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ओमिक्रोन से निपटने को तैयार है बलिया का स्वास्थ्य विभाग, जानिए कैसे हैं इंतजाम?

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ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले को लेकर बलिया समेत पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। संभावित तीसरी लहर को लेकर जिले का स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट पर है। ऑक्सीजन प्लांट और बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन चिंता की बात यह है कि महामारी के बढ़ते खतरे के बीच लोगों की लापरवाहियां भी बढ़ती जा रही हैं। हालात यह हैं कि बाजारों में जमकर भीड़ उमड़ रही है। लोग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। सोशल डिस्टेसिंग का कहीं पालन नहीं हो रहा।

प्रशासन चेकिंग अभियान चलाता है तो केवल उतने समय के लिए ही लोग अलर्ट दिखते हैं। बाकी समय कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।  दुकानदारों को यह निर्देश जरूर दिया गया है कि वे बिना मास्क के आए ग्राहकों को सामान न दें, लेकिन व्यवहार में ऐसा हो नहीं रहा है।

पर्याप्त संख्या में बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था में जुटा स्वास्थ्य विभाग–  स्वास्थ्य महकमा संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियों में जुट गई है। पहली व दूसरी लहर के दौरान संसाधन की जो कमियां सामने आयी थीं, उसे युद्धस्तर पर दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक जिले में फिलहाल सात आक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं। इनमें से जिला अस्पताल में दो प्लांट हैं। और बाकी अगउर (बांसडीह), सीएचसी बसंतपुर, फेफना, सीयर व सोनबरसा में हैं। बता दें कि इन सभी प्लांट को संचालित करने के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी गयी है। ऑक्सीजन की जरा भी कमी न आए।

इसके लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का भी अच्छा स्टाक उपलब्ध है। करीब 1 हजार से अधिक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध हैं। बेड्स को लेकर भी व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा शहर के दो बड़े निजी अस्पतालों को भी जरूरत के अनुसार उपयोग में लाया जा सकता है। राहत की बात है कि जिले में अभी ओमीक्रान का कोई मरीज सामने नहीं आया है। पिछले दिनों नामीबिया से आए एक संदिग्ध की सेम्पलिंग हुई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आयी है।

वैक्सीनेशन पर भी फोकस-  स्वास्थ्य संसाधनों की पूर्ति के साथ ही वैक्सीनेशन पर भी ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में अबतक 28 लाख 22 हजार लोगों का वैक्सिनेशन किया जा चुका है। इनमें से 11 लाख 25 हजार ही ऐसे हैं, जिन्हें दोनों डोज लगी है। 16 लाख 90 हजार लोगों को अभी पहली डोज ही लग सकी है। वैक्सिनेशन की गति बढ़ सके, इसके लिए विभाग गांव-गांव में कैम्प लगाकर टीकाकरण कर रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय कुमार तिवारी के अनुसार सरकार के निर्देश के बाद बच्चों के लिए तीन जनवरी से वैक्सिनेशन शुरू किया जाएगा। इसकी तैयारी हो चुकी है।

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बलिया के फेफना में बस और बाइक की भीषण टक्कर, दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

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बलिया के फेफना थाना क्षेत्र के एकौनी संत थामस स्कूल के पास सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना में दो लोगों की मौके पर ही जान चली गई। हादसा तब हुआ जब बाइक सवार दो लोग तेज रफ्तार बस के साथ टकरा गए, जिससे दोनों की मौत हो गई। हादसे के बाद आसपास के लोग दौड़े आए और पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बस तथा बाइक को कब्जे में लिया गया।

