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जननायक विश्वविद्यालय करे पुकार, जलजमाव से मुक्ति दिलाओ सरकार!

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जननायक विश्वविद्यालय बना टापू, नाले के पानी से गुजरने पर मजबूर हुए अधिकारी-कर्मचारी

बलिया जनपद का एकमात्र विश्वविद्यालय जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय इन दिनों टापू बन चुका है। विश्वविद्यालय के चारों ओर बाढ़ और नाले का पानी लगा हुआ है। जननायक विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी इसी हालत में आवाजाही को मजबूर हैं। नाले के पानी से संक्रामक बीमारियों और सांप जैसे जंतुओं के खतरे को पार करते हुए रोज विश्वविद्यालय आ-जा रहे हैं। महीने भर से यही स्थिति बनी हुई है।

जननायक विश्वविद्यालय के चारों ओर हुए जलजमाव की बड़ी वजह है कटहल नाले का जाम होना। कटहल नाला जाम होने की वजह से इस क्षेत्र का जल निकासी की व्यवस्था चौपट हो चुकी है। कटहल नाले के रास्ते ही इस इलाके का पानी गंगा नदी में जाता है। लेकिन कटहल नाले पर अतिक्रमण के चलते जल निकासी नहीं हो पा रही है।

विश्वविद्यालय परिसर में हुए जलजमाव को लेकर कुलसचिव संतपाल सिंह ने कहा है कि “जलजमाव के संबंध में बलिया जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। जलजमाव होने की वजह से विश्वविद्यालय का काम बाधित हो रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों को यहां आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।”

जलजमाव की वजह से जननायक विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य भी बाधित हो रहा है। विश्वविद्यालय में लगभग 90 करोड़ की लागत से भवन निर्माण कार्य किया जाना है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन इस इंतजार में बैठा है कि पानी हटे तो काम शुरू किया जाए। साथ ही सभी शैक्षणिक कार्य भी ठप पड़े हुए हैं। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद छात्र-छात्राएं अपनी डिग्री लेने नहीं आ पा रहे हैं। क्योंकि विश्वविद्यालय में जाने का रास्ता नहीं है।

गौरतलब है कि बीते 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय की ओर से एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। लेकिन इस सम्मान समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय में न होकर एक संबद्ध महाविद्यालय में किया गया था। क्योंकि यहां जलजमाव के चलते आने-जाने का रास्ता ही नहीं बचा था। तब भी जननायक विश्वविद्यालय की कुलपति ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था।

सारी समस्या का जड़ कटहल नाले के जाम होने को ही बताया जा रहा है। कटहल नाले पर अतिक्रमण है। इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से यह चेतावनी दी गई है कि एक हफ्ते के भीतर सभी अतिक्रमण हटा लें। अतिक्रमण न हटाए जाने पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। लेकिन सवाल है कि आखिर कब तक इस समस्या को नजरंदाज किया जाएगा? विश्वविद्यालय के क्षेत्र में जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था कब तक की जाएगी?

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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