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बलिया स्पेशल

बलिया- रेलवे पुलिस की लापरवाही से गई वृद्ध की जान, अस्पताल पहुंचाने में की देरी

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वाराणसी-छपरा रेलखंड के मॉडल रेलवे स्टेशन बलिया पर पर यात्रियों की सुरक्षा में तैनात जीआरपी और आरपीएफ के अलावा रेलवे के अधिकारी कितने असंवेदनशील हो गए हैं, इसकी एक बानगी बुधवार को देखने को मिली। प्लेटफार्म संख्या दो पर एक वृद्ध अचेतावस्था में पड़े-पड़े  मर गया।

 रेलवे की तरफ से मेमो जारी होने के बाद भी वृद्ध को लेकर जीआरपी और आरपीएफ में खींचतान बनी रही। किसी भी सक्षम अधिकारी ने वृद्ध को अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई। काफी जद्दोजहद के करीब 16 घंटे बाद जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त रूप से शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की।

बताया जाता है कि बलिया स्टेशन में प्लेटफार्म संख्या 02 पर एक 60 वर्षीय वृद्ध मंगलवार की देर शाम करीब सात बजे एक बेंच पर अचेतावस्था में पाया गया। इसकी जानकारी होने पर गाड़ी परीक्षक ने मेमो जारी कर आरपीएफ और जीआरपी को तत्काल सूचित किया।

आरपीएफ ने डॉक्टर के नहीं रहने पर रेलवे अस्पताल के कंपाउंडर से वृद्ध की जांच पड़ताल करवाई,जिसमें कंपाउंडर ने जांच पड़ताल के बाद मौखिक तौर पर वृद्ध को मृत घोषित कर दिया। लेकिन रेलवे अस्पताल में डाक्टर की उपस्थिति नहीं होने से इसकी पुष्टि लिखित रूप से नहीं हो सकी।

गाड़ी परीक्षक ने कपांडर की जांच के बाद जीआरपी को इस आशय का मेमो जारी किया कि देखने से प्रतीत होता है कि वृद्ध की मृत्यु हो गई है, लेकिन जीआरपी बिना मृत्यु प्रमाण पत्र मेमो रिसीव करने को तैयार नहीं थी।

इस बात को लेकर आरपीएफ इंस्पेक्टर और जीआरपी इंस्पेक्टर में कहासुनी भी हुई। अगले दिन जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त रूप से घटना स्थल पर पहुंच वृद्ध की जांच पड़ताल की।
वृद्ध के कपड़ों की तलाशी लेने पर उसके पास से कुछ कागजात प्राप्त हुए, जिसके आधार पर उसकी शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है। जीआरपी ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है।

बलिया रेलवे स्टेशन पर चार माह से डॉक्टर की तैनाती नहीं है। कंपाउंडर के सहारे ही अस्पताल संचालित हो रहा है, जबकि माडल रेवले स्टेशन पर रोज सैकड़ों लोगों की आवाजाही बनी रहती है। यही नहीं रेलवे कर्मचारियों का भी परिवार यहां निवास करता है।

लेकिन उन्हें डाक्टरी सुविधा से वंचित रहना पड़ता है। किसी की तबीयत खराब होने की दशा में निजी अस्पतालों सहित जिला अस्पताल का ही सहारा लेना पड़ेगा। मंगलवार की शाम को प्लेटफार्म पर वृद्ध अचेतावस्था में मिला, चिकित्सक के अभाव में उसके मौत की पुष्टि को लेकर खूब किरकिरी हुई।

प्रभारी निरीक्षक आरपीएफ  अमित कुमार राय ने कहा कि प्लेटफार्म पर वृद्ध के अचेतावस्था में पड़े होने की सूचना पर मैं रेलवे अस्पताल के कंपाउंडर को वहां लेकर गया। जांच पड़ताल के बाद फार्मासिस्ट ने मौखित रूप से मृत घोषित किया, जिसकी सूचना जीआरपी को मेमो के माध्यम से रेलवे की तरफ से दी गई, लेकिन जीआरपी ने शव लेने से मना कर दिया। जीआरपी प्रभारी का किसी भी मामले में सहयोगात्मक रवैया नहीं रहता है।

जीआरपी  प्रभारी निरीक्षक राजा भइया ने कहा कि रेलवे की तरफ से स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर वृद्ध के मृत्यु की सूचना मंगलवार की रात को नहीं दी गई, दूसरे दिन बुधवार को सुबह लिखित रूप से मेमो के जरिए इसकी जानकारी दी गई। जानकारी मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई।

