Connect with us

featured

बलिया में भृगु बाबा के नाम पर सियासत, नीरज शेखर के बयान पर सनातन पांडेय ने क्या सवाल उठाए

Published

on

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो बलिया लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार नीरज शेखर का है. इसमें नीरज शेखर एक चुनावी मंच से कह रहा हैं, “ये पहली बार मैंने भृगु बाबा का नारा लगाया है, इन 17 सालों में. आज पहली बार है. इसलिए क्योंकि आज मुझे लग रहा है कि बलिया के लोगों ने सच में मुझे अपना आशीर्वाद दिए हैं.”

नीरज शेखर के इस बयान से एक सवाल और एक थ्योरी जन्म लेती हैं. पहला ये कि जिस बलिया की पहचान भृगु बाबा के नाम से है और जिनके नाम का जयकारा बलिया का बच्चा-बच्चा हर शुभ मौके पर लगाता रहता है, उनका नारा नीरज शेखर 17 सालों में पहली बार लगा रहे हैं. दूसरा सवाल, नीरज शेखर कहते हैं कि पहली बार उन्हें लगा है कि बलिया के लोगों ने सच में अपना आशीर्वाद दिया है. उनके इस बयान से चौक-चौराहों की इस बतकही को बल मिलता है कि नीरज शेखर के पास बलिया में जनाधार नहीं है.

बहरहाल, बीजेपी प्रत्याशी का ये बयान आते ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सनातन पांडेय ने मौका लपक लिया. सनातन पांडेय ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “सम्मानित बलियावासियों! उम्मीद है अभी तक आप सभी भाजपा प्रत्याशी नीरज जी का यह बयान सुन चुके होंगे. देखा आप सभी ने नीरज जी कितने गर्व से कह रहे हैं कि 17 साल में ये पहली बार ‘भृगु बाबा की जय!’ बोल रहे हैं. अर्थात, आज तक के अपने राजनीतिक सफर में इन्होंने कभी भी महर्षि भृगु का जयकारा नहीं लगाया. महर्षि भृगु जो बलिया की पहली पहचान हैं। जिन पर बलिया और बलियाटिकों को गर्व है. उनका जयकारा कभी भी राज्यसभा सांसद जी की जुबान से नहीं निकला.”

सनातन पांडेय के समर्थकों ने चुनाव प्रचार के दौरान नीरज शेखर के बयान को बलिया की पहचान और गरिमा से जोड़ दिया है. चुनावी सभाओं में साफ-साफ कहा जा रहा है कि “जो भृगु बाबा का नहीं वो बलिया का नहीं.” भृगु बाबा को लेकर मान्यता है कि वो भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं. बलिया में उनकी कुटी है. इसी कुटी में भृगु बाबा रहते और तपस्या करते थे. इसी कुटी के पास प्रसिद्ध ददरी मेला लगता है.

बयानों की बात चली है तो एक और बयान है उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के परिवहन मंत्री और बलिया सदर से बीजेपी विधायक दयाशंकर सिंह का. दयाशंकर सिंह ने सनातन पांडेय को नसीहत दी थी कि “उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए क्योंकि जिस पार्टी में हैं वो सनातन विरोधी है.” अब सवाल उठ रहा है कि दयाशंकर सिंह अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार नीरज शेखर को क्या कहेंगे?

लोकसभा चुनाव-2024 की गर्मी अपने चरम पर है. सातवें चरण के मतदान के दौरान बलिया में 1 जून को वोटिंग होगी. इस सीट से पिछली बार बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ सांसद बने थे. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर अपने राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को मैदान में उतारा है. नीरज शेखर पर जब-तब ये आरोप लगता रहता है कि वो बलिया आते-जाते नहीं हैं और लोगों की समस्याओं से कोसों दूर हैं.

नीरज शेखर के सामने सपा ने सनातन पांडेय के रूप में ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारकर उनकी मुश्किलें पहले ही बढ़ा दी थी. तिस पर भी अब नीरज शेखर का भृगु बाबा पर दिया गया बयान बैकफायर कर गया है.

Advertisement        
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

featured

बलिया में पूजा चौहान की मौत ने खड़े किए कई सवाल ?

Published

on

बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के सरयां गुलाबराम गांव में पूजा चौहान की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सरयां गुलाबराम गांव में रविवार सुबह जो दृश्य देखने को मिला, उसने पूरे बलिया को हिला कर रख दिया है। सुबह गांव में जामुन के पेड़ से एक 20 वर्षीय युवती का शव लटका मिला। पैर करीब छह फीट ऊपर हवा में, हाथ पीछे बंधे हुए। नाम पूजा चौहान। 20 साल की पूजा चौहान का शव जब पेड़ से लटका देखा, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जिसने भी ये मंजर देखा, उसकी रूह कांप गई। सबके मन में सवाल उठा की कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है।

हर दिन अखबारों में ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। सोचिये जब प्रशासन को यह पता है कि ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठता। गुलाबराय सरया गांव में रविवार सुबह धर्मराज चौहान की बेटी पूजा का शव गांव में एक पेड़ से लटकता मिला, उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे। शव देखते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को बारीकी से देखा।

पूजा चौहान साधारण परिवार की लड़की थी। उसकी शादी अगले महीने 25 अप्रैल को होने वाली थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिवार में खुशियों का माहौल था, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खुशी मातम में बदल जाएगी। पूजा के माता-पिता फिलहाल पीजीआई में अपना इलाज करा रहे थे, और वह घर पर अकेली थी। परिवार के बाकी सदस्य भी बाहर रहते थे। उसका भाई गुजरात में नौकरी करता है और बहन असम में शादीशुदा जिंदगी बिता रही है। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर उसकी मौत के पीछे कौन हो सकता है?

