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निकाय चुनाव

बैरिया में भाजपा प्रत्याशी शांति देवी के जनसंपर्क अभियान ने पकड़ा जोर

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बलिया। नगर निकाय चुनाव की तारीख नजदीक आते ही अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर गए हैं। प्रत्याशी घर-घर जनसंपर्क कर जनता से वोट की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में नगर पंचायत बैरिया में निवर्तमान अध्यक्ष एव भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी शांति देवी ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने बुधवार को नगर के मानिक छपरा और रकबा टोला मिर्जापुर, बहादुरा टोला, जगदेवा ढाही में घर-घर जाकर लोगों से समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होंने मतदाताओं से विकास के नाम पर दोबारा सेवा का मौका देने की अपील की।

शांति देवी के जनसंपर्क अभियान में कई सारे कार्यकर्ता भी शामिल हैं। शांति देवी चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे लगातार जनता से संपर्क बनाए हुए हैं और उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश कर रही हैं। जनता का समर्थन भी उन्हें मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।

शांति देवी के जनसंपर्क अभियान में बुल्लु पाल, राकेश पासवान, जितेंद्र गोड, साबिर अंसारी, शकील अंसारी, उपेंद्र राय सिकु मिश्र, दारोगा वर्मा, सोनु यादव, भीम यादव, जीत वर्मा, पंकज वर्मा, विक्की गोड, अशोक यादव, शंभु पासवान, सत्येंद्र पासवान, लुटावन राम आदि रहे।

 

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‘बलिया में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वालों पर कठोर कार्यवाही होगी’

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बलिया। नगर निकाय चुनाव-2023 को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बलिया स्थित कोतवाली में चुनाव में खड़े उम्मीदवारों और सदस्यों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उपस्थित सभी प्रत्याशियों को अपनी समस्याओं से प्रशासन को अवगत कराने के लिए कहा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से अपील है कि मतदान अवश्य करें। 10 मई को पोलिंग पार्टियां बूथ पर पहुंच जाएंगी। सब से अनुरोध है कि पोलिंग बूथ पर किसी प्रकार की सत्कार की व्यवस्था ना करें।

इससे अन्य पार्टियों में गलत मैसेज जाता है। 11 मई को मतदान है। मतदान सुबह 7:00 बजे से शाम को 6:00 बजे तक चलेगा। पोलिंग एजेंट उसी वार्ड का सदस्य होना चाहिए। किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को पोलिंग एजेंट नहीं बनाया जाएगा।अपने पोलिंग एजेंट को समय से भेजे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के लिए एक वाहन और सदस्य के लिए कोई वाहन अनुमन्य नहीं है। उसमें मतदाताओं को लाने ,ले जाने के लिए कोई सुविधा नहीं होगी। मतदान करने लोग अपने वाहन से ही जाएंगे। जनपद बलिया में शांति और निष्पक्ष चुनाव होगा इसके लिए प्रशासन कटिबद्ध है। यदि कोई चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास करेगा तो उस पर कठोर कार्यवाही होगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने भी लोगों से अपील करते हुए कहा कि मतदान को सकुशल संपन्न कराने में अपना योगदान दें। कोशिश रहेगी किसी प्रकार की शिकायत ना आने पाए। यदि कोई शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्यवाही होगी। चुनाव में यदि कोई बाधा डालने का प्रयास करेगा तो उस पर कठोर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से चुनाव पर नजर रखी जाएगी। कोई भी वोटरों को डराने धमकाने का प्रयास ना करें। मतदान के दिन किसी बाहरी व्यक्ति को अपने घर में शरण ना दें। यदि ऐसा है तो पुलिस को सूचना दें। मतदान वाले दिन शांति व्यवस्था बनाए रखें।

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निकाय चुनाव- बलिया में सबको चौका सकती है भाजपा, प्रत्याशी पर मंथन पूरा

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बलिया। नगर निकाय चुनाव में नगर पालिका अध्यक्ष के नामों को लेकर भारतीय जनता पार्टी का मंथन पूरा हो गया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि एक दो दिन में बीजेपी (BJP) अपनी सूची जारी कर सकती है।

बीजेपी अपने फैसलों से सबको चौकाती आई है। एक बार फिर पार्टी का फैसला बलिया के लिए हैरान करने वाला हो सकता है। रविवार को समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने नेता लक्ष्मण गुप्ता को नगर पालिका बलिया से प्रत्याशी बनाकर कड़े मुकाबले की बुनियाद रखी है। सूत्रों की माने तो इसी को देखते हुए बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है।

हालंकी सपा केउम्मीदवार के ऐलान से पहले बीजेपी ने तकरीबन एक नाम तय कर लिया था, लेकिन सपा से लक्ष्मण गुप्ता का नाम सामने आने के बाद पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव करन पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो बीजेपी इस बार अपने किसी पदाधिकारी को मैदान में उतार सकती है। हालांकि जिस पदाधिकारी का नाम भेज गया है वो खुद चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं।

सूत्रों की माने तो नगर पालिका अध्यक्ष के नाम पर चर्चा करते वक्त जातीय समीकरण का भी खास ध्यान रखा गया है।  सूत्र ने यहाँ तक बताया कि बलिया में बीजेपी भी इस बार पिछड़े वर्ग से ही प्रत्याशी घोषित कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो कई दावेदारों का चुनाव लड़ने का ही सपना ध्वस्त हो जाएगा।

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यूपी निकाय चुनाव: बैरिया नगर पंचायत का कौन होगा ‘बादशाह’, तय करेंगे ये मतदाता ?

