Connect with us

featured

बलिया के 311 गांवों में घुला आर्सेनिक का जहर, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पाईं सरकारें

Published

on

बलिया जिले के सैंकड़ों गांवों के लोग आज भी आर्सेनिकयुक्त पानी पीने को मजबूर है। आर्सेनिक का जहर उनकी रगों में दौड़ रहा है। ये आर्सेनिक इतना खतरनाक होता है कि इसके संपर्क में आने से पत्थर भी लाल हो जाता है तो फिर मानव शरीर पर कितना जानलेवा असर पड़ रहा होगा, ये किसी से छिपा नहीं है। लेकिन बावजूद इसके सालों से बनी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है।

वर्षों पहले यहां आर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगाए गए थे लेकिन वह शोपीस बन चुके हैं। जिले के 311 गांवों के लोग आर्सेनिक युक्त पानी पी रहे हैं। इस पानी से अब तक पांच दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हजारों लोग आर्सेनिकोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हैं। सोहांव, दुबहर, बेलहरी, बैरिया एवं रेवती विकास खंड के 55 गांवों में इसने खतरनाक रूप धारण कर लिया है। यहां के जल में निर्धारित मानक से 140 गुना अधिक तक आर्सेनिक की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ से पीने के पानी में आर्सेनिक की प्रति लीटर मात्रा 0.01 मिग्रा के सापेक्ष भारत सरकार ने 0.05 मिग्रा तय की है। लेकिन बलिया के कई ऐसे गांव है जो हर रोज पानी के रुप में आर्सेनिक युक्त जहर पी रहे हैं।

पहले की सरकारों ने शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए ओवरहेड टैंक, आर्सेनिक रिमूवल प्लांट व आर्सेनिक फिल्टर लगवाएं, इसके बाद सरफेल वाटर उपलब्ध कराने की योजना भी बनी। हैदराबाद की टीम ने बेलहरी ब्लॉक के पचरूखियां-रामगढ़ के मध्य गंगा नदी में प्लांट बनाने के लिए जगह भी चिंन्हित कर लिया, लेकिन करीब 700 करोड़ की यह परियोजना आज भी अधूरी है। कोई भी सरकार यहां के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाई। आर्सेनिक प्रभावित इलाकों में लोगों को आर्सेनिकमुक्त पानी के लिए नीर निर्मल परियोजना शुरू की गई। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से करीब छह माह पहले 18 परियोजनाओं के 35 करोड़ की धनराशि विश्व बैंक को सरेंडर करना पड़ा। हालांकि अब इसे जल जीवन मिशन में शामिल करने बात कही जा रही है लेकिन अभी तक यह धरातल पर नहीं उतर सका है।

सालों पहले की बात है, जब बलिया में आर्सेनिकयुक्त पानी पीने से मौतें होने लगी। तब तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एमएम मुर्तजा की टीम बलिया पहुंची थी। बेलहरी ब्लॉक के तिवारीटोला, गंगापुर व रामगढ़ आदि गांवों में जांच के बाद डॉ. मुर्तजा ने निर्देश दिया था कि प्रभावित लोगों के इलाज की व्यवस्था की जाय। उन्हें 40 दिन तक भर्ती कर डियमोकेपराल इंजेक्शन लगाया जाय। साथ ही सीएचसी सोनवानी की टीम सप्ताह में तीन दिन डोर-टू-डोर प्रभावित गांवों में भ्रमण कर मरीजों को चिंन्हित करे। लेकिन उनके निर्देश पल भर में ही हवा हो गए। कोई भी अधिकारी न तो निरीक्षण करने आया और न ही पेयजल की व्यवस्था हुई।

शरीर को खोखला कर देता है आर्सेनिक- आर्सेनिक का पानी सेवन करने वालों के शरीर पर काले चकत्ते, खुजली, स्किन से जुड़ी बीमारी होती है। ज्यादातर लोग जानलेवा बीमारी कैंसर के भी शिकार हो जाते हैं। आर्सेनिक शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। साल 2019 में सदर तहसील के ग्रामसभा गंगापुर के पूरवा तिवारी टोला रामगढ़ निवासिनी नीलम पांडेय 35 पत्नी सूर्यबली पांडेय की मौत हो गई। इससे पहले गंगापुर के पुरवा तिवारी टोला निवासी पप्पू पांडेय 35 पुत्र सुदामा पांडेय की भी मौत आर्सेनिक की चपेट में आने से हो गई थी।

