बलिया स्पेशल
सिकन्दरपुर चौकी प्रभारी ने पेश की मानवता की मिसाल
सिकन्दरपुर (बलिया) सोमवार की शाम करीब 7:30 बजे सिकन्दरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे एक पिकअप वाहन के द्वारा चालक समेत दो अन्य लड़कों के साथ अचेत अवस्था मे एक बालिका को हास्पिटल प्रागंण मे एक पेड़ के नीचे छोड़कर भाग जाने का मामला सामने आया है,बालिका की उम्र लगभग 19 साल बताई जा रही है।
जिसके बाद डाक्टरों ने बालिका के मुह से झाग निकलते देख तत्काल प्रभाव से विशाक्त पदार्थ खाने की आशंका को जाहिर करते हुए उसे प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराया पर बिगड़ती हालत को देख उस बालिका को जिला अस्पताल बलिया के लिये रेफर किया व इस प्रकरण की जानकारी सिकन्दरपुर चौकी प्रभारी देवेंद्र नाथ दूबे को दिया।
पर सवाल खड़ा ये होता है की बिना अभिवावक के इस बालिका को कौन जिला अस्पताल ले जाये ?
चौकी प्रभारी तुरंत मौके पर पहुचकर इस बालिका के बारे मे जानकारी जुटाने का प्रयास करने लगे,पुछने पर उसी दौरान बालिका ने अपने गांव का नाम बहुत ही मुश्किल से बता पायी।
गांव के नाम का पता चलते ही चौक प्रभारी अपने दल बल के साथ उस गांव की तरफ निकल पड़े,इसी दौरान इस घटना की जानकारी होते ही नवानगर ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि श्री रामबचन यादव समेत कई अखबारों के पत्रकार भी आ गये,जिनके प्रयासों से उस लड़की का दुबारा ईलाज शुरु हुआ,जिसमें स्थानिय मेडिकल स्टोर्स और स्थानिय डाक्टरों ने प्रमुख भूमिका निभाई,उसी समय चौकी् प्रभारी काफी खोजबीन के बाद पीड़ित बालिका की माँ को लेकर हास्पिटल पहुंचे और परिवार को इस मुसीबत से लड़ने की हिम्मत देते हुये और पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाते हुये इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश की।
पर कुछ घंटे बाद ही करीब 9 बजे रात मे उसे दुबारा 108 ऐम्बुलेंस के द्वारा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बताते चले की इस पीड़ित बालिका का नाम गुड़िया उम्र 19 साल पुत्री महेन्द्र निवासी मुजिया,चकिया की रहने वाली है ।
अब पीड़िता के होश मे आने के बाद ही पता चल पायेगा की वो दो लड़के कौन थे जो इंसानियत को शर्मशार करते हुये एक लड़की को मरने के लिये छोड़ गये,अब उसका बयान ही पूरे मामले की दिशा और दशा तय करेगा,पर इस वक्त वो अपने जिन्दगी और मौत से लगातार जूझ रही है।
साभार– tarunmitraballia.blogspot
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20 दिन बाद भी फरार है बलिया का ये BJP का ब्लॉक प्रमुख ! गिरफ्तारी में देरी क्यों ? सड़को पर उतरे वकील
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प्रयागराज वकील हत्याकांड: बलिया के इस ब्लॉक प्रमुख पर 5 हज़ार का इनाम, पुलिस तलाश में जुटीं
प्रयागराज में चर्चित वकील अखिलेश शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बलिया निवासी अतुल प्रताप सिंह पर 5 हज़ार का इनाम घोषित किया गया है। आरोपी बीजेपी गड़वार ब्लॉक प्रमुख है और उसके ऊपर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले में बसंतपुर निवासी दुर्गेश सिंह और रामपुर निवासी प्रिंस सिंह पहले ही हाज़िर हो चुके हैं। इस मामले में ड्राइवर बसंतपुर निवासी अजय यादव अभी फरार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर की रात सलोरी इलाके में विवाद के बाद अधिवक्ता को लाठी-डंडे, असलहे की बट और फायरिंग कर अधमरा कर दिया गया था। 20 नवंबर को अधिवक्ता की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। इस मामले में निखिल नामजद था जबकि चार अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मामले में 3 आरोपी निखिल सिंह, प्रिंस सिंह और मनोज सिंह पहले ही भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने चौथे आरोपी को भी चिन्हित कर लिया था। वह छात्रनेता भी रह चुका है और मौजूदा समय में ठेकेदारी करता है।
अब पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल प्रताप सिंह पुत्र राणा प्रताप सिंह निवासी पचखोरा थाना गढ़वार जनपद बलिया और उसके चालक अजय यादव निवासी बसंतपुर सुखपुरा बलिया 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही इन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। इन दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें छापेमारी कर रही हैं।
प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने वकील हत्याकांड में चार आरोपियों निखिल कान्त सिंह निवासी नरियांव थाना जहाँगीरगंज जनपद अम्बेडकर नगर, प्रिन्स सिंह उर्फ रणविजय सिंह निवासी रामपुर उदयभान थाना कोतवाली जनपद बलिया, मनोज सिंह निवासी टीलापुर पोस्ट जमधरवा थाना रेवती जिला बलिया और दुर्गेश कुमार सिंह निवासी ग्राम बसन्तपुर थाना सुखपुरा जनपद बलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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जानिए कौन हैं बलिया के नए एसपी विक्रांत वीर ?
बलिया पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरने के बाद योगी सरकार ने पीएसी की 32वीं वाहिनी में तैनात विक्रांत वीर को बलिया का नया पुलिस अधीक्षक बनाया है। बता दें कि बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलिया में बड़ी कार्रवाई हुई थी। एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया ।
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित तीन उपनिरीक्षक, तीन मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और एक आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है। वहीं देर रात बलिया एसपी को भी हटा कर विक्रांत वीर को बलिया की कमान सौंपी गई है। आईये जानते हैं
कौन हैं IPS विक्रांत वीर ?
विक्रांत वीर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से बिहार में नालंदा के रहने वाले हैं। आईपीएस बनने से पहले वह मर्चेंट नेवी में थे। विक्रांत वीर के पिता बिहार में मलेरिया इंसपेक्टर के पद पर रह चुके हैं।
1997 में झारखंड के पलामू से इंटर की परीक्षा पास करने के बाद वह मुंबई की मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने चले गए। साल 2011 में उनका चयन मर्चेंट नेवी में हो गया।
नौकरी करते हुए वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार साल 2014 में उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो गया। उनकी पहली तैनाती कानपुर में बतौर एएसपी हुई।
कानपुर से विक्रांत वीर फैजाबाद और बलिया के एसएसपी भी रहे। उसके बाद वह लखनऊ ग्रामीण के एसपी बने। बतौर एसपी हाथरस विक्रांत वीर का पहला जिला था।
हालांकि हाथरस में लड़की के साथ घटे जघन्य अपराध के बाद विक्रांत वीर को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले ने पूरे देश में तूल तब पकड़ा जब पीड़िता की मौत के बाद पुलिसवालों ने उसकी लाश देर रात खुद ही जला दी।
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