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बलिया में डेंगू का कहर, अस्पताल में सुविधाओं की कमी, रेफरल सेंटर बना जिला अस्पताल

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बलियाः प्रदेशभर में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी नजर आ रही हैं। बलिया में भी डेंगू के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। लेकिन जिले में एडवांस स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।

केवल प्राथमिक इलाज के सहारे ही बीमारी से जंग लड़ी जा रही है। जिला अस्पताल में सैंकड़ों की संख्या में मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. रितेश सोनी की मानें तो जिला अस्पताल में रोजाना आने वाले मरीजों में हर तीसरे मरीज में प्लेटलेट की समस्या सामने आ रही है। ऐसे में समस्या कम होने पर डॉक्टर उनका इलाज कर देते हैं लेकिन अधिक घटने के मामलों में मरीजों को रेफर कर देते हैं।

यानि कि प्लेटलेट चढ़ाने के मामले में अस्पताल रेफरल सेंटर बने हुए हैं। जिला अस्पताल में न तो प्लेटलेट चढ़ाने का कोई इंतजाम है और ना ही मरीजों की जान बचाने के लिए इलाज की कोई व्यवस्था है। ऐसे में प्लेटलेट कम होने की स्थिति में डॉक्टर मरीजों को रेफर कर रहे हैं।

जिला सर्विलांस अधिकारी के अनुसार जिले में डेंगू के 115 मामले हैं, इनमें से 19 एक्टिव डेंगू के मरीज गैर जनपदों में अपना इलाज करा रहे हैं। अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह के अनुसार जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेशन यूनिट की बिल्डिंग बनकर पूरी तरह तैयार है। इसके अलावा ब्लड को चार हिस्सों में बांटने के लिए यहां कुछेक मशीनें भी आ चुकी हैं।

अन्य मशीनें और पर्याप्त मैन पावर मुहैया होने के बाद से जिले में ब्लड सेपरेशन यूनिट अस्तित्व में आ जाएगा। इसके बाद ब्लड बैंक में उपलब्ध ब्लड को चार हिस्सों में बांटकर मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की सुविधा सुचारु हो जाएगी।

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बलिया में नगर पालिका विस्तार के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध, कलेक्ट्रेट पर सौंपा ज्ञापन

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बलिया जिले में नगर पालिका परिषद के विस्तार की योजना पर अब विरोध के सुर तेज़ हो गए हैं। सोमवार को अगरसंडा, निधरिया और देवकली गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को एक ज्ञापन भी सौंपा।

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि सरकार उनके गांवों को नगर पालिका में शामिल करना चाहती है, लेकिन मौजूदा नगर पालिका की हालत खुद ही दयनीय है। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र की सड़कें टूट-फूट चुकी हैं, नालियां जाम और गंदगी से भरी हुई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

इसके उलट, ग्रामीणों ने अपने गांवों की स्थिति को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि गांवों में सड़कें बेहतर हैं, सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद है और वातावरण स्वच्छ है। प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका को ‘भ्रष्टाचार का अड्डा’ बताते हुए कहा कि वे अपने गांवों को ऐसी व्यवस्था में शामिल नहीं होने देंगे।

ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि वे अपने गांवों की स्वायत्तता और व्यवस्था को किसी भी कीमत पर नगर पालिका के हवाले नहीं करेंगे।

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बलिया के फेफना थाना क्षेत्र में दर्दनाक सड़क हादसा, दो युवकों की मौत

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बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र में सोमवार तड़के करीब 2:30 बजे एक भीषण सड़क हादसा हो गया। नसीराबाद गांव के पास एक अज्ञात बस और बाइक की टक्कर में दो युवकों की जान चली गई।

हादसे में श्रीनगर दुबेछपरा निवासी 22 वर्षीय शुभम कुमार सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 25 वर्षीय गौरव कुमार सिंह को गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान गौरव ने भी दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक, दोनों युवक किसी कार्यक्रम से बाइक से लौट रहे थे जब नसीराबाद के पास उनकी बाइक को एक तेज़ रफ्तार अज्ञात बस ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि आसपास के लोग आवाज़ सुनकर मौके पर पहुंच गए।

स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल गौरव को अस्पताल भिजवाया, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशें नाकाम रहीं। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस दुखद घटना की खबर जैसे ही मृतकों के घर पहुंची, परिवारों में कोहराम मच गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

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बलिया में पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को 20 साल की सजा

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बलिया जिले में POCSO एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में अदालत ने दोषी को कड़ी सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आरोपी साजिद उर्फ राजा बाबू को 20 साल की कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ अभियान के तहत की गई।

एसपी ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन शाखा की प्रभावी पैरवी के चलते अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से ADGC देवनारायण पाण्डेय ने सफलतापूर्वक मुकदमे की पैरवी की।

अदालत ने आरोपी को तीन विभिन्न धाराओं में दोषी पाया। आरोपी पर पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 साल की सजा और 5,000 रुपये जुर्माना, आईपीसी  की धारा 363 (अपहरण) में 5 साल की सजा और 2,000 रुपये जुर्माना, IPC की धारा 366 (जबरन शादी या शारीरिक शोषण हेतु अपहरण) में 7 साल की सजा और 3,000 रुपये जुर्माना लगाया गया है।

जुर्माने की अदायगी न करने की स्थिति में दोषी को क्रमशः 3 माह, 1 माह और 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला थाना फेफना में दर्ज किया गया था।

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