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उत्तर प्रदेश में बनी सपा सरकार तो 17,500 रुपए होगा अनुदेशकों का मानदेय: प्रो. बी. पाण्डेय

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समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. बी. पाण्डेय ने कहा कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनती है तो प्रदेश के अनुदेशकों का मानदेय 17,500 रुपए किया जाएगा।

समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. बी. पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के अनुदेशक शिक्षकों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। प्रो. बी. पाण्डेय ने कहा है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो प्रदेश के अनुदेशकों का मानदेय 17,500 रुपए किया जाएगा। उन्होंने यह ऐलान बलिया जिले में आयोजित एक कार्यक्रम किया। गत सोमवार यानी 20 सितंबर को प्रो. बी. पाण्डेय बलिया आए हुए थे। जनपद आगमन पर पार्टी कार्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था।

चित्रकूट विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी. पाण्डेय ने अनुदेशकों के बाद शिक्षामित्रों को लेकर कहा कि अगर सपा की सरकार बनती है तो उन्हें फिर से सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। साथ ही शिक्षकों की पुरानी पेंशन भी बहाल की जाएगी। विचार गोष्ठी में प्रो. बी. पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो प्रेरक का पद समाप्त कर दिया है उसे भी बहाल किया जाएगा।

जान लीजिए अनुदेशकों का मुद्दा: उत्तर प्रदेश में जब अखिलेश यादव की सरकार थी तब साल 2013 में तीस हजार अनुदेशकों की नियुक्ति की गई थी। नियुक्ति जब हुई तब अनुदेशकों की मानदेय 7000 रुपए प्रतिमाह तय की गई। इसके तीन साल बाद मानदेय में बढ़ोतरी हुई और ये 8470 रुपया हो गया। इसके बाद 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हुआ। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार को अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा।

योगी सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में अनुदेशकों का मानदेय 17000 रुपए करने की बात कही गई थी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस प्रस्ताव को अनुमति भी दे दी। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद अनुदेशकों का मानदेय 17000 रुपए हो जाना चाहिए था। लेकिन मानदेय नहीं बढ़ाया गया। इसके बजाए अनुदेशकों का मानदेय 8470 रुपए से घटाकर दोबारा 7000 रुपए कर दिए गए।

उत्तर प्रदेश के अनुदेशक शिक्षक लगातार अपनी मानदेय बढ़ाने को लेकर आवाज उठा रहे हैं। ट्वीटर पर आए दिन इसे लेकर ट्रेंड चलाया जा रहा है। पिछले दिनों ही जब उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र चल रहा था तब गोरखपुर से नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने इस मुद्दे पर योगी सरकार से सवाल किया था। बता दें कि डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल भाजपा के ही विधायक हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने ही प्रस्ताव से ही पिछे हट गई। अनुदेशकों का मानदेय अब तक नहीं बढ़ाया गया है। अब समाजवादी पार्टी चुनाव में यह मुद्दा उठा रही है।

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बलिया में सड़क हादसे में व्यवसायी की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

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बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के करनई गांव के पास बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस सड़क हादसे में एक व्यवसायी की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं परिजन इस घटना को हत्या का मामला बता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, व्यवसाई पारस रौनियार बाइक से सुखपुरा से बलिया अपने घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में करनई गांव के पास सुखपुरा-बलिया मुख्य मार्ग पर अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। घायल पारस को स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजनों का कहना है कि ये हादसा नहीं हत्या है। परिजनों का कहना है कि मृतक के शरीर पर जख्म सड़क हादसे नहीं, मारपीट के लग रहे हैं। अगर यह एक्सीडेंट होता, तो बाइक क्षतिग्रस्त होती, लेकिन बाइक सुखपुरा थाने पर सही हालत में मिली। पारस का मोबाइल, सोने की चेन और नकद रुपए गायब हैं।

घटना की सूचना मिलते ही सुखपुरा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल का मुआयना किया। पारस रौनियार की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि मामले में सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी।

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बलिया में 2 साल पुराने हत्या के प्रयास से जुड़े मामले में आरोपी को 10 साल की सजा

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बलिया कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ आरोपी को 10 हजार का हर्जाना भी भरना होगा। हर्जाना न भरने की स्थिति में आरोपी को तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतान होगा।
जनपद न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने टीकादेवरी निवासी एक महिला ने थाना चितबड़ागांव पर लिखित प्रार्थना पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि एक नवंबर 2022 को उसके ससुर खेत में गए थे। देवर सुनील तिवारी पुत्र बलिराम तिवारी मौके पर पहुंचे और उनको गालियां देने लगे। हाथ में लिए धारदार हथियार से उनके गले पर वार कर दिया है। इससे उनकी गर्दन, मुंह, कान आदि पर गंभीर चोट आई। इसके बाद शोर सुनकर लोग आए और आरोपी सुनील तिवारी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया।
इस पूरे मामले में एफआईआर चितबड़ागांव थाने में दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में चल रही थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी के खिलाफ दोष साबित पाया गया। इस मामले में न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने सुनील तिवारी को 10 साल के कारावास और 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न अदा करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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बलिया में मानक पूर्ण करने वाले स्कूल ही बनाए जाएंगी बोर्ड परीक्षा के केंद्र

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बलिया में बोर्ड परीक्षा को लेकर योजना बनाई जा रही है। इसी को लेकर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपदीय यूपी बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण समिति की बैठक ली। इस बैठक में जिलाधिकारी ने बोर्ड परीक्षा आयोजन को लेकर दिशा निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने प्रस्तुत केंद्रों की समीक्षा करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक एवं सभी उप जिलाधिकारियों को प्रस्तुत सभी केन्द्रों का परीक्षण कर आवागमन की सुविधा, दूरी, ब्लैक लिस्टेड न हो, पर्याप्त फर्नीचर व कमरे आदि मानक पूर्ण करने वाले विद्यालयों को ही केन्द्र बनाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी डीपी सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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