जिलेवार स्थिति देखे तों बलिया के कई गांवों में हजारों हैंडपंप आर्सेनिक युक्त पानी दे रहे हैं। ब्लाक बेलहरी के 31 बस्तियों में 60 से 500 तक पीपीवी (पार्टस पर विल्यन) व 411 हैंडपंप में 193 दे रहे आर्सनिक युक्त जल। बैरिया ब्लाक के 68 बस्ती में 60 से 150 पीपीवी आर्सेनिक व 715 हैंडपंप में 237 चिह्नित। मुरली छपरा ब्लाक में 40 बस्तियां चिह्नित की गई है। इसमें 60-140 पीपीवी आर्सेनिक की मात्रा है और 140 हैंडपंपों में 60 आर्सेनिक युक्त हैं। रेवती ब्लाक में 437 हैंडपंपों में 276 आर्सेनिक जल देते है। हनुमानगंज ब्लाक में सात बस्तियां में लगे 76 हैंडपंपों में 10 आर्सेनिक युक्त जल देते है। सोहांव ब्लाक में 60 से 100 पीपीवी तक आर्सेनिक की मात्रा पाई जाती है। दस बस्तियों में लगे 138 हैंडपंप में 22 आर्सेनिक युक्त जल देते है। मनियर ब्लाक की 19 बस्तियां में लगे 143 हैंडपंपों में 59 आर्सेनिक युक्त जल देते है। बांसडीह ब्लाक में दस बस्तियों को चिह्नित किया गया है। इसमें 60 से लेकर 140 पीपीवी तक आर्सेनिक की मात्रा पायी जाती है। वहीं 46 हैंडपंपों में 31 में आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है। सीयर ब्लॉक की चार बस्तियों में 60 से 145 पीपीवी तक आर्सेनिक की मात्रा मिली है। 20 हैंडपंपों में छह में आर्सेनिक जल मिला है। नवानगर ब्लाक के तीन बस्तियों को चिह्नित किया गया है। इसमें 60 से 80 पीपीवी तक आर्सेनिक पायी गई है। 24 हैंडपंपों में तीन में आर्सेनिक की मात्रा मिली है। चिलकहर ब्लाक में एक बस्ती चिह्नित है। इसमें 60 पीपीवी की मात्रा मिली। चार हैंडपंपों में एक आर्सेनिक युक्त मिला है। वहीं दुबहड़ ब्लाक में 60 से 110 पीपीवी की मात्रा मिलती है। 47 बस्तियों में लगे 480 हैंडपंपों में 160 आर्सेनिक से युक्त है।

इस गंभीर मसले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। नोटिस में आर्सेनिक से मरने वाले लोगों की मजिस्ट्रेट से जांच करवाकर उन्हें मुआवजा देने का निर्देश था। इसके बाद तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा। तब तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारोत के निर्देश पर तब सदर एसडीएम रहे अश्वनी कुमार श्रीवास्तव व डिप्टी सीएमओ डॉ. केडी प्रसाद के नेतृत्व में टीम गठित की गई। कई लोगों के बयान दर्ज हुए लेकिन आज तक रिपोर्ट बनकर तैयार नहीं हो पाई। आज भी ग्रामीण इसी आस में बैठे हैं कि कोई रिपोर्ट आएगी, जिसके आधार पर सरकार कदम उठाई और उन्हें इस मौत के कुएं से बाहर निकालेगी।

 

Advertisement        
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

featured

बलिया पहुंचे डिप्टी सीएम, चंद्रशेखर हॉस्पिटल की आधुनिक डायलिसिस सेंटर का किया उद्घाटन

Published

on

आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक बलिया पहुंचे। उन्होंने जननायक चंद्रशेखर हॉस्पिटल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट की अत्याधुनिक डायलिसिस इकाई का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में भी भाग लिया।

डिप्टी सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि चंद्रशेखर जी के बगैर भारतीय राजनीति को पूर्ण नहीं माना जा सकता। चंद्रशेखर और बलिया एक दूसरे के पर्याय थे। पूरे भारत वर्ष में बलिया को स्थापित करने का कार्य किया। 1980 के दशक में उन्होंने कल्पना की थी कि बलिया के हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और उसी सोच के क्रम में उन्होंने जिला मुख्यालय से सुदूर अपने गांव में इस अस्पताल का निर्माण करवाया था।

