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बलिया में बग़ावत से सपा परेशान, नगर पालिका से नगर पंचायत तक रार, कौन है जिम्मेदार ?

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बलिया अपनी बाग़ी तेवर के लिए जाना जाता है. उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का महा संग्राम जारी है. शहर की सरकार की लड़ाई में बलिया का मैदान कुरुक्षेत्र बना हुआ है. इस कुरुक्षेत्र में समाजवादी पार्टी यानी सपा के बाग़ी योद्धाओं ने पार्टी की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. बलिया नगर पालिका से लेकर रतसर कलां नगर पंचायत तक सपा बग़ावत की आग में झुलस रही है.

दो खेमों में बंटी समाजवादी पार्टी:

पहले आपको बताते हैं बलिया में नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की लड़ाई में सपा कैसे दो खेमों में बंटी हुई है. टिकट मिलने से पहले तीन नेता ऐसे थे जो सपा से टिकट चाहते थे. लक्ष्मण गुप्ता, संजय उपाध्याय और निषिद्ध श्रीवास्तव. संजय उपाध्याय को सपा से टिकट नहीं मिला. तो संजय बाग़ी हो गए. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा दाखिल कर दिया. फिर नाम आता है निषिद्ध श्रीवास्तव का. निषिद्ध का भी टिकट कट गया. वो नाराज़ हुए और पार्टी से बग़ावत कर बैठे. निषिद्ध श्रीवास्तव ने बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा का दामन थाम लिया. बसपा ने उन्हें नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए टिकट भी दे दिया.

सपा ने लक्ष्मण गुप्ता को नगर पालिका अध्यक्ष के लिए अपना उम्मीदवार बनाया. अब मुश्किल ये है कि ज़िले के कद्दावर सपा नेता नारद राय और लक्ष्मण गुप्ता की ख़ास बनती नहीं है. ज़िले में दोनों की अदावत हर किसी को मालूम है. ऐसे में नारद राय खुले तौर पर सजय उपाध्याय के लिए ही समर्थन मांग रहे हैं,  पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी लक्ष्मण गुप्ता के विरुद्ध प्रचार करने के आरोप में सपा के जिलाध्यक्ष ने तीन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया है. लेकिन नारद राय पर कोई कारवाई नहीं करके जिला जिलाध्यक्ष खुद सवालों के घेरे में हैं।

पंचायत लेवल पर भी रार:

बलिया में इस बार रतसर कलां नया नगर पंचायत है. इस सीट पर पहली बार पंचायत चुनाव  होने जा रहा है. रतसर कलां नगर पंचायत से दो नेता टिकट मांग रहे थे. अमित यादव और नईम अख्तर. दावेदारी दोनों की ही मजबूत थी. सपा तय नहीं कर पाई कि टिकट किसे दिया जाना चाहिए. इसलिए सपा ने किसी को भी टिकट नहीं दिया. दोनों दावेदारों को चुनाव लड़ने के लिए आजाद कर दिया.

सपा के इस फैसले ने ज़िले में पार्टी को दो खेमे में बांट दिया. खुद रतसर कलां फेफना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां से सपा के विधायक हैं संग्राम सिंह यादव. इस बीच नईम अख्तर के कार्यालय के उद्घाटन के दौरान संग्राम सिंह यादव और बलिया सपा के अध्यक्ष राजमंगल यादव ने नईम अख्तर को समर्थन दिया. नईम अख्तर के लिए लोगों से वोट देने की अपील भी की. यहाँ भी पार्टी में गुटबाजी खुलकर दिखाई दे रही है।

कुछ यही आलम बांसडीह नगर पंचायत सीट पर है. सपा ने सुनील सिंह बब्लू को टिकट दिया है लेकिन सपा के नेता बब्लू सिंह के बजाए एक निर्दलीय प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं. जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बग़ावत कर दी है.

सिकंदरपुर में तकरार:

सिकंदरपुर नगर पंचायत में सपा विधायक और पूर्व मंत्री मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी और सपा के जिलाध्यक्ष राज मंगल यादव के बीच का टकराव भी खुलकर सामने आ गया है. रिजवी ने आरोप लगाया है कि टिकट के लिए पहले भीष्म यादव का नाम तय हुआ था. लेकिन दिनेश चौधरी टिकट मिल गया.

सपा ने दिनेश चौधरी को टिकट दिया जिसके बाद भीष्म यादव बाग़ी हो गए. उन्होंने निर्दलीय पर्चा भर दिया. अब पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने के बावजूद रिजवी दिनेश चौधरी का समर्थन नहीं कर रहे. बल्कि खुलकर भीष्म यादव के लिए वोट मांग रहे हैं.

