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अधिकारी बेलगाम ! दफ्तर पर ताला बलिया में धरने पर बैठे पार्षद, काम ठप

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बलिया जिले के चितबड़ागांव नगर पंचायत में सभासदों ने अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर 1 करोड़ 60 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाकर कार्यालय में ताला लगा दिया है। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने आम जनता के करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। कार्यालय बंद होने से चितबड़ागांव के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, नाम खारिज दाखिल आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अधिशासी अधिकारी यानी ईओ जो सरकारी अधिकारी होता है। नगर पंचायत के कार्यों की जिम्मेदारी इन्ही की होती है। नगर पंचायत के अध्यक्ष और सभासदों के साथ समन्वय बना कर नगर में स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, विकास आदि के क्षेत्रों में सुधार लाना उनका काम होता है । इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी अधिशासी अधिकारी यानि ईओ की ही होता है। चितबड़ागांव नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर सभासदों ने करोड़ों के गबन के आरोप लगाए हैं।

जो लोग कहते हैं की इस सरकार में अधिकारी बेलगाम होते जा रहें है, उनकी बाते बलिया के चितबड़ागांव में साबित होती दिख रही हैं। इस बार के नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा ने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा और नगर पंचायत में पहली बार कमल खिलाने में सफल हो गए। लेकिन भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनकी बातों को सरकारी अधिकारी अनसुना कर दे रहें हैं।

सभासदों ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की थी, जिसमें ईओ को दोषी पाया गया था। लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वे यह भी कहते हैं कि ईओ ने अपने आप को बचाने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी है। खबरों के अनुसार, 29 अगस्त को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अधिशासी अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय जांच करवाई थी। जांच में सभी आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने 20 नवंबर को रिपोर्ट शासन को भेज दिया था। लेकिन अभी तक अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी से नाराज होकर सभासदों ने सोमवार को कार्यालय में ताला लगा दिया। सभासदों का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने कम्बल, डस्टबीन, कस्तूरबा गाधी आवासीय विद्यालय का सुन्दरीकरण,आदि में करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।

पिछले पांच दिन से इस नगरपंचाय का कार्यालय बंद है और सभासद धरने पर हैं। दफ्तर में ताला बंद कर सरकारी कार्य में बाधा डालना सही नहीं है। लेकिन सभासदों का भी गुस्सा जायज है। जब उनके आरोपों की जांच हो चुकी है और आरोप सही पाए गए हैं, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? यह भी गौर करने की बात है कि अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। पिछले साल में भी उन पर गबन का आरोप लगा था। उस समय भी जांच में आरोप सही पाए गए थे। लेकिन तब भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार किसी के संरक्षण में हैं? क्या उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वे किसी ताकतवर नेता के करीबी हैं? या मामला कुछ और है ?

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बलिया में दिल दहला देने वाला मामला, कोचिंग संचालक पति-पत्नी की हत्या, सड़क पर खून से लथपथ मिली लाशें

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 बलिया में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कोचिंग संचालत पति-पत्नी की हत्या कर दी गई। दोनों की खून से लथपथ लाशें सड़क पर मिली। शवों को देखकर लोगों की रूह कांप गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, घटना खेजुरी थाना क्षेत्र के मासूमपुर गांव की है। यहां कोचिंग संचालक 50 वर्षीय श्याम लाल चौरसिया मासूमपुर गांव में अपनी 45 वर्षीय पत्नी बासमती साथ रहते थे। बेटा एयरफोर्स में है। बेटी की शादी हो चुकी है। श्यामलाल के बगल में 2 मकान छोड़कर उनके भाई राधेश्याम चौरसिया रहते हैं।

राधेश्याम चौरसिया ने बताया कि वह तीन भाई है। तीनों भाइयों का मकान गांव के मुख्य मार्ग पर है। श्याम लाल अपने मकान के एक हिस्से में कोचिंग चलाते थे। बीते दिन रात 9 बजे हम खाना खाकर सोने जा रहे थे, तभी गांव के युवक ने हमें बुलाया और कहा कि आपके घर के सामने 2 लोग पड़े हैं। इसके बाद हम मौके पर पहुंची तो देखा कि भाई-भाभी की लाश खून से सनी पड़ी है।