इस अस्पताल के आधारशिला में लोकनायक जयप्रकाश नारायण का नाम भी जुड़ा हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पूरे प्रदेश के मुख्य सचिव होने हुए बलिया के इस अस्पताल को बेहतर स्वरूप में देखने की चिंता की, जिसके लिए वह भी धन्यवाद के पात्र हैं। अस्पताल संचालक का जिम्मेदारी उठाने वाले डॉक्टर संजय सिंह से कहा कि बलिया के ऐतिहासिक धरती के लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो ,इसका पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। हर गरीब, किसान और बहन-बेटियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न होने पाए। सरकार ने जनता के लिए सारी व्यवस्था दी है। यहां भी स्वास्थ्य सुविधा ऐसी हो कि पूरे देश में इसका संदेश जाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान बहनों को तीन या चार बार अल्ट्रासाउंड के लिए जाना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार ने यह भी व्यवस्था दी है कि सरकारी के अलावा प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड होगा। नवजात शिशु के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिले पर व्यवस्था है। इसके अलावा हर सीएससी, पीएचसी तथा सब-सेंटर पर टीकाकरण सहित जच्चा-बच्चा की की सारी सुविधाएं हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हम बीमार पड़े ही ना। इसके लिए किसी भी ऐसे पेय पदार्थ को नहीं लेना है या ऐसा कुछ नहीं खाना है, जिसका नुकसान हमारे शरीर पर पड़े। लगभग 40-50 मिनट योग-व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आवश्यकता से अधिक भोजन न लें और पर्याप्त पानी पिएं। लोगों से यह भी आवाह्न किया कि अपने दांतों को सुरक्षित रखने पर भी विशेष ध्यान दें। इसके लिए सुबह के अलावा रात को भी दांतों की सफाई करके ही सोएं।

उपमुख्यमंत्री जी का जनपद आगमन पर स्वागत पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर तथा निदेशक डा.संजय सिंह सहित अन्य गणमान्य ने किया। कार्यक्रम को पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर जी सपना था कि हम अपने गांव में एक बड़ा हॉस्पिटल बनाएं। उन्होंने अस्पताल को संचालित करने में अहम भूमिका निभाने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उपमुख्यमंत्री और पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण किया। इस मौके पर पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया, डा. सुषमा शेखर, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी विक्रांतवीर आदि मौजूद रहे।

Continue Reading

featured

बलिया में महिला अपने प्रेमी के साथ हुई फरार, पति विदेश में करता है नौकरी

Published

on

बलिया के बैरिया थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाली महिला अपने पति को छोड़ प्रेमी के साथ फरार हो गई। पति कतर में रहकर नौकरी कर रहा था और बकायदा पत्नी को खर्च के लिए पैसे भेजता था। उसने अपनी पत्नी के नाम से जमीन भी खरीदी, लेकिन जब पति के कतर से वापस आने की सूचना पत्नी को मिली तो वो अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई।

पत्नी अपने साथ सोने-चांदी के आभूषण समेत लगभग 8 लाख रुपये लेकर भाग गई। पति जब घर आया तो ये ख़बर सुनकर उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। पति ने बैरिया थाने में पूरे मामले की तहरीर दी है।

जानकारी के मुताबिक, युवक पैसे कमाने के लिए कतर गया था। घर में माता-पिता और उसकी पत्नी थी। युवक ने पिछले 2 वर्षों में पत्नी के खाते में लगभग 8 लाख रुपये भेजे थे और उसके नाम पर जमीन भी खरीदी थी। जब उसने वापस अपने देश आने की बात पत्नी को बताई तो पत्नी जेवर और बैंक से पैसे लेकर प्रेमी के साथ फरार हो गई।

इस पूरे मामले में प्रभारी निरीक्षक रामायण सिंह का कहना है कि मेरे अवकाश पर रहने पर इस आशय का प्रार्थना पत्र पीड़ित द्वारा इंस्पेक्टर क्राइम अशोक दत्त त्रिपाठी को दी गई थी। उनके द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है।

Continue Reading

featured

कल बलिया आएंगे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कैंसर हॉस्पिटल का करेंगे निरीक्षण

Published

on

उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक कल बलिया आने वाले हैं। इस दौरान वे चंद्रशेखर कैंसर हॉस्पिटल इब्राहिमपट्टी पहुंचकर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायज़ा लेंगे। मुख्यतौर पर आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी कॉम्प्लेक्स आदि का निरीक्षण करेंगे।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री नवनिर्मित डायलिसिस यूनिट और चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वो अस्पताल में आयोजित अन्य कार्यक्रमों में भी मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। उप मुख्यमंत्री दोपहर 1 बजे डुमरी-मर्यादपुर मऊ तथा 2.45 बजे पहाड़ीपुर मऊ, फिर 03.05 बजे हेलीपैड इब्राहिम पट्टी बलिया पहुंचेंगे और 03.10 बजे लामार्टिनियर कालेज ग्राउण्ड, लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!