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विधानसभा चुनाव में बलिया के मुसलमान ये खेल करने जा रहे हैं? जान लीजिए समीकरण

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उमा शंकर सिंह के मुसलमान सम्मेलन की तस्वीर

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यानी जाति और धर्म के समीकरण की बात होनी तय है। ये स्टीरियोटाइप नहीं है। बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासत की सच्चाई है। यहां हम बात करने वाले हैं विधानसभा चुनाव में मुस्लिम आबादी के मुद्दों और प्रभाव के बारे में। वो भी बलिया जिले के नजरिए से। बलिया में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। बलिया सदर, बांसडीह, फेफना, सिकंदरपुर, रसड़ा, बेल्थरा रोड और बैरिया।

बलिया में लगभग दो लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। रसड़ा, बलिया सदर और बेल्थरा रोड में मुसलमानों की तादाद काफी है। चुनावी नजरिए से देखें तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। अब तक विधानसभा चुनावों में मुसलमानों का वोट एक तरफा किसी पार्टी को जाता नहीं देखा गया है। हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर ज्यादा झुकाव रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि बलिया सदर में लगभग 35 हज़ार मुसलमान आबादी है। रसड़ा में करीब 30 हज़ार, बेल्थरा रोड में 30 हज़ार। सिंकदरपुर में 25 हज़ार, बांसडीह में 15 हज़ार। तो वहीं फेफना और बैरिया में लगभग 10-10 हजार की मुस्लिम आबादी है।

क्या है माहौल:

2022 का विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर है। 10 फरवरी से पहले चरण का मतदान भी शुरू होने वाला है। लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बलिया में भी राजनीतिक दलों ने अपने रणबांकुरों को मैदान में उतार दिया है। लेकिन इस बार बलिया की मुस्लिम जनता किस पार्टी के साथ जाने वाली है? ये बड़ा सवाल है।

मोटेतौर पर मुसलमानों को सपा का वोट बैंक माना जाता है। तो क्या ये वोट बैंक इस बार बलिया में सपा को सफलता दिला पाएगी? बलिया से सपा नेता इम्तियाज अहमद ने बलिया खबर के साथ इसे लेकर बातचीत की। इम्तियाज अहमद ने कहा कि “बलिया में मुसलमानों के गांवों की लगातार अनदेखी की गई है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लगातार समाज के लोगों की अनदेखी की है।”

इम्तियाज अहमद ने कहा कि सदर विधानसभा में काजीपुरा में महीनों से जल जमाव की समस्या रही लेकिन उसका समाधान नहीं किया गया। अब सदर के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला की सीट बदल दी गई। उनके बदले किसी और की पैराशूट लैंडिंग हुई है।” बता दें कि भाजपा ने सदर सीट से दयाशंकर सिंह को टिकट दिया है। तो वहीं आनंद स्वरूप शुक्ला को बैरिया से टिकट दिया गया है।

सपा वोट में सेंधमारी:

बलिया सदर की सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां से बीजेपी के दयाशंकर सिंह और सपा के नारद राय मैदान में हैं। इन्हीं दोनों में सीधी टक्कर मानी जा रही है। सदर से AIMIM ने मोहम्मद शमीम खान को टिकट दिया है। जिसकी वजह मुसलमान वोटों के बंटती हुई दिख रही है। सदर क्षेत्र में करीब 35 हज़ार मुसलमान मतदाता हैं। ऐसे में मुसलमान वोटों में AIMIM की सेंधमारी का सीधा नुकसान को उठाना पड़ सकता है। इंच-इंच की चुनावी लड़ाई है। ऐसे में वोटों का बंटना सपा के लिए इस सीट पर भारी भी पड़ सकता है।

बलिया से भाजपा नेता कमालुद्दीन शेख इसे लेकर एकदम अलग राय रखते हैं। कलामुद्दीन शेख मानते हैं कि मुसलमानों के लिए सबसे ज्यादा काम भाजपा ने ही किया है। बलिया खबर से बातचीत में उन्होंने कहा कि “बलिया की मुसलमान जनता इस बार पूरी तरह से भाजपा के साथ हैं। सदर सीट पर पार्टी के विधायक के प्रति कुछ नाराजगी जरूर थी। इसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने देखा और उन्हें यहां से हटाया गया। दयाशंकर सिंह के आने से लोगों की सारी नाराजगी खत्म हो चुकी है।”

कमालुद्दीन शेख ने कहा कि “पिछले 70 सालों से हमारा सिर्फ इस्तेमाल किया गया है। लेकिन हमारे विकास के लिए किसी ने काम नहीं किया। अब 5 साल से प्रदेश में योगी जी की और देश में मोदी जी की सरकार ने हमारे लिए काम किया है।” मदरसा को मिलने वाले फंड को लेकर कमालुद्दीन कहते हैं कि “मदरसा फंड तो इसलिए बंद किया गया क्योंकि वो मानक के अनुरूप नहीं चल रहे थे। अगर आप सिस्टम से नहीं चलेंगे तो योगी जी का डंडा चलेगा। मैंने खुद ये बात उठाई थी कि मदरसा की शिक्षा प्रणाली में सुधार की जानी चाहिए। क्योंकि मदरसों के बच्चे जब बाहर जाते हैं दूसरे बच्चों के साथ कमतर साबित होते हैं। वो मैच नहीं कर पाते हैं। इसलिए फंड बंद हो गया।”

सीएम योगी के एंटी मुस्लिम छवि पर:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एंटी मुस्लिम छवि को लेकर कमालुद्दीन शेख मानते हैं कि “ये सिर्फ कहने की बात है। वास्तव में जितना काम मुसलमानों के लिए योगी जी ने किया है उतना किसी ने नहीं किया है। मुफ्त राशन, आवास योजना और आयुष्मान योजना का लाभ सबसे ज्यादा मुसलमानों को ही मिला है। क्योंकि सबसे ज्यादा गरीबी मुसलमानों में ही है।”

उमा शंकर सिंह की सभा:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने रसड़ा सीट से अपने विधायक उमा शंकर सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है। उमा शंकर सिंह रसड़ा से बसपा की टिकट पर चुनावी ताल ठोक रहे हैं। उमा शंकर सिंह वोटिंग से कुछ दिन पहले लगातार अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ सम्मेलन कर रहे हैं। मुसलमान समाज के साथ भी उमा शंकर सिंह ने सभा की है। भारी संख्या में समुदाय के लोगों का जमावड़ा हुआ था।

हालांकि उमा शंकर सिंह ने अपनी सीट यानी रसड़ा के समीकरण को साधने के लिए ये सम्मेलन किया था। क्योंकि रसड़ा में मुसलमानों की संख्या तकरीबन 30 हज़ार है। लेकिन देखने वाली बात होगी कि क्या उमा शंकर सिंह के इस सम्मेलन का फर्क पूरे जिले में देखने को मिलेगा या नहीं? सवाल है कि क्या इस सम्मेलन का शोर बलिया की सभी 7 सीटों पर मुसलमान वोट को बसपा के पक्ष में कर पाती है या नहीं?

बलिया के ही बसपा नेता औसफ चंद ने मुसलमानों के रुझान को लेकर बलिया खबर से बातचीत की। औसफ चंद कहते हैं कि “मुसलमान समाज में साफ तौर पर आक्रोश है। क्योंकि सत्ता में बैठी पार्टी के नेताओं ने अपने भाषणों में लगातार अनर्गल बातें की हैं।” औसफ चंद आगे कहते हैं कि “हर किसी की तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तो मुस्लिम समुदाय के लिए भी मुद्दा है लेकिन साथ ही ये बेतुकी बतकही भी एक मुद्दा है।”

बलिया के मुसलमान क्या एकतरफा वोट करेंगे या वोट बंट जाएगा? इस सवाल के जवाब में औसफ बहुत साफगोई से कहते हैं कि “वोट एकतरफा ही है। भले लोग कह लें कि वोट बंटेगा। हां, थोड़ा बहुत तो इधर-उधर तो जाएगा ही।” तब आखिर ये वोट एकतरफा किस ओर जा रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि “मैं हूं तो बसपा का नेता लेकिन जो ग्राउंड पर देखने को मिल रहा है उससे लग रहा है कि सपा गठबंधन की ओर मुसलमानों का वोट जाता दिख रहा है।”

“इतना जरुर है कि भाजपा को लेकर साफ नाराजगी है। भाजपा के बड़े नेताओं से लेकर स्थानीय तक पर मुसलमानों में आक्रोश है। मुस्लिम वर्ग के लोग प्लेटफॉर्म खोज रहे हैं जहां उन्हें प्रतिष्ठा और बराबरी का अधिकार मिले।” औसफ चंद ने बलिया खबर के साथ बातचीत के अंत में कहा।

क्या होगा नतीजा:

बलिया में 3 मार्च को मतदान होना है। 10 मार्च को नतीजे सामने आएंगे। तब पता चलेगा कि बलिया की जनता ने क्या फैसला सुनाया है। देखना दिलचस्प होगा कि सपा के इम्तियाज के दावे में कितना दम है? तो वहीं कमालुद्दीन शेख की बात कितनी सही साबित होती है? या फिर बसपा नेता का ये कहना कि मुसलमान वोट सपा गठबंधन की ओर जाता दिख रहा है, सच साबित होगा? सवाल बहुत हैं। जिनका जवाब भविष्य की कोख में छिपा है। भविष्य जो बहुत दूर नहीं। सिर्फ 2 हफ्तों से कुछ अधिक का समय है। 10 मार्च को सारे सवालों के जवाब हमें मिल जाएंगे। तब तक बलिया ख़बर अलग-अलग नजरिए से ऐसी ही रिपोर्ट्स लाता रहेगा।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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