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बलिया के फेफना में थानाध्यक्ष बृजमोहन ने छात्र-छात्राओं को मिशन शक्ति के बारे में जानकारी दी

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बलिया के फेफना थाना परिसर में आयोजित मिशन शक्ति अभियान के तहत थानाध्यक्ष बृजमोहन सरोज ने महिला पुलिस कर्मियों के साथ छात्र-छात्राओं को मिशन शक्ति के विषय में विस्तार पूर्वक समझाया।

उन्होंने बताया कि आज इंटरनेट साइट के माध्यम से साइबरक्राइम किया जा रहा है। जिसके लिए फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप जैसे बड़े प्लेटफार्म को सावधानी और सतर्कता के साथ प्रयोग करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों व उनके सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की है। सरकार द्वारा महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

इसके अलावा प्रत्येक थाना स्तर पर महिलाओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है। जिनमें 1090 वूमेन पावर हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस हेल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, 108 एंबुलेंस आदि शामिल हैं। इन सब का उद्देश्य भयमुक्त समाज की स्थापना एवं नारी सुरक्षा नारी सम्मान करना है।

फेफना थाना प्रभारी निरीक्षक बृजमोहन सरोज जी के दारा मिशन सक्ति नारी के बारे में काशी सिंह इण्टर मीडिएट कालेज के बालिकाओ को जागरूक किया गया और यातायात के नियम के बारे में भी बताया गया।

वहीं जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी भी महिला के सामने कोई भी समस्या आ रही है तो वह पुलिस की सहायता ले सकती है, पुलिस तुरंत मामले में कार्रवाई करेगी। इस अवसर पर व एस आई गिरीश चंद्र, श्वेता पांडे व महिला आरक्षी सेहाना बानो,तारा वर्मा आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश के बलिया में तेल के खजाने की उम्मीद, ओएनजीसी ने शुरू की ड्रिलिंग

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उत्तर प्रदेश के गंगा के कछार में तेल और गैस के बड़े भंडार मिलने की संभावना को देखते हुए ओएनजीसी ने एक महत्त्वपूर्ण ड्रिलिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस परियोजना की कुल लागत करीब 100 करोड़ रुपये है और इसे बलिया जिले के सागरपाली गांव के पास, ग्राम सभा वैना (रडूचक) में शुरू किया गया है। तीन साल तक चले सर्वे में वैज्ञानिकों ने भूकंपीय और अन्य जियोलॉजिकल तकनीकों से पुष्टि की कि इस क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों का भंडार हो सकता है। इसके बाद, ओएनजीसी ने गंगा की कछार में ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी।

यह परियोजना प्रदेश में ओएनजीसी का पहला ऐसा प्रयास है, जिसमें गंगा के किनारे तेल और गैस की खोज की जा रही है। ओएनजीसी के अधिकारी मानते हैं कि अगर यह परियोजना सफल होती है तो इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि पूर्वांचल की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, ड्रिलिंग प्रक्रिया के दौरान करीब 3001 मीटर गहरे तक खोदा जाएगा, और इसके बाद एक्स-रे तकनीक से जानकारी जुटाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में 50-60 लोग कार्यरत हैं, और असम से विशेष उपकरण और क्रेन मंगवाए गए हैं। बिजली आपूर्ति के लिए 12.5 सौ हॉर्स पॉवर का जेनरेटर लगाया जाएगा, जो 93 किलोवॉट बिजली प्रदान करेगा।

कंपनी ने इस जगह को तीन साल के लिए किराए पर लिया है, और यहां सुरक्षा के लिहाज से कंटीले तारों से घेराबंदी की गई है। इस जगह पर ड्रिलिंग के दौरान निकलने वाले रासायनिक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। यह परियोजना न सिर्फ तेल और गैस की खोज का नया अध्याय साबित हो सकती है, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी आर्थिक रूप से एक बड़ा बदलाव लेकर आ सकती है।

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मणिपुर में तैनात असम राइफल्स के जवान का निधन, बलिया में शोक की लहर

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मणिपुर में तैनात 33 असम राइफल्स के जवान रमाशंकर राजभर का 26 जनवरी को अचानक तबीयत बिगड़ने से निधन हो गया। 59 वर्षीय रमाशंकर बलिया जिले के जनऊपुर गांव के निवासी थे, और उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

रमाशंकर की तबीयत खराब होने पर उन्हें एमएच इंफाल के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्होंने देर रात अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद, असम राइफल्स के कर्नल और सुबेदार ने सलामी दी और फिर हेलीकाप्टर से उनके पार्थिव शरीर को पटना लाया गया। वहां से एम्बुलेंस द्वारा शव को उनके पैतृक गांव जनऊपुर, बलिया भेजा गया।

गांव पहुंचने पर परिजनों में गहरी शोक की लहर दौड़ गई। उनकी पत्नी सुभावती और पुत्र अमरेश बेसुध हो गए। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। असम राइफल्स के जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधों पर उठाया, जिससे हर किसी की आंखें नम हो गईं। हजारों लोग शव यात्रा में शामिल हुए और “वंदे मातरम” और “जब तक सूरज चांद रहेगा, रमाशंकर तेरा नाम रहेगा” के नारे लगाए।

अंतिम संस्कार के लिए महावीर घाट, वाराणसी में सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी, और रमाशंकर के पुत्र अमरेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस वीर जवान के परिवार में एक पुत्र और चार पुत्रियां हैं।

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बलिया में रिटायर्ड शिक्षक और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखकर 5.50 लाख की ठगी

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बलिया में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। यहाँ भीमपुरा थाना के कुशहा ब्राम्हण गांव के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक गिरिजा शंकर सिंह और उनकी पत्नी को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट में रख कर करीब 5.50 लाख की साइबर ठगी को अंजाम दिया गया है। दंपति के पोते के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का हवाला देते हुए ठगों ने ठगी कर ली। साइबर पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है।

जानकारी के मुताबिक, कुशहा ब्राम्हण गांव के रहने वाले रिटायर्ड टीचर गिरिजा शंकर सिंह ने बताया कि 20 जनवरी की सुबह उनके मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया। उनके साथ में एक शख्‍स था जो खुद को महाराष्ट्र पुलिस का अफसर बता रहा था। पीड़ित शिक्षक ने बताया कि उनके पोते पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया गया। इसके साथ ही उनके वॉट्सऐप पर कुछ नोटिस भेजा गया। इस दौरान कार्रवाई का डर दिखाकर कहीं आने-जाने और किसी से बात करने से रोक दिया गया। बात नहीं मानने की दशा में दिल्ली में रहने वाले परिवार के सदस्यों की जान को खतरा बताया।

ठगों ने बैंक में फिक्स डिपॉजिट की गई 5.50 लाख की राशि चेक के जरिये दूसरे खाते में ट्रांसफर करवा ली गई। ठगों ने इस लेनदेन को बताने पर पीड़ित और परिवार के लोगों को जान से मारने की धमकी दी। साइबर थाना प्रभारी नदीम फरीदी ने बताया कि शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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