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बलिया में सरकारी बसों की कमी, कई मार्गों पर चल रहीं इक्का-दुक्का बसें, लोग परेशान

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प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया जिले से हैं लेकिन फिर भी बलिया में यातायात सेवाएं चरमराती नजर आ रही हैं। जिले के कई मार्गों पर इक्का-दुक्का ही बसें चलती हैं ऐसे में लोगों प्राइवेट वाहनों में अधिक किराया देकर सफर करने को मजबूर हैं।

बलिया गड़वार नगरा घोसी मार्ग पर केवल दो बसें चल रही हैं जबकि बलिया नगरा घोसी की दूरी 85 किलोमीटर के आसपास है। इस रूट पर काफी कम बसें चलने से लोग परेशान होते हैं। इससे पहले करीब ढाई दशक पूर्व बलिया- गड़वार घोसी मार्ग पर कसेसर, भीमपुरा, इब्राहिमपट्टी, बरौली, घोसी, गोरखपुर आदि के लिए बसें चलती थीं।

यह बसें सुबह, शाम के अलावा दोपहर में भी आवागमन करती थी। फिलहाल लखनऊ के लिए एक बस और इब्राहिमपट्टी के लिए एक बस चल रही है। नगरा से घोसी की दूरी लगभग 45 किमी है। बीच में एक दर्जन के आसपास चट्टी और बाजार है। परशुरामपुर, ताड़ीबड़ागांव, हब्सापुर, कसेसर, भीमपुरा, किडिहरापुर, नवरतन पुर, बरौली, मझवारा, माऊर बोझ, कुंडेसर, घोसी आदि छोटी-बड़ी चट्टी और बाजार हैं। वहीं, इस मार्ग पर लगभग पांच लाख के आसपास आबादी संपर्क मार्गों से जुड़ी हुई हैं। लेकिन इन मार्गों पर बसों की संख्या कम होने से लोग आवागमन नहीं कर पाते।

लोगों का कहना है कि पहले नगरा से गांव या नगरा से घोसी मार्ग पर भी बसों का आवागमन होता था लेकिन आज शाम होते ही पैदल जाना पड़ता है। बसों का आवागमन न होने से कारोबार पर असर पड़ रहा है। अधिक भाड़ा देकर के निजी साधनों से सामान मंगवाना पड़ता है। बसों का संचालन न होने से राजस्व की भारी क्षति हो रही है। निजी वाहन मनमाना किराया वसूलते हैं। 25 साल पहले जिला मुख्यालय पर आने जाने की समस्या नहीं थी। बलिया के तरफ निजी वाहन मिल भी जाते हैं, लेकिन भीमपुरा, बरौली, घोसी के लिए जाना मुश्किल हो जाता है।

बसों की कमी पर प्रभारी एआरएम महेश च्रंद पांडेय का कहना है कि बलिया नगरा-बेल्थरारोड रूट पर 10 से ज्यादा रोडवेज की अनुबंधित बसें संचालित की जाती है। आवश्यकता होने पर इसे और बढ़ाया जाएगा।

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बलिया में सड़क हादसे में व्यवसायी की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

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बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के करनई गांव के पास बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस सड़क हादसे में एक व्यवसायी की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं परिजन इस घटना को हत्या का मामला बता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, व्यवसाई पारस रौनियार बाइक से सुखपुरा से बलिया अपने घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में करनई गांव के पास सुखपुरा-बलिया मुख्य मार्ग पर अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। घायल पारस को स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजनों का कहना है कि ये हादसा नहीं हत्या है। परिजनों का कहना है कि मृतक के शरीर पर जख्म सड़क हादसे नहीं, मारपीट के लग रहे हैं। अगर यह एक्सीडेंट होता, तो बाइक क्षतिग्रस्त होती, लेकिन बाइक सुखपुरा थाने पर सही हालत में मिली। पारस का मोबाइल, सोने की चेन और नकद रुपए गायब हैं।

घटना की सूचना मिलते ही सुखपुरा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल का मुआयना किया। पारस रौनियार की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि मामले में सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी।

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बलिया में 2 साल पुराने हत्या के प्रयास से जुड़े मामले में आरोपी को 10 साल की सजा

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बलिया कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ आरोपी को 10 हजार का हर्जाना भी भरना होगा। हर्जाना न भरने की स्थिति में आरोपी को तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतान होगा।
जनपद न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने टीकादेवरी निवासी एक महिला ने थाना चितबड़ागांव पर लिखित प्रार्थना पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि एक नवंबर 2022 को उसके ससुर खेत में गए थे। देवर सुनील तिवारी पुत्र बलिराम तिवारी मौके पर पहुंचे और उनको गालियां देने लगे। हाथ में लिए धारदार हथियार से उनके गले पर वार कर दिया है। इससे उनकी गर्दन, मुंह, कान आदि पर गंभीर चोट आई। इसके बाद शोर सुनकर लोग आए और आरोपी सुनील तिवारी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया।
इस पूरे मामले में एफआईआर चितबड़ागांव थाने में दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में चल रही थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी के खिलाफ दोष साबित पाया गया। इस मामले में न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने सुनील तिवारी को 10 साल के कारावास और 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न अदा करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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बलिया में मानक पूर्ण करने वाले स्कूल ही बनाए जाएंगी बोर्ड परीक्षा के केंद्र

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बलिया में बोर्ड परीक्षा को लेकर योजना बनाई जा रही है। इसी को लेकर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपदीय यूपी बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण समिति की बैठक ली। इस बैठक में जिलाधिकारी ने बोर्ड परीक्षा आयोजन को लेकर दिशा निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने प्रस्तुत केंद्रों की समीक्षा करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक एवं सभी उप जिलाधिकारियों को प्रस्तुत सभी केन्द्रों का परीक्षण कर आवागमन की सुविधा, दूरी, ब्लैक लिस्टेड न हो, पर्याप्त फर्नीचर व कमरे आदि मानक पूर्ण करने वाले विद्यालयों को ही केन्द्र बनाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी डीपी सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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