घटनास्थल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जखनिया गाजीपुर निवासी 30 वर्षीय पूनम देवी और उनके 22 वर्षीय भतीजे दीपक कुमार फेफना स्टेशन से शाहगंज बलिया पैसेंजर ट्रेन से उतरकर बाइक पर सिंहाचवर जा रहे थे। जैसे ही वे संत थामस स्कूल के पास पहुंचे, एक तेज रफ्तार बस ने उन्हें ओवरटेक करते हुए जोरदार टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी पुलिस को दी। दुर्घटना की खबर मिलते ही मृतकों के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे और शोक संतप्त हो गए। दीपक कुमार एक निजी कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय के रूप में कार्यरत था और अपने नाना के घर सिंहाचवर में रहकर पढ़ाई भी कर रहा था।

पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दुर्घटना में शामिल वाहन (बस और बाइक) को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और मृतकों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है।

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बलिया के सुल्तानपुर में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 12 झोपड़ियां जलकर खाक

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बलिया के सुल्तानपुर के टोलापुर गांव में रविवार तड़के करीब 3 बजे एक भीषण आग लग गई। शुरुआती जांच के मुताबिक, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। आग की चिंगारी सबसे पहले खेदारु तुरहा के घर से उठी, जो पल भर में ही भयावह रूप लेते हुए आसपास की 12 झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले बैठी।

इस दर्दनाक हादसे में दिलीप तुरहा, सागर तुरहा, दुर्गा तुरहा, पुर्नवासी, तारा देवी, मिथुन, डब्लू, राहुल देव और कुमार यादव सहित कई परिवारों के घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। झोपड़ियों में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन और अन्य जरूरी सामान आग की भेंट चढ़ गया।

राहुल देव के घर में रखी 36 हजार रुपये की नकदी भी जलकर राख हो गई। इतना ही नहीं 2 बकरियों की मौत हो गई। फिलहाल पुलिस की टीम ने मौके पर पहुँच कर मामले की जाँच शुरू की है।

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बलिया में निवेश के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, चिटफंड कंपनी के निदेशकों पर मामला दर्ज

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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में निवेश के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। बांसडीहरोड थाना क्षेत्र में एक निजी फाइनेंस कंपनी और चिटफंड संस्था के चार निदेशकों पर धोखाधड़ी, धमकाने और मारपीट जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई कोर्ट के निर्देश पर की गई है।

यह मामला रघुनाथपुर गांव निवासी अनिल तुरहा द्वारा उठाया गया, जिन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में पूरी घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। अनिल के अनुसार, कुछ वर्षों पहले वह रोज़गार के सिलसिले में देहरादून गए थे, जहां उनकी मुलाकात ‘बंधन निधि लिमिटेड’ के शाखा प्रबंधक जोगेंद्र भरवाल से हुई। जोगेंद्र ने उन्हें पैसे दोगुने करने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया।

अनिल का दावा है कि उन्होंने न केवल खुद पैसा निवेश किया, बल्कि रिश्तेदारों और जान-पहचान के करीब 232 लोगों से भी लगभग 56 लाख रुपये की राशि कंपनी में जमा करवाई। शुरुआत में सब ठीक चला, लेकिन 13 मई 2019 को दिल्ली के रोहिणी स्थित कंपनी का दफ्तर अचानक बंद मिला और निदेशक कमल राणा, संजीत यादव, विमल यादव और सीमा यादव लापता हो गए।

इतना ही नहीं, इसके बाद जोगेंद्र ने ‘जनवृद्धि’ नाम की एक नई कंपनी खड़ी कर ली और दोबारा निवेश करवाना शुरू कर दिया। लोगों को आश्वासन दिया गया कि उनका पुराना पैसा लौटाया जाएगा, लेकिन जब भुगतान की मांग की गई तो न केवल पैसा लौटाने से मना किया गया, बल्कि अनिल को धमकियां भी दी गईं।

परेशान होकर अनिल ने न्यायालय की शरण ली, जिसके आदेश पर बांसडीहरोड पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी अजय पाल ने पुष्टि की है कि मामले की छानबीन की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। ठगी का शिकार बने निवेशक आक्रोशित हैं और ऐसी फर्जी कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह के जाल में न फंसे।

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