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‘सुप्रीम’ फैसले से बलिया के मयंक बनेंगे बिहार में जज, जानिए पूरा मामला

गाहे-बगाहे लोगों का भरोसा न्याय तंत्र से डगमगाने लगता है। लेकिन देश की अदालतें हमेशा अपने फैसलों से जनता का भरोसा लोकतंत्र के इस जरूरी खंभे पर टिकाए रहती हैं। एक बार फिर ऐसा ही हुआ है। देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने एक साधारण पृष्ठभूमि के युवक के साथ अन्याय होने से बचा लिया है। पूरा मामला आगे बताएंगे। एक लाइन में ख़बर ये है कि बलिया ज़िले के बांसडीह के रहने वाले मयंक कुमार पांडेय बिहार में जज बनने वाले हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग ने मयंक पांडेय की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। मेरिट लिस्ट में होने के बावजूद मयंक की नियुक्ति पर ब्रेक लगा था। मयंक को पटना हाईकोर्ट से भी निराशा हाथ लग चुकी थी। लेकिन जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था तब फैसला मयंक के हक में आया है। अब बिहार में सिनियर जज जूनियर डिविजन के तौर पर न्याय व्यवस्था में मयंक अपनी भूमिका निभाते नज़र आएंगे।
क्या है मामला ?
बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC ने साल 2018 में पीसीएस (जे) की परीक्षा कराई। मयंक पांडेय भी परीक्षा में शामिल हुए। परिणाम सामने आया तो मयंक का नाम मेरिट लिस्ट में शुमार था। नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ी। अब उन्हें अपने सभी दस्तावेजों के ओरजिनल कॉपी के साथ हाजिर होने को कहा गया। मयंक सभी दस्तावेजों की ओरिजिनल कॉपी के साथ पहुंचे। लेकिन इनमें चरित्र प्रमाण पत्र यानी कैरेक्टर सर्टिफिकेट की फर्स्ट कॉपी नहीं थी।
मयंक कुमार पांडेय बलिया ख़बर के साथ बातचीत में बतातें है कि कैरेक्टर सर्टिफिकेट किसी और जगह जमा होने की वजह से ओरिजिनल कॉपी नहीं दे पाया था। बस इसी बात पर BPSC ने उनकी नियुक्ति रोक दी। मयंक इस मामले में पटना हाईकोर्ट भी गए। हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन हाईकोर्ट ने BPSC के फैसले को सही करार दिया। इस तरह हाईकोर्ट से मयंक को निराशा हाथ लगी।
हाईकोर्ट से जब फैसला मयंक के हक में नहीं आया तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर और जस्टिस विक्रम सेठ की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने BPSC को नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने के आदेश दिए हैं। साफ कहा गया है कि कैरेक्टर सर्टिफिकेट की ओरिजिनल कॉपी नहीं जमा करने की वजह से नियुक्ति रोकना कतई जायज नहीं है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को भी पलट दिया है।
मयंक को जानिए ?
दिमाग़ में ये सवाल तो आ ही रहा होगा कि जिस मयंक कुमार पांडेय की बात हो रही है वो हैं कौन? तो जल्दी-जल्दी बता देते हैं। मयंक पांडेय ज़िला बलिया से आते हैं। विधानसभा क्षेत्र बांसडीह लगता है। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई ज़िला-जवार से ही हुई है। शुरुआती मतलब स्नातक यानी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई बलिया से ही कर रखी है। सतीश चंद्र कॉलेज (एस. सी. कॉलेज) से ग्रेजुएट हैं। लेकिन इसके बाद लॉ की पढ़ाई करने के लिए मयंक पांडेय दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी यानी DU से लॉ की डिग्री हासिल की। अब पड़ोसी राज्य बिहार में जज बनने वाले हैं।













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बलिया के पियरियां में नीलम ज्ञानदीप कॉन्वेंट स्कूल का भव्य उद्घाटन

