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बलिया पहुंचे डिप्टी सीएम, चंद्रशेखर हॉस्पिटल की आधुनिक डायलिसिस सेंटर का किया उद्घाटन

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आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक बलिया पहुंचे। उन्होंने जननायक चंद्रशेखर हॉस्पिटल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट की अत्याधुनिक डायलिसिस इकाई का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में भी भाग लिया।

डिप्टी सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि चंद्रशेखर जी के बगैर भारतीय राजनीति को पूर्ण नहीं माना जा सकता। चंद्रशेखर और बलिया एक दूसरे के पर्याय थे। पूरे भारत वर्ष में बलिया को स्थापित करने का कार्य किया। 1980 के दशक में उन्होंने कल्पना की थी कि बलिया के हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और उसी सोच के क्रम में उन्होंने जिला मुख्यालय से सुदूर अपने गांव में इस अस्पताल का निर्माण करवाया था।

इस अस्पताल के आधारशिला में लोकनायक जयप्रकाश नारायण का नाम भी जुड़ा हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पूरे प्रदेश के मुख्य सचिव होने हुए बलिया के इस अस्पताल को बेहतर स्वरूप में देखने की चिंता की, जिसके लिए वह भी धन्यवाद के पात्र हैं। अस्पताल संचालक का जिम्मेदारी उठाने वाले डॉक्टर संजय सिंह से कहा कि बलिया के ऐतिहासिक धरती के लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो ,इसका पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। हर गरीब, किसान और बहन-बेटियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न होने पाए। सरकार ने जनता के लिए सारी व्यवस्था दी है। यहां भी स्वास्थ्य सुविधा ऐसी हो कि पूरे देश में इसका संदेश जाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान बहनों को तीन या चार बार अल्ट्रासाउंड के लिए जाना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार ने यह भी व्यवस्था दी है कि सरकारी के अलावा प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड होगा। नवजात शिशु के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिले पर व्यवस्था है। इसके अलावा हर सीएससी, पीएचसी तथा सब-सेंटर पर टीकाकरण सहित जच्चा-बच्चा की की सारी सुविधाएं हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हम बीमार पड़े ही ना। इसके लिए किसी भी ऐसे पेय पदार्थ को नहीं लेना है या ऐसा कुछ नहीं खाना है, जिसका नुकसान हमारे शरीर पर पड़े। लगभग 40-50 मिनट योग-व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आवश्यकता से अधिक भोजन न लें और पर्याप्त पानी पिएं। लोगों से यह भी आवाह्न किया कि अपने दांतों को सुरक्षित रखने पर भी विशेष ध्यान दें। इसके लिए सुबह के अलावा रात को भी दांतों की सफाई करके ही सोएं।

उपमुख्यमंत्री जी का जनपद आगमन पर स्वागत पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर तथा निदेशक डा.संजय सिंह सहित अन्य गणमान्य ने किया। कार्यक्रम को पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर जी सपना था कि हम अपने गांव में एक बड़ा हॉस्पिटल बनाएं। उन्होंने अस्पताल को संचालित करने में अहम भूमिका निभाने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उपमुख्यमंत्री और पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण किया। इस मौके पर पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया, डा. सुषमा शेखर, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी विक्रांतवीर आदि मौजूद रहे।

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बलिया के बेल्थरारोड में दिनदहाड़े महिला से ठगी, लॉकेट और कान के टॉप्स उड़ा ले गए चोर

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बेल्थरा रोड क्षेत्र में मंगलवार को दिनदहाड़े एक महिला से ठगी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। घटना चौधरी चरण सिंह तिराहे पर उस समय हुई जब फुलनी देवी, निवासी अटवा, तुर्तीपार, अपने भांजे की शादी से इंदारा, मऊ से लौटकर ऑटो का इंतजार कर रही थीं।

इसी दौरान एक युवक ने उनसे बातचीत शुरू की। तभी एक अन्य युवक वहां से गुजरा और उसका रुमाल गिर गया। तीसरे युवक ने रुमाल उठाया और कुछ ही देर में एक चौथा व्यक्ति आया, जिसने रुमाल में बड़ी रकम होने का दावा किया। चारों ने मिलकर महिला को बातचीत में उलझाया और एक रुमाल सुंघा दिया। बेहोशी की हालत में महिला के गहने — सिकड़ी, लॉकेट और कान के टॉप्स — चुरा लिए गए।

होश में आने के बाद पीड़िता ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, महिला का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए गश्त बढ़ाने की मांग की है। गौरतलब है कि इस इलाके में पहले भी कई महिलाएं इसी तरह की ठगी का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

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बलिया में फ्रंट ऑफिस खोलने के प्रस्ताव का विरोध, स्टांप वेंडर और दस्तावेज लेखक धरने पर बैठे

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उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में रजिस्ट्री कार्यालय में फ्रंट ऑफिस खोले जाने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध तेज़ हो गया है। शनिवार को स्टांप वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने उप निबंधक कार्यालय परिसर में धरना दिया और प्रस्ताव का विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कदम से रजिस्ट्री कार्यालय का निजीकरण बढ़ेगा, जिससे उनका पारंपरिक रोजगार खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही लगभग 85 प्रतिशत स्टांप वेंडर बेरोजगार हो चुके हैं और फ्रंट ऑफिस खुलने से लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ सकता है।

इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ज़िलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उन्हें स्थानीय अधिवक्ता संघ का समर्थन भी प्राप्त हो गया है। वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने सरकार से मांग की है कि फ्रंट ऑफिस में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से फ्रंट ऑफिस खोलने का प्रस्ताव तत्काल वापस लेने की अपील की है।

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बलिया में आंगनवाड़ी नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा उजागर, दो नियुक्तियां रद्द, लेखपाल पर होगी कार्रवाई

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बलिया जनपद की सदर तहसील के अंतर्गत बेलहरी परियोजना के दो आंगनवाड़ी केंद्रों—बजरहा और रेपुरा—में नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान फर्जी आय प्रमाण पत्र के माध्यम से अनुचित लाभ लेने का मामला सामने आया है।

तहसीलदार सदर द्वारा कराई गई जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि इन केंद्रों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाली दो अभ्यर्थियों—श्रीमती गुड़िया (रेपुरा) और श्रीमती अमृता दुबे (बजरहा) ने बीपीएल श्रेणी का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। दोनों ने अपनी पारिवारिक मासिक आय ₹3800 से कम दर्शाई थी, जबकि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उनके परिजन सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, जिससे वे बीपीएल श्रेणी में पात्र नहीं थीं।

जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी प्रमाण पत्रों के निर्माण में लेखपाल श्री दिव्यांशु कुमार यादव (क्षेत्र: आमघाट, तहसील: बलिया सदर) की संलिप्तता रही है। उन्होंने अभ्यर्थियों के साथ मिलीभगत कर ये प्रमाण पत्र जारी किए। प्रशासन ने इस गंभीर अनियमितता पर त्वरित संज्ञान लेते हुए निम्न निर्णय लिए हैं। इसके तहत दोनों आवेदिकाओं की आंगनवाड़ी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई हैं।

इसके अलावा संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) को निर्देशित किया गया है कि दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाए। उपजिलाधिकारी (SDM) सदर को निर्देश दिए गए हैं कि दोषी लेखपाल के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही कर आवश्यक दंड सुनिश्चित किया जाए। यह कार्रवाई शासन द्वारा निष्पक्ष चयन प्रक्रिया और नियमों की पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एक सख्त और आवश्यक कदम है।

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