता में आ जाएं तो संसदीय समिति और चुने गए विधायक तय करेंगे कि उनका नेता कौन होगा.













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सड़क दुर्घटना में हुई TV एक्टर की मौत, बलिया के रहने वाले थे अमन जायसवाल

बलिया : मुंबई से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। बेल्थरा रोड के रहने वाले होनहार टीवी कलाकार अमन जायसवाल का शुक्रवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया। फिल्म सिटी के पास दोपहर करीब 3 बजे उनकी बाइक को पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने जोरदार टक्कर मार दी। इस भयानक हादसे में अमन गंभीर रूप से घायल हो गए। तुरंत अस्पताल ले जाने के बावजूद, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
अमन जायसवाल बेल्थरा रोड के रहने वाले थे। प्रतिष्ठित व्यापारी दिनेश जायसवाल के पौत्र और आशीष जायसवाल के बेटे थे। वह मुंबई में रहकर टीवी सीरियल्स में मुख्य किरदार निभा रहे थे और अपने काम से बलिया का नाम रोशन कर रहे थे। अमन मुंबई में जब भी किसी प्रोजेक्ट को साइन करते उनके नाम के साथ बलिया का जिक्र जरुर होता था। वह अब तक तीन लोकप्रिय टीवी सीरियल्स में मुख्य भूमिका निभा चुके थे। उनकी आकस्मिक मौत ने पूरे बेल्थरा रोड को गहरे शोक में डाल दिया है।
बड़े बड़े एक्टर्स के साथ धारावाहिक ‘धरतीपुत्र नंदिनी’ अमन जायसवाल का पहला लीड शो रहा। इसमें उन्होंने आकाश का किरदार निभाया था। जिसके बाद से उनकी पोपुलिराटी दिन ब दिन बदती जा रही थी और उन्हें कई प्रोजेक्ट मिले थे। बलिया के अमन फिल्मी सिटी कही जाने वाली मुंबई में रहकर कई फ़िल्म और सीरियल में किया। अमन की सफलता और संघर्ष की कहानी, युवाओं को प्रेरित करती आई है। अमन ने साबित किया कि छोटे शहर के लोग भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को अमन बाइक से फिल्म सिटी के पास दोपहर करीब 3 बजे किसी ऑडिशन में जा रहे थें। अचानक हाईवे पर एक ट्रक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। घायल अमन को उनके दोस्त अभिनेश मिश्रा तुरंत कामा अस्पताल लेकर गए, लेकिन हादसे के आधे घंटे बाद अमन ने दम तोड़ दिया।
अमन की मौत की खबर सुनते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया। माता-पिता की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। बेल्थरा रोड में लोग इस असामयिक घटना से गहरे सदमे में हैं। अमन जैसे होनहार कलाकार का यूं असमय जाना वाकई में बेहद दुखद है।
देश
पंजाब में AAP ने तोड़ा गठबंधन, अकेले लड़ने का किया ऐलान

कांग्रेस को एक और बड़ा झटका देते हुए पंजाब में आम आदमी पार्टी ने गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस ऐलान से पहले आम आदमी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में असम की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की गुरुवार को घोषणा की। उसने उम्मीद जताई कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) उन्हें इन सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देगा।
‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने संवाददाता सम्मेलन में तीन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि डिब्रूगढ़ से मनोज धनोहर, गुवाहाटी से भावेन चौधरी और सोनितपुर से ऋषि राज को उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘हम एक परिपक्व गठबंधन के भागीदार हैं और हमें पूरा विश्वास है कि ‘इंडिया’ गठबंधन इसे स्वीकार करेगा. लेकिन चुनाव जीतना सबसे महत्वपूर्ण है। हम इन तीन सीट के लिए तुरंत तैयारी शुरू कर रहे है।’
पाठक ने कहा कि ‘अब सभी चीजों में तेजी लानी चाहिए. कई महीनों से बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। हम मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई में ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ हैं। गठबंधन के संबंध में सभी फैसले तुरंत लिए जाने चाहिए।’
देश
लोकसभा चुनाव से पहले AAP ने किया बडे़ स्तर पर संगठन विस्तार, कई विंगों में हुई नियुक्तियां

पंजाब में लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने संगठन विस्तार करते हुए बड़े स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां की हैं। करीब 2500 से अधिक लोगों को संगठन में जगह दी गई है। कुछ दिन पहले पार्टी जॉइन करने वाले नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिली है।
गुरदासपुर से भाजपा छोड़ AAP में शामिल हुए स्वर्ण सलारिया को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। जबकि डॉ. केडी सिंह और राजिंदर रीहल को स्टेट जॉइंट सेक्रेटरी लगाया गया है। वहीं, फतेहगढ़ साहिब लोकसभा हलका में कैप्टन हरजीत सिंह को लोकसभा वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया है। इसके अलावा अल्पसंख्यक विंग में बड़ी नियुक्तियां की गई हैं। पार्टी का लक्ष्य सभी 13 लोकसभा सीटों को फतह करना है। क्योंकि CM भगवंत मान पहले ही पंजाब में इस बार 13-0 का नारा दे चुके हैं।
पार्टी की तरफ से जिला से लेकर स्टेट तक संगठन के सभी विंगों में नई तैनाती की गई हैं। इसमें जिला स्तर के डॉक्टर विंग, एक्स इंप्लाई विंग, स्वर्णकार विंग, ट्रांसपोर्ट विंग, इंटेक्चुअल विंग और बीसी विंग शामिल है। बीसी विंग में सबसे ज्यादा लोगों को जगह दी गई। पार्टी ने संगठन को इस तरह मजबूत किया है कि ब्लॉक व गली तक उनकी पहुंच संभव हो पाए। इससे पहले भी पार्टी इस तरह इतने बड़े स्तर पर नियुक्तियां कर चुकी है।
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