पहले तो खबर आई की पूजा ने आत्महत्या की है लेकिन जिस तरीके से उसका शव पेड़ से लटक रहा था वह कुछ और ही बयां करता है। पूजा ने खुद अपनी जान ली होती, तो उसके हाथ पीछे बंधे कैसे होते? यह सवाल जितना आसान लगता है, इसका जवाब उतना ही पेचीदा है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के हाथ पीछे बंधे नहीं हो सकते। मतलब, शायद किसी ने पूजा की हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। क्या उसकी मौत के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी थी? या फिर कोई और वजह? कई सवाल हैं। हो सकता है यह सिर्फ कोई मसेज देने के लिए किया गया हो।

घटनास्थल पर मौजूद किचन में बिखरा आटा और अस्त-व्यस्त बर्तन यह बताते हैं कि शायद पूजा का पहले किसी झगड़ा भी हुआ होगा उसके बाद उसके साथ यह अनहोनी हुई होगी। पुलिस जांच के शुरुआती तथ्यों को देखें तो इस मामले में यौन शोषण का भी एंगल जुड़ सकता है। पीड़िता की नानी का साफ कहना है कि उनकी नातिन आत्महत्या नहीं कर सकती। परिजन इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं। लेकिन सवालों के जवाब आने है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”

हाथरस, उन्नाव, बदायूं, और अब बलिया—कब तक यूपी की मिट्टी मासूम बेटियों के खून से लाल होती रहेगी?

Continue Reading

featured

बलिया के एकलौते बसपा विधायक पर क्यों बैठी विजलेंस जांच ?

Published

on

बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। विजलेंस विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उमाशंकर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि विभाग ने विधायक ही नहीं उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।

वैसे सबको पता है नेता जी लोगों की आय से अधिक संपत्ति तो होती ही है। पुरानी स्क्रिप्ट है। लेकिन जब तक कोई नेता सत्ता के करीब होता है, तब तक उसकी संपत्ति पर कोई सवाल नहीं उठता। मगर विपक्ष पर यह कभी भी हो सकता है। उमाशंकर सिंह का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। बसपा के इस इकलौते विधायक के खिलाफ अचानक जांच शुरू हो गई है। महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी विजलेंस विभाग को उपलब्ध कराए।

उमाशंकर सिंह की बसपा के इकलौते विधायक हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जब पूरे यूपी में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया, तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। बीते दिनों मायावती काफी मुखर है लेकिन क्या अब इसका खामियाजा उमाशंकर सिंह को भुगतना पड़ रहा है?

बसपा का हाल किसी से छिपा नहीं है। मायावती पार्टी को चुनावी मोड में कम, ‘मैनेजमेंट मोड’ में ज्यादा चला रही हैं। यूपी में अब बसपा केवल ‘बीजेपी की B-Team’ कहकर बदनाम हो रही है। लेकिन ऐसे में उमाशंकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई को सिर्फ व्यक्तिगत मामला मान लेना भी सही नहीं होगा।

सवाल यह भी है कि आखिर राजनीति में आने के बाद कुछ नेताओं की संपत्ति मॉल्टीप्लाई मोड में कैसे चली जाती है? 2009 में जब उमाशंकर सिंह ने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि कुछ सालों में उनकी संपत्तियों की लिस्ट इतनी लंबी हो जाएगी कि सरकार को उसकी जांच करवानी पड़ेगी।

अगर कोई आम आदमी बिना पक्के दस्तावेजों के 5 लाख रुपये की जमीन भी खरीद ले, तो टैक्स विभाग और पुलिस उसके पीछे पड़ जाते हैं। मगर विधायक, सांसद, मंत्री खुलेआम करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं, और हमें लगता है कि यह सब “मेहनत” की कमाई है!

फ़िलहाल सूचना यह है कि उमाशंकर सिंह की तबियत खराब है। वह बीमार चल रहे हैं। लेकिन विजलेंस ने भी अपना काम शुरू कर दिया है

Continue Reading

featured

बलिया के नगरा में पेड़ से लटकी मिली युवती की लाश, मौके पर पहुँचें एसपी ने क्या कहा ?

Published

on

बलिया के नगरा थाना क्षेत्र से सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहाँ एक गांव में एक 17 वर्षीय युवती की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि आज सुबह डॉयल 112 पर सूचना प्राप्त हुई कि थाना नगरा क्षेत्र के सरयां गुलाबराय गांव में एक युवती का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया है। सूचना मिलते ही फील्ड यूनिट, स्थानीय पुलिस, क्षेत्राधिकारी रसड़ा, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम मौके पर पहुंच गई।

मृतिका का शव पेड़ से लटका हुआ था, और उसके हाथ पीछे बंधे हुए थे, जबकि उसके पैरों की ऊंचाई लगभग 6 फीट थी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवती के माता-पिता दो दिन पहले पीजीआई इलाज के लिए गए थे, और वह अकेले इस घर में रह रही थी। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि, यह जानकारी प्राप्त हुई कि युवती के माता-पिता को घटना की सूचना दे दी गई है, जबकि उसका एक भाई गुजरात में और एक बहन असम में रहती है।

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पंचायतनामा भरकर उसकी वीडियोग्राफी की भी मांग की गई है ताकि इस मृत्यु के कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल सके। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात के लिए स्थानीय पुलिस, सर्विलांस टीम, क्षेत्राधिकारी रसड़ा और एडिशनल एसपी की चार टीमों का गठन किया है। सभी जरूरी पूछताछ और तकनीकी सर्विलांस के आधार पर जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!