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PM से पहले मायावती कर चुकी हैं गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास, बलिया से थी निर्माण की योजना

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बलिया डेस्क : ग्रेटर नोएडा से बलिया तक 1047 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास 17 दिन पहले पीएम मोदी ने शाहजहांपुर से किया है। लेकिन इस एक्सप्रेस वे की शिलान्यास की कहानी कुछ अलग है। पीएम मोदी से पहले यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इसका शिलान्यास कर चुकी हैं। जी हां, इस एक्सप्रेस-वे की घोषणा होते ही जमीन अधिग्रहण को लेकर विरोध शुरु हो गया। विरोध इतना बड़ा की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ग्रेटर नोएडा से ही इसका शिलान्यास कर दिया।

बताया जाता है कि एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के लिए समारोह की तैयारी पूरी थी लेकिन विरोध को देकते हुए मायावती ने सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए और 15 जनवरी 2008 को नोएडा से ही एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर दिया। आज भी शहर से सटे माल्देपुर में इसका शिलापट्ट लगा हुआ है। जिसमें मायावती का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है। आनन-फानन में मायावती ने मार्ग का शिलान्यास तो कर दिया लेकिन इसका निर्माण उनके मुख्यमंत्री रहते हुए शुरु नहीं हो सका।

कारण ये कि कुछ संस्थाओं ने गंगा नदी के स्वरुप व पर्यावरण को लेकर याचिका दाखिल की थी। जिस पर कई महीनों सुनवाई चली और बाद में सरकार ने सभी आपत्तियों का निस्तारण करा लिया था। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल से बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे के का काम जेपी ग्रुप को मिला था। सब कुछ के बाद भी एक्सप्रेस-वे का काम अधर में लटक गया। बीते 17 दिन पहले पीएम मोदी ने शाहजहांपुर से गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर दिया है।

इस एक्सप्रेस वे के बारे में बात करें तो 300 अरब की लागत से बनने वाले इस मार्ग पर कई चीज़ों का निर्माण होना था। गंगा की सहायक नदियों पर कुल 7 बड़े पुल, 199 छोटे पुल, 23 फ्लाईओवर, 187 अंडरपास बनाने थे। इसके अलावा कुछ स्थानों पर सर्विस लेन भी बननी थी। लेकिन इन सब के लिए 26 हजार 374  हेक्टेयर भूमि की जरुरत थी। बस यहीं से ही तत्कालीन सरकार की मुश्किलें खड़ी हो गई। क्योंकि किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे।

लेकिन सरकार का कहना था कि इसके निर्माण से गंगा किनारे के जिलों को बाढ़ से भी हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। चार चरण में बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे गौतमबुद्धनगर से फतेहगढ़, डालमऊ (रायबरेली), औराई (भदोही) होते हुए बलिया तक आना था। बीच में फर्रुखाबाद, उन्नाव, मिर्जापुर, वाराणसी व गाजीपुर भी इससे लिंक थे। प्रदेश सरकार की लाख उठा-पठक के बाद भी गंगा एक्सप्रेस पर कोई काम नहीं हुआ। अगला चुनाव हुआ तो प्रदेश में सपा की सरकार बनी।

लेकिन सपा ने लखनऊ से आगरा तक एक्सप्रेस वे बनाया। इसके बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लखनऊ से बलिया तक बनाने का प्रस्ताव हुआ। सूत्रों के मुताबिक पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का नक्शा बलिया के भरौली तक था। इसके लिए यहां जमीन अधिग्रहण की नोटिस भी जारी हो गयी थी। काश्तकारों के भुगतान के लिए पैसा भी आ चुका था। एक्सप्रेस-वे के बलिया तक बनने में उस समय तकनीकी पेंच फंस गया था। चूंकि बलिया में भरौली तक एक्सप्रेस-वे आना तय हुआ था।

अंतर्राराज्यीय सीमा में दस किमी अंदर तक एक्सप्रेस-वे बनाने पर केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी थी। चूंकि भरौली (यूपी) से बिहार की सीमा दो से तीन किमी की ही दूरी पर है, लिहाजा एक्सप्रेस-वे के नक्शे में बदलाव करना पड़ा। किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के लिए आया पैसा भी जिले से वापस हो गया। तब सपा के यहां के जनप्रतिनिधियों ने एक्सप्रेस को बलिया तक लाने की पूरजोर मांग की। नक्शा बदलने की स्थिति में इसे रसड़ा में किसी जगह तक लाने की बात हुई। इससे अंतरराज्यीय सीमा की बाध्यता भी खत्म हो जाती। हालांकि इसकी प्रक्रिया काफी लम्बी होने वाली थी, लिहाजा सरकार ने गाजीपुर के अखनपुरा तक एक्सप्रेस-वे को मोड़ दिया।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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