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बलिया पुलिस ने 8 घंटे में सुलझाई ट्रिपल मर्डर की मिस्ट्री, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

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बलिया में पुलिस ने 8 घंटे के अंदर ही ट्रिपल मर्डर का खुलासा कर दिया है। इस ट्रिपल मर्डर की कहानी उलझी हुई थी। क्योंकि, परिवार का सबसे बड़ा बेटा दिलीप लापता था। गांव के लोगों ने संपत्ति बंटवारे में दिलीप पर ही हत्या का आरोप मढ़ दिया। इस मामले में यू टर्न तब आया, जब पुलिस की शुरुआती पड़ताल में सोनवानी गांव से 4 लड़के गायब मिले। पूछताछ में सामने आया कि इन्हीं लड़कों का संदीप के साथ 7 लाख रुपयों का लेनदेन का विवाद चल रहा था। मोबाइल लोकेशन के सहारे पुलिस सिर्फ 8 घंटों के अंदर कत्ल के आरोपियों तक पहुंच गई।

8 घंटे में ही खुलासा– एसपी राजकरण नय्यर ने हत्या का कारण पैसों का लेनदेन बताया है। उन्होंने कहा कि भोलू और तीसरे भाई दिलीप सिंह में पैसों का लेन-देन था। मृतक और उसके बेटों ने उन्हें साथ में देख लिया था। ऐसे में पुलिस को कुछ बता ना दें इस डर से आरोपियों ने ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता हासिल कर ली है। और आरोपी अब सलाखों के पीछे हैं।

संदीप को कीडनैप करके 2.5 लाख रुपए लेने की प्लानिंग थी- दरअसल, इस हत्याकांड की कहानी की शुरुआत 6 महीने पहले होती है। संदीप प्रॉपर्टी डीलर था। उसने गांव में रहने वाले बृजभान उर्फ जडेजा की एक जमीन का सौदा कराया। बृजभान इस वक्त विशाखापट्‌टनम में रहते हैं। जमीन के बदले 10 लाख रुपए मिले थे। जडेजा को 3 लाख दिए गए थे। बाकी 7 लाख रुपए को लेकर संदीप बहानेबाजी करता था।

जडेजा ने पूरी बात अपने दोस्त प्रवीण सिंह उर्फ भोलू को बताई। प्रवीण ने संदीप को कीडनैप करने की योजना बना ली। गांव के ही मानवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ छोटू, अमन सिंह उर्फ सोनू व संजीत सिंह को इस योजना में शामिल किया। दरअसल, उन्हें पता था कि संदीप ने घर पर ही ढाई लाख रुपए छिपाए हुए हैं।

कुएं में मिला दोनों बेटों का शव- हल्दी थाना के सोनवानी गांव में मृतक उमा शंकर सिंह का मकान गांव के किनारे पर है। मकान से 200 मीटर दूरी पर बगीचा है। वहीं पर कुआं है, जो पटिया से ढका हुआ है। हत्या के बाद शवों को पटिया हटाकर कुएं के अंदर फेंक दिया गया था। शवों को छिपाने के लिए कुएं में जलकुंभी डाली गई और पटिया फिर से रख दिया था। रास्ते में खून गिरा था, जिसे फावड़े या कुदाल से मिटाने की कोशिश भी की गई थी। सुबह शौच के लिए निकले लोग रास्ते में खून के धब्बे देखकर गांव के बाहर बगीचे में पहुंचे थे। वहां कुएं पर भी खून के धब्बे दिखने से वारदात का पता चला।

घर में खून से लथपथ मिला पिता का शव- पुलिस ने कुएं से बेटे विक्रम सिंह और संदीप की लाश को गांव के लोगों की मदद से निकलवाया। दोनों के शरीर पर धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं। मृतक की पहचान होने के बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना भिजवाई तो कोई नहीं आया। इसके बाद पुलिस मृतक के घर पहुंची तो यहां एक कमरे में खून बिखरा हुआ था। अंदर कोई नहीं था। दूसरे कमरे में उमा शंकर सिंह (60) का शव पड़ा हुआ था।

बड़े भाई ने 12 साल पहले छोड़ा घर, शराब के धंधे में किया था शामिल- उमा शंकर का बड़ा बेटा दिलीप 10 साल पहले घर छोड़ गया था। पत्नी की मौत 4 साल पहले हो गई थी। दोनों बेटे कुंवारे थे। प्रवीण सिंह उर्फ भोलू उमा शंकर के घर के पास ही रहता है। वो पिछले कुछ दिनों से संदीप के साथ खूब देखा जाता था। अक्सर उमाशंकर के घर भी आता-जाता था।पुलिस को प्रवीण के खिलाफ करीब एक साल पहले गैर इरादतन हत्या का पुराना केस भी मिला है। वो अवैध शराब का धंधा भी करता रहा है। ये भी सामने आया है कि संदीप को भी वो इस धंधे में शामिल कर चुका था। ट्रिपल मर्डर का खुलासा जल्दी करने के लिए एडीजी वाराणसी जोन रामकुमार और डीआईजी आजमगढ़ अखिलेश कुमार ने पुलिस टीम को 15 हजार रुपए देने का ऐलान किया।

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बलिया के फेफना तिराहे के पास खुली डिजिटल लाइब्रेरी, मिलेंगी विशेष सुविधाएं

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बलिया के फेफना तिराहा से