SP ओमवीर सिंह ने बताया- रात 10 बजे डायल 112 को सूचना मिली कि सड़क के किनारे एक पुरुष और महिला की डेड बॉडी पड़ी हुई है। इस सूचना पर तत्काल पुलिस पहुंची। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। गांव वालों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक कोई किसी तरह की दुश्मनी या कोई भी अन्य तथ्य सामने नहीं आया है।

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दानिश आजाद अंसारी की पहल, पूर्वांचल के बुनकरों के लिए केंद्रीय मंत्री से बड़ी सौगात

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उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं उद्यम मंत्रालय के मंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने पूर्वांचल के बुनकरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की।

राज्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, बनारस, अम्बेडकरनगर, गोरखपुर और बलिया जैसे जिलों में बुनकरों की बड़ी संख्या है, और यदि इन बुनकरों को उचित प्रोत्साहन और समर्थन मिलता है, तो यह क्षेत्र उच्च गुणवत्ता और वैश्विक निर्यात योग्य उत्पादों का उत्पादन करने में सक्षम हो सकता है, जिससे इन बुनकरों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है।

इसके साथ ही, राज्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से बलिया जिले में बुनकरों के लिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स स्थापित करने का अनुरोध भी किया। इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यमंत्री की सराहना की और अपने संदेश में कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही बलिया में बुनकरों के लिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स की स्थापना शुरू करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिशा में कार्य अब से ही प्रारंभ कर दिया गया है।

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बलिया में जमीनी विवाद में 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, 2 लोगों की मौत की खबर

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बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों में खूनी संघर्ष की जानकारी सामने आई है। दोनों पक्षों के बीच कई वर्षों से झगड़ा चल रहा है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। 1 महीने पहले भी दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था, अब फिर विवाद का मामला सामने आया है। बुधवार देर शाम हुई इस घटना में 2 लोगों की मौत की सूचना है, जबकि 2 लोग घायल हैं।

जानकारी के मुताबिक, खरीद निवासी मोतीचंद्र यादव का घर भवानी मंदिर के पास है। विपक्षी पट्टीदार रामजीत यादव का घर 100 मीटर की दूरी पर है। दोनों पक्षों में 25 वर्षों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। एक माह पूर्व भी दोनों पक्षों में मारपीट की घटना हुई थी। इसमें दोनों पक्षों पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था।

बुधवार को देर शाम मोतीचंद्र का परिवार घर पर था। उसी दौरान रामजीत के परिवार के सदस्य लाठी-डंडा, कुदाल, फावड़ा और कुल्हाड़ी लेकर मोतीचंद्र के दरवाजे पर पहुंच गए और गाली गलौज शुरू कर दी। जब तक मोतीचंद्र के परिवार के सदस्य कुछ समझ पाते तब तक रामजीत के पक्ष के लोगों ने हमला बोल दिया।

मारपीट की घटना में मोतीचंद्र (60) के अलावा चचेरा भाई अनिल (42) पुत्र कोमल, भतीजा पंकज (24) पुत्र अक्षय कुमार यादव और गीता (55) पत्नी अक्षय यादव को धारदार हथियार से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के बाद विपक्षी वहां से भाग निकले। ग्रामीणों ने घायलों को सीएचसी सिकंदरपुर पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पंकज यादव को जिला अस्पताल बलिया से बीएचयू रेफर किया गया था, जिनकी रास्ते में जाते समय मृत्यु होने की खबर है, वहीं अनिल यादव की ईलाज के दौरान मृत्यु की सूचना है।

घटना की सूचना पर एसएचओ सिकंदरपुर विकास चंद्र पांडेय सदल मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। परिजनों से बातचीत की जा रही है, तहरीर प्राप्त कर आगे विधिक कार्यवाही की जाएगी।

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