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बलिया में डेंगू का कहर अब तक मिले 40 मरीज, जानें डेंगू का लक्षण और इलाज

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बलिया में डेंगू के 40 मरीज लेकिन अस्पताल में कोई भर्ती नहीं! क्या है वजह?

बारिश के बाद-बाद जगह-जगह पानी जमा होने लगता है जिसकी वजह से डेंगू जैसी घातक बीमारियां पैदा होने लगती हैं। बलिया में इन दिनों डेंगू का आतंक पसरा हुआ है। धड़ाधड़ लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। अब तक जिले में कुल चालिस लोग डेंगू के मरीज बन चुके हैं। लेकिन जिला अस्पताल में एक भी डेंगू का मरीज भर्ती नहीं है। सभी मरीज अपने घर पर ही दवा ले रहे हैं।

बलिया खबर ने जिले में फैलते डेंगू को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस से बातचीत की। सीएमएस ने बताया कि “अभी बलिया में डेंगू के कुल 40 मरीज हैं। यह आंकड़ा गत बुधवार यानी 22 सितंबर तक के हैं। इनमें तीन नए मरीज हैं। जिनकी जांच रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई है।” सीएमएस ने कहा कि जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए कुल 10 बेड आरक्षित हैं। जिला अस्पताल के सभी 10 बेड खाली ही हैं और बंद करके रखे गए हैं। क्योंकि कोई भी डेंगू मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है।”सीएमएस के अनुसार बलिया में अब तक जितने भी डेंगू के मरीज मिले हैं सभी को हल्का बुखार ही है। इनकी स्थिति भर्ती करने लायक गंभीर नहीं है। ऐसे में जो भी मरीज आए हैं उन्हें दवा और जरूरी सलाह देकर घर पर ही आराम करने को कहा गया है। साथ ही जिन इलाकों में मरीज मिल रहे हैं वहां दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है।

क्यों होता है डेंगू, क्या हैं लक्षण? बारिश के दिनों में जहां-तहां पानी जमा हो जाता है। कीचड़ और गंदगी भी बढ़ जाती है। इसी माहौल में मच्छर पनपते हैं। मच्छरों में मादा मच्छर की एक खतरनाक प्रकार की मच्छर होती है एडीज इजिप्टी। मादा एडीज इजिप्टी के शरीर पर सफेद रंग की धारियां होती है। इसी मादा एडीज इजिप्टी के काटने से होता है डेंगू। यह खासकर बरसात या उसके बाद के दिनों में फैलता है। मादा एडीज इजिप्टी के काटने के तीन से दस दिन के भीतर इसका असर शुरू हो सकता है।

झांसी मेडिकल कॉलेज के डा. गोपाम्बुज बताते हैं कि “डेंगू बुखार जिस भी व्यक्ति को होता है सबसे पहले उसे ठंड लगने लगता है। ठंड लगने के बाद होता है बेहद तेज बुखार। साथ ही हाथ-पैर और जोड़ों में भी दर्द होता है। डेंगू जब होता है तो सामान्यतः खांसी और सर्दी नहीं होती है। अगर कोई वायरल इन्फेक्शन भी है तब बुखार के साथ खांसी-सर्दी भी हो सकती है।”

जांच और इलाज: डेंगू से निपटना बेहद मुश्किल नहीं है बशर्ते कि जागरुकता की कमी नहीं होनी चाहिए। डा. गोपाम्बुज ने बताया कि ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज सीबीसी जांच कराने जाता है। तो सामान्यतः प्लेटलेट्स कम आता है। लेकिन ऐसे में किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। जब तक मरीज के मसूड़ों से, उल्टी के दौरान या शौच के रास्ते से खून नहीं आने लगता है तब तक परेशान नहीं होना है। भले ही प्लेट्लेट्स कम क्यों न हो।उन्होंने कहा कि “डेंगू के लिए किट के द्वारा जांच होती है। इसमें तीन चीजें होती हैं। एनएस-1, आईजीजी और आईजीएम। अगर एनएस-1 और आईजीएम पॉजिटिव आता है तो आपको डेंगू है। लेकिन अगर आईजीजी पॉजिटिव आता है तब अच्छी बात है क्योंकि इसका मतलब है कि मरीज के शरीर में डेंगू का एंटीबॉडी तैयार हो चुका है।”

डेंगू के इलाज पर बात करते हुए डा. गोपाम्बुज कहते हैं कि “इसकी कोई खास दवा नहीं है। डेंगू में सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखना होता है कि मरीज का हाइड्रेशन पूरी तरह से ठीक रहे यानी शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि डेंगू में उल्टी होने लगती है तो ऐसे मरीज के शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसलिए मरीज को पेय पदार्थ दिया जाना चाहिए। नारियल पानी, सादा पानी और जूस दिया जाना चाहिए।”