देखना दिलचस्प होगा कि सपा निकाय चुनाव में बलिया में इस बग़ावत की जाल से कैसे खुद को बचाती है. अपने ही नेताओं की खेमेबाज़ी का कितना नुकसान सपा को उठाना होगा ये आने वाले दिनों में पता चलेगा. बता दें कि बलिया में दूसरे चरण में निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी. यहां 11 मई को मतदान होगा.

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बलिया के बेल्थरारोड में गेहूं की फसल में लगी भीषण आग, 30 बीघा फसल जलकर राख

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बलिया के बेल्थरा रोड क्षेत्र के रुपवार भगवानपुर गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गेहूं की खड़ी फसल में अचानक आग भड़क उठी। गर्म हवा और तेज़ झोंकों के चलते आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया।

धधकती फसल को देखकर ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घरों से बाल्टियों में पानी लाकर आग बुझाने में जुट गए। साथ ही फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों की तत्परता और अथक प्रयासों से आखिरकार आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक लगभग 30 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल राख हो चुकी थी।

ग्रामीणों की सूझबूझ और मेहनत से पास की फसलें जलने से बचा ली गईं। इस आगजनी में जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुईं, उनमें कमला सिंह, राम गोविंद सिंह, विजई सिंह, सुरेन्द्र सिंह, नगीना सिंह, बब्बन सिंह, शिवानंद सिंह, कल्पनाथ, चन्दन और विवेक शामिल हैं।

पीड़ित किसानों ने प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है। घटना की जानकारी हल्का लेखपाल को दी गई, लेकिन वे जिला मुख्यालय में होने के कारण घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके। आग लगने के पीछे के कारणों का फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।

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बलिया के हिमांशु ने लंबे सघर्ष के बाद पास की IBPS SO परीक्षा, प्रेरणादायक है उनकी सफलता की कहानी

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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। बलिया के हिमांशु राय ने इन पंक्तियों को चारितार्थ करके दिखाया है। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद IBPS SO की परीक्षा में उच्चतम अंक हासिल कर सफलता हासिल की। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद उनका चयन पंजाब नेशनल बैंक में हुआ है, जो उनके करियर की एक नई शुरुआत साबित होगी।

अजीत कुमार राय के पुत्र हिमांशु राय का जीवन एक प्रेरणा है। बचपन से ही मेधावी रहे हिमांशु ने अपनी शिक्षा में कभी भी समझौता नहीं किया। 2014 में उन्होंने ज्ञान कुंज अकादमी से कॉमर्स में इंटरमीडिएट की परीक्षा में लगभग 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद, उन्होंने BHU से बी.कॉम में प्रथम श्रेणी से सफलता हासिल की और MBA (MAT) की परीक्षा पास की। इसके साथ ही UGC NET की परीक्षा भी उत्तीर्ण की और HDFC बैंक में नौकरी प्राप्त की।

हालांकि, जीवन की राह में आ रही कठिनाइयों ने हिमांशु को कभी हार मानने नहीं दिया। कोरोना महामारी के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ समय तक कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया। इस दौरान, उन्होंने अपने परिवार की दुकान में भी मदद की और घर में मां का ख्याल रखते हुए रात में अपनी पढ़ाई जारी रखी।

संगर्ष की इस लंबी यात्रा में, हिमांशु ने कई बार सफलता के काफी करीब जाकर असफलता का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और हिम्मत ने उन्हें 1 अप्रैल को शानदार सफलता दिलाई। हिमांशु अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता श्री अजीत कुमार राय के मार्गदर्शन और संघर्ष, और अपनी मां श्रीमती संगीता राय के त्याग को देते हैं। वे कहते हैं, “मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे संघर्ष से लड़ने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”

हिमांशु ने अपनी मौसी, जिन्हें वह छोटी माता के नाम से बुलाते हैं, को भी इस सफलता का अहम श्रेय दिया। इसके अलावा, उनकी एक मित्र संध्या ने इस परीक्षा में उनका अनमोल साथ दिया, जिन्होंने न केवल पढ़ाई में मदद की बल्कि परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी में भी मार्गदर्शन किया। हिमांशु का मानना है कि संध्या के सहयोग के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।

आखिरकार, हिमांशु ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार, रिश्तेदारों और बाजार के सभी लोगों को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया। उनकी यह कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत, और कभी हार न मानने का जज्बा किसी भी मुश्किल को पार कर सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंच सकता है।

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बलिया में 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर दी जान !

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बलिया के फेफना थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, फेफना थाना क्षेत्र  की घटना है। जहां 16 वर्षीय किशोरी ने आत्महत्या कर ली। किशोरी का नाम खुशी था और वो मनियर गांव की रहने वाली थी। खुशी कुछ वर्षों से अपने नाना गंगाराम के घर में रह रही थी। उसकी मां का देहांत कुछ साल पहले हो गया था। वह यहीं रहकर पढ़ाई कर रही थी।

मंगलवार की रात को वह रोजाना की तरह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह देर तक जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर खुशी का शव पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला।

घटना की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

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