रविवार को बलिया के गड़वार शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत पियरियां गाँव में नीलम ज्ञानदीप कॉन्वेंट स्कूल का शुभारंभ एक भव्य समारोह में किया गया। उद्घाटन समारोह में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं क्षेत्रीय विधायक संग्राम सिंह यादव ने फीता काटकर स्कूल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर अरुण सर भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे और आयोजन की कमान संभाली।
कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं, जिसने माहौल को और भी खास बना दिया। विद्यालय के डायरेक्टर अरुण सर ने अपने संबोधन में कहा, हमारा उद्देश्य सिर्फ पढ़ाई कराना नहीं, बल्कि इस क्षेत्र के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करना है। मैं इस विद्यालय को एक ‘मंदिर’ मानकर सेवा भाव से शिक्षा दूंगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विद्यालय को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया, वहीं विधायक संग्राम सिंह यादव ने कहा, यह क्षेत्र अब भी पिछड़ेपन से जूझ रहा है, और हमारा दायित्व है कि किसी भी बच्चे को आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े। उन्होंने स्कूल में ARO प्लांट लगवाने का भी वादा किया, ताकि बच्चों को स्वच्छ पेयजल मिल सके।
इस अवसर पर सैकड़ों गणमान्य अतिथियों, प्रमुख रुप से हीरालाल कौशल, रामाश्रय यादव, लालबाबू राम, देवदत्त सिंह, प्रभुनाथ यादव, अभिषेक यादव (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष) आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के समापन पर अरुण सर ने सभी अतिथियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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बलिया में पू्र्व पीएम जननायक चंद्रशेखर को समर्पित हाफ मैराथन में उमड़ा जनसैलाब, अंतरराष्ट्रीय धावकों ने भी जताई सहभागिता

शनिवार को बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर की पुण्य स्मृति में रन फॉर बलिया’ थीम पर छठी हाफ मैराथन का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने हरी झंडी दिखाकर किया। यह 21.1 किलोमीटर लंबी दौड़ पटपर (पचखोरा) स्थित शारदा पेट्रोल पंप से शुरू हुई।
प्रतियोगिता को लेकर खेलप्रेमियों और धावकों में खासा उत्साह देखने को मिला। सुबह 6 बजे से पहले ही स्टार्टिंग पॉइंट पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। धावकों को चिकित्सकीय जांच के बाद आयोजन स्थल तक बसों के माध्यम से लाया गया। जगह-जगह धावक हाथों में तिरंगा लिए वार्मअप करते नजर आए, जिससे माहौल देशभक्ति और खेल भावना से ओतप्रोत हो उठा।
इस मैराथन में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों तथा केन्या और इथोपिया से आए धावकों सहित कुल 700 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहली बार इस मैराथन में भाग ले रहे केन्याई धावक जान कैलाई और स्टीफन कोसगई ने आयोजन की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली और बलिया आकर यहां की खेल भावना व माहौल से वे अत्यंत प्रभावित हुए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, पूर्व मंत्री नारद राय, पूर्व बीएसए और वर्तमान में अलीगढ़ के बीएसए राकेश सिंह सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों ने शिरकत की। आयोजन समिति ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
अपने संबोधन में अतिथियों ने जननायक चंद्रशेखर के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को याद करते हुए इस हाफ मैराथन को उन्हें समर्पित एक सच्ची श्रद्धांजलि बताया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कोच रुस्तम खां, बीएसए मनीष सिंह, भाजपा नेता उत्कर्ष सिंह, उमेश सिंह, नवतेज सिंह, यशजीत सिंह, अनिल सिंह, शिक्षक नेता जितेंद्र सिंह और प्रदीप सिंह समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मैराथन के सफल आयोजन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। धावकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पूरे रूट पर रिफ्रेशमेंट बूथ लगाए गए थे और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई थी। सिकंदरपुर चौराहा, खेजुरी थाना, खड़सरा-जिगरसंड मोड़ समेत प्रमुख चौराहों पर बड़े वाहनों की आवाजाही को रोका गया था। आयोजन स्थल और मार्ग पर खेजुरी और सुखपुरा थाने की पुलिस, महिला थाना प्रभारी, अग्निशमन दल तथा आयोजन समिति के स्वयंसेवकों की मुस्तैद तैनाती रही।
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बलिया में 60 वर्षीय व्यक्ति की धारदार हथियार से मारकर हत्या!

बलिया के गड़वार थाना क्षेत्र के ग्राम आम डरिया में दर्दनाक घटनाक्रम सामने आया है। यहां एक 60 वर्षीय व्यक्ति की सरेआम हत्या कर दी गई। इससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, 60 वर्षीय जनार्दन राम ग्राम आर डरिया में रहते थे। बुधवार को वे शौच से लौट रहे थे। तभी गांव के राधेश्याम राम ने उन्हें गालियां देना शुरू की। इस पर जनार्दन राम ने उसे गाली देने से मना किया। इसके बाद राधेश्याम बौखला गया और उसने जनार्दन राम पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। घायल जनार्दन राम को तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से आरोपी को हिरासत में ले लिया।
घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित के भतीजे धनंजय ने बताया कि आरोपी राधेश्याम पहले भी हत्या कर चुका है। वह कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया है। सीओ सिटी श्यामकांत ने बताया कि घायल को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
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