डा. गोपाम्बुज ने बताया कि डेंगू के मरीज को कोई हार्ड दवा नहीं दिया जाता है। इसके लिए कोई विशेष दवा भी नहीं है। लेकिन बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल दिया जा सकता है। अगर बुखार बहुत तेज है तो दिन में तीन से चार बार 500 mg या 650 mg का पैरासिटामोल दिया जा सकता है। साथ ही शरीर को गीले कपड़े से पोंछते रहना होगा।”

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मंडलायुक्त ने बलिया के 5 ग्राम पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

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मंडलायुक्त आजमगढ़ मनीष चौहान ने बलिया के पांच ग्राम पंचायतो मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया। इसके अंतर्गत मंडलायुक्त ने चयनित विकासखंड गड़वार के ग्राम पंचायत फेफना के प्रधान केशव गुप्ता को अपने ग्राम पंचायत में किये गये चौतरफा विकाश कार्यो के लिए आजमगढ़ मे आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान बढ़ाया। साथ ही बधाईया भी दी।

उल्लेखनीय है कि सम्मानित प्रधान के कार्यकाल के दौरान पंचायत मे नाली, खड़ंजा, सीसी रोड से लगायत शौचालय, सोखता आदि कार्य शाशन की मंसा के अनुरूप कराये गये है। इधर, सम्मानित होने की खबर जैसे ही ग्राम पंचायत फेफना में सम्मानित होने की खबर पहुंची लोगों में खुशी का माहौल छा गया ग्रामीणों ने प्रधान केशव गुप्ता को फेफना तिराहा पर फूल माला पहना कर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।

सम्मान से उत्साहित केशव गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत फेफना के चौमुखी विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहुगा और आप सभी सम्मानित ग्रामवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि आप लोग अपना आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखें । इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि अरुण गुप्ता सहित शेष चारो प्रधानो के चेहरे खिले हुये थे।

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बलिया में बारात से लौट रही स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 1 की मौत, 3 लोग घायल

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बलिया रसड़ा मार्ग स्थित अमहर गांव में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई। हादसा इतना भयानक था कि एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मऊ जनपद के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव से विशाल सिंह के घर से रविवार के दिन गाज़ीपुर बरेसर बारात गई हुई थी। कुछ बाराती खाना खाने के बाद घर वापस आ रहे थे, अमहर गांव के समीप गैस एजेंसी के पास स्कॉर्पियो गाड़ी बारातियों से भरी अनियंत्रित होकर बगल के गड्ढे में पलट गई। इसमें माधोपुर गांव निवासी 45 वर्षीय अजीत सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि माधोपुर गांव निवासी 38 वर्षीय अजय सिंह, 35 वर्षीय अर्जुन सिंह, 25 वर्षीय आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना में अजीत सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने पर परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरू की।

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बलिया के युवा कवि को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान करेगा सम्मानित, इन 2 रचनाओं के लिए होंगे पुरुस्कृत

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बलिया के युवा ने प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। युवा कवि आचार्य सागर ‘बेघर’ जी को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरुस्कृत किया जाएगा। उन्हें ये सम्मान उनके द्वारा रचित 2 रचनाओं के लिए दिया जा रहा है।

बता दें कि आचार्य सागर ‘बेघर’ जिनका मूल नाम विशाल कुमार पटेल है, राजपूत नेवरी, भृगु आश्रम बलिया के निवासी है जो इस समय केन्द्रीय विद्यालय झाझा (बिहार) में टीजीटी संस्कृत पद पर निवर्तमान है। हिन्दी और संस्कृत की उच्च शिक्षा प्राप्त आचार्य सागर हिन्दी और संस्कृत साहित्य के मर्मज्ञ युवा विद्वान, कुशल व्यंग्यकार तथा युवा कवि है। साहित्य साधना में लीन आचार्य सागर ‘बेघर’ उपनाम से भोजपुरी, हिन्दी और संस्कृत भाषाओ के विभिन्न विधाओं में रचना करते है।

‘हनुमत् सूर्य संवाद’, ‘ये बारिश क्यो होती है ?,’ ‘श्रीराममानसपूजा’, ‘चण्डी स्तुति’, ‘हम पत्थर ही अच्छे है’, ‘जीउतिया’, ‘बक्सर से पटना के साँच घटना’, ‘भागर्वभूषण’ (खण्डकाव्य) इत्यादि उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं। इनमें से 2 रचनाओं ‘हनुमत् सूर्य संवाद’ और ‘ये बारिश क्यो होती है?’ के लिए उन्हें 30 दिसंबर को ‘उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान’ द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। उन्हें द्वितीय विजेता के रूप में 5000 रुपये की धनराशि से पुरुस्कृत किया जाएगा। आचार्य सागर की लेखन कला के प्रेरणास्रोत इनके पिताजी अंगद प्रसाद पटेल जी रहे हैं।

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