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यूपी निकाय चुनाव: 2024 के ‘महा संग्राम’ से पहले उत्तर प्रदेश सेमिफाइनल माने जा रहे निकाय चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है. अदालती दखलंदाजी के बाद नई आरक्षण सूची जारी होते ही अब निकाय चुनाव के लिए नई अधिसूचना का इंतजार हो रहा है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल ग्राउंड ज़ीरो पर अपनी रणनीति को आजमाने में लगे हैं. बलिया में भी निकाय चुनाव की गहमागहमी है. यहां बात करेंगे बैरिया नगर पंचायत की. बताएंगे कि बैरिया में क्या चुनावी समीकरण देखने को मिल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में 2017 के मुकाबले समीकरण बदले हुए हैं. सीटों की संख्या और मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है. बात करें बलिया ज़िले के बैरिया नगर पंचायत की तो यहां करीब 5 हजार नए मतदाता बने हैं. जिनके हाथ में नगर पंचायत अध्यक्ष को जीताने की कुवत है. ये संख्या बड़ी है, नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिहाज से. इसीलिए दावेदारों की निगाह इन नए वोटर्स पर ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक 4724 नए युवा मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल है. इस तरह बैरिया नगर पंचायत के कुल मतदाताओं की संख्या 25,970 हो चुकी है. इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 14,622 है तो वहीं महिला मतदाता 11,438 हैंबलिया में कुल 10 नगर पंचायत हैं. इस साल से पहले तक 8 नगर पंचायत थे. लेकिन 2017 के निकाय चुनाव से पहले ये संख्या 7 थी. क्योंकि तब बैरिया नगर पंचायत का अस्तित्व नहीं था. 2017 के नगर निकाय चुनाव में बैरिया का गठन हुआ. चुनाव हुए तो शांति देवी बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं. मौका ऐतिहासिक था क्योंकि ये बैरिया नगर पंचायत का पहला चुनाव था. अब 5 सालों के बाद एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं.

 कौन हैं दावेदार? 

2017 में बैरिया की पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनी थीं शांति देवी. उनके प्रतिनिधि है शिव कुमार वर्मा मंटन. नई आरक्षण सूची आने से पहले तक माना जा रहा था कि शिव कुमार वर्मा खुद इस बार चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे. लेकिन नई आरक्षण सूची में बैरिया नगर पंचायत की सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है. ऐसे में शांति देवी ही चुनावी मैदान में दावेदारी करती दिखेंगी. काफी हद तक माहौल उनके पक्ष में जाता दिख रहा है. वजह साफ है. 2017 में पहली बार जब बैरिया सीट का गठन हुआ तो शांति देवी का ही परचम लहराया था. बीते 5 सालों में उनके खिलाफ कोई नाराज़गी स्थानीय स्तर पर देखने को नहीं मिली है.

2017 के नतीजों में दूसरे नंबर पर रही थीं निर्दलीय उम्मीदवार पूनम सिंह. माना जा रहा है एक बार फिर पूनम सिंह अपना भाग्य आजमाते दिख सकती हैं. जब तक सीट महिला के लिए आरक्षित नहीं हुई थी तब तक दौड़ में पूनम सिंह के पति हरी सिंह का नाम चुनाव लड़ने के लिए सामने आ रहा था. लेकिन अब स्थिति साफ हो चुकी है कि हरी सिंह के बजाए उनकी पत्नी ही मैदान में दिखेंगी.

 समीकरण पर एक नज़र: 

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की टाइमिंग बेहद खास है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बीच. हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ है. जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की. अब आगे 2024 का लोकसभा चुनाव है. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव का कुछ असर नगर निकाय चुनाव पर देखने को जरूर मिलेगा. तो दूसरी ओर यूपी में नगर निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है.बलिया की बैरिया सीट पर विधानसभा चुनाव में भाजपा के आनंद स्वरूप शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा था. जीत हुई थी समाजवादी पार्टी (SP) के जय प्रकाश आंचल की. भाजपा के हार की सबसे बड़ी वजह थी अंतर्कलह. 2017 के चुनाव में यहां से सुरेंद्र सिंह भाजपा की टिकट पर विधायक बने. लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. आनंद स्वरूप शुक्ला जो कि बलिया सदर से विधायक थे उन्हें बैरिया से मैदान में उतारा गया. सुरेंद्र सिंह ने बागी रुख अख्तियार कर लिया. भाजपा से अलग होकर वीआईपी की टिकट पर चुनाव लड़े. आपसी द्वंद में भाजपा ने ये सीट गंवा दिया.

हालांकि देखना होगा बैरिया नगर पंचायत क्षेत्र की जनता क्या फैसला लेती है? क्षेत्र की बागडोर एक बार फिर शिवकुमार के परिवार के हाथों में ही रहता है या फिर बैरिया बदलाव की राह पर चलता है? विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी रहे हों. नगर पंचायत चुनाव के अपने मुद्दे होते हैं. अपने समीकरण होते हैं. चुनाव की रणनीतियां अलग होती हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कौन क्या दांव चलता है और किसके समीकरण कारगर साबित होते हैं?

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