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बलिया स्पेशल

बलिया में दो अलग-अलग धर्मो के गुरुओं की दोस्ती ने सियासी खेमें में मचाई हलचल

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बलिया- साल 2014 में केन्द्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने के बाद पूरे देश में सांप्रदायिक ताकतों ने सिर उठाना शुरु कर दिया,जिनका मकसद समाज के अमन-चैन को ख़त्म करना और हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत के बीज बोना रहा है,लेकिन दोनों ही मज़हबों के काबिल-ए-एहतराम शक्सियतों ने समाज के हर मोर्चे पर अमन और मुहब्बत से सांप्रदायिकता को मुहतोड़ जवाब दिया है।

बहरहाल, उत्तर प्रदेश के बलिया जिला सियासत के मामले में काफी ख़ास माना जाता है क्योंकि बलियाँ ने देश को प्रधानमंत्री दिया तो बलिया की सरज़मीन ने मंगल पाण्डेय जैसा वीर सपूतों को पैदा किया।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से बलिया की सरज़मी पर काफी ज़्यादा मज़हबी माहौल को ख़राब करने की कोशिश की गई, कई बार दंगों की नौबत आ गई लेकिन यहां हिन्दू और मुसलमानों ने महौल ख़राब करने वालों के हौसले पस्त कर दिए। इस वक्त बलिया के सिकन्दरपुर में दो धर्मगुरुओं की दोस्ती ने सियासी खेमें हलचल मचा दी है।

दरअसल,  बलिया के सिकन्दरपुर में दरगाह शाहवली कादरी के मुतवल्ली डॉ. सैय़द मिन्हाज़ुद्दीन अजमली को मौनी बाबा ने कुरआन शरीफ की चंद आयतों के बारे में जानने के लिए अपने आश्रम में आने का निमंत्रण दिया। जिसके बाद उनसे मुलाकात करने डॉ अजमली, मौनी बाबा आश्रम गए। इस मुलाकात में कुरान और सूफिज़्म के मसले पर कई घंटों तक बातचीत हुई। मौनी बाबा को कुरआन शरीफ के उन आयतों में दिलचस्पी है जिनका ताल्लुक सूफी परम्परा से रहा है। इस्लाम और सनातन धर्म(हिन्दू) में सूफी परम्परा को लेकर काफी समानता हैं जिसके कारण आज भी मुस्लिम दरग़ाहों पर हिन्दू और मुसलमानों का जमघट होता है।

नई सियासत ब्यूरों से फोन पर बात करते हुए डॉ. सैयद मिनहाजुद्दीन अजमली ने बताया कि मौनी बाबा के शिष्य अक्सर उनसे कुरआन शरीफ की आयतों के मुताबिक जानकारी लेने के लिए आया करते थे। हालांकि मौनी बाबा उनसे मिलने के लिए कई बार प्रयास करते रहे लेकिन शारीरिक परेशानियों की वजह से दरगाह नहीं आ पाते थे लिहाज़ा उन्होंने खुद डॉ. सैयद मिनहाजुद्दीन अजमली को फोन किया और उनसे मिलने की ख़्वाहिश जताई। जिसके बाद डॉ. अजमली खुद ही मौनी बाबा के आश्रम तशरीफ ले गए जहां उनका काफी ज़्यादा आदर-सत्कार किया गया।

मौनी बाबा और डॉ. सैयद मिनहाजुद्दीन अजमली की मुलाकात कई मामलों मे खास है क्योंकि कुरान और सूफिज़्म ने दोनों को एक-दूसरे के करीब लाने मदद की।

मौनी बाबा ने कुरआन शरीफ की उन तीन आयतों का मतलब जानना चाहा जिनका ताल्लुक अहले बैत है जब दोनों की मुलाकात हुई तो डॉ अजमली ने तीन कुरआनी आयतों का तर्जमा और तफसील बयां किया जिसके बाद मौनी बाबा को उनके सवालों का जबाव मिला।

जानकारी के लिए बता दें कि डॉ. सैय़द मिन्हाजुद्दीन अजमली दरग़ाह शाहवली के मुहवल्ली होने के साथ इलाहाबाद में मशहूर दायरा-ए-शाह अजमल के सज्जादा नशीन भी जो जुनैदिया कादरिया सिलसिले के सबसे पुरानी दर्सगाह मानी जाती है।

सबसे दिलचस्प बात ये है कि दोनों की मुलाक़ात में इस्लाम धर्म की सबसे पवित्र किताब कुरआन शरीफ ने ख़ास किरदार अदा किया है। दो अलग- अलग मज़हब के धर्म गुरुओं की मुलाक़ात सांप्रदायिक मानसिकता रखने वालों के लिए सिरदर्द बन गई है वहीं दरगाह शाहवली कादरी के मुतवल्ली डॉ. सैय़द मिन्हाजुद्दीन अजमली और मौनी बाबा की मुलाकात ने दोस्ती और भाईचारे की एक नई मिसाल कायम कर दी है।

 

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बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

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बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

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बलिया में ATM कार्ड के जरिए फ्राड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, Encounter के बाद 4 गिरफ्तार

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बलिया के हल्दी में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बिहार के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान पैर में गोली लग से एक आरोपी घायल हो गया।

अपर पुलिस अधीक्षक कृपा शंकर ने संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि हृदयाचक तिराहा से पीपा पुल की ओर जाने वाली सड़क पर एक कार में कुछ संदिग्ध लोग आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया तो चारों संदिग्ध कार से उतरकर भागने लगे।

शंकर ने कहा, ‘‘पीछा किए जाने पर अपराधियों में से एक ने पुलिस दल पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एक आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को काबू कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘गोली लगने से घायल हुए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी बच्चा लाल महतो (27) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य तीन की पहचान साहेब कुमार महतो (32), मदन महतो (37) और लाल बाबू महतो (38) के रूप में हुई है। ये सभी बिहार के हैं।’’

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल (.315 बोर), दो कारतूस, दो खाली खोल, विभिन्न बैंकों के 63 एटीएम कार्ड, एक कार और 5,200 रुपये भी जब्त किए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने एटीएम कार्ड धोखाधड़ी में संलिप्त एक गिरोह का हिस्सा होने की बात कबूल की। वे सीधे-साधे लोगों को निशाना बनाकर उनका एटीएम कार्ड बदल लेते थे और फिर उनके रुपये निकाल लेते थे या अंतरित कर लेते थे। चोरी की रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांटी जाती थी।’’

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने बलिया और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली में भी कई लोगों को ठगा है।

पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि बलिया, दिल्ली और अन्य स्थानों पर तीनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और देश के विभिन्न हिस्सों में उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

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बलिया स्पेशल

Ballia- बेलथरा रोड के सामाजिक कार्यकर्ता खालिद ज़हीर का निधन

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बेलथरा रोड डेस्क :  बलिया जिले के बेलथरा रोड से एक बुरी खबर सामने आई है।  नगर पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता रहे खालिद ज़हीर का वाराणसी में अचानक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि गिरने की वजह से उनको सर में गहरी चोट लग गई जिसके बाद परिजन अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान ही डाक्टरों ने उन्हे मृत्यु घोषित कर दिया।  सोमवार की रात करीब 12 बजे वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए. उनकी उम्र लगभग 58  साल थी.

सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ कई बार नगर पंचायत का चुनाव भी लड़ चुके थे । हर मुद्दे पर पर वो मुखर होकर अपनी बात रखते थे। सभी समुदाय में अच्छी पकड़ रखते थे। उनकी मौत की खबर से इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

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