प्रभारी स्टेशन अधीक्षक संजय कुमार सिंह ने कहा कि  मंगलवार की देर शाम प्लेटफार्म पर वृद्ध के अचेतावस्था में मिलने पर तत्काल मेमो जारी कर आरपीएफ और जीआरपी को सूचित किया गया। स्टेशन पर रेलवे का चिकित्सक चार माह से नहीं है।

जिस वजह से फार्मासिस्ट ने मौके पर पहुंचकर जांच परीक्षण कर मौत की मौखिक पुष्टि कर दी थी। बावजूद शव को लेकर जीआरपी और आरपीएफ आपस में खींचतान करती रही।

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर मंगलवार की देर शाम वृद्ध अचेतावस्था में पाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अगर समय से वृद्ध को अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन यहां रेलवे के जिम्मेदारी अधिकारी एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ने में ही पूरी रात बिता दिए।

जीआरपी की माने तो प्लेटफार्म पर मृत मिले वृद्ध के पास से कुछ कागजात बरामद हुए हैं, जिससे उसके बदायू जनपद के होने की आशंका जताई जा रही है। संबंधित कागजातों के आधार पर मृतक की शिनाख्त की जा रही है।

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बलिया स्पेशल

बलिया पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जेएनसीयू के दीक्षांत समारोह का किया शुभारंभ

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बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय (जेएनसीयू) के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उनके आगमन पर विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया और मेधावी छात्रों को पदक पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुलपति, शिक्षकों और छात्रों ने राज्यपाल का अभिनंदन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि वे शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी समझें और देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बधाई दी और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाए रखने की सराहना की।

समारोह में जिले के कई गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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Ballia News- जमुना राम मेमोरियल स्कूल में नवरात्रि पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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बलिया। नवरात्रि के पावन अवसर पर जमुना राम मेमोरियल स्कूल में सोमवार को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें नर्सरी से कक्षा 3 तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ दुर्गा के नौ रूपों की आकर्षक झांकी से हुई। बच्चों ने देवी के विविध स्वरूपों को जीवंत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष आकर्षण का केंद्र रहा महिषासुर मर्दन का दृश्य, जिसमें माँ दुर्गा के रूप में सजी बालिका ने अपने अभिनय से सभी को भावविभोर कर दिया।

इसके बाद रामायण से रावण वध का मंचन किया गया। भगवान श्रीराम द्वारा रावण का संहार कर असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया गया। इस अवसर पर रावण का पुतला दहन भी किया गया, जो समाज में व्याप्त बुराइयों के अंत का प्रतीक बना।

छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंग-बिरंगा डांडिया नृत्य कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। पारंपरिक पोशाकों में सजे बच्चों ने संगीत की धुन पर कदमताल कर पूरे वातावरण को उल्लास और उत्साह से भर दिया।

विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द और सह-निदेशक सौम्या प्रसाद ने रामायण और नवरात्रि के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को हमारी परंपराओं से जोड़ने पर बल दिया।
प्रधानाचार्या अबरी बघेल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूक रहने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू मिश्रा और शिक्षिकाओं — साधना राय, दीपा सिंह और सोनाली गुप्ता — का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अल्प समय में बच्चों को शानदार प्रस्तुतियों के लिए तैयार किया।

यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा, बल्कि बच्चों को भारत की समृद्ध परंपराओं और मूल्यों से जोड़ने का प्रभावशाली माध्यम भी बना।

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बलिया की राजनीति में हलचल: भानु दुबे जल्द कर सकते हैं सपा जॉइन, अटकलों का बाजार गर्म

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बलिया।
बलिया के प्रमुख सामाजिक नेता भानु दुबे जल्द ही समाजवादी पार्टी (सपा) जॉइन कर सकते हैं। हाल ही में उनके सोशल मीडिया पोस्ट और गतिविधियों से इस बात के कयास तेज हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भानु दुबे लगातार सपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी इन मुलाकातों और नेताओं के काफिलों में देखे जाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे जल्द ही सपा का दामन थाम सकते हैं।

भानु दुबे को ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। सामाजिक स्तर पर उनकी लोकप्रियता भी युवाओं में काफी मजबूत है। अगर वे सपा में शामिल होते हैं तो न केवल बलिया में पार्टी को मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में बलिया सदर सीट से उनकी दावेदारी भी बेहद मजबूत मानी जा रही है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भानु दुबे के सपा में आने से बलिया की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है।  और यह फैसला पूरे जिले के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि भानु दुबे कब और किस मंच से सपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इसके बाद जिले की राजनीति कौन सा नया मोड़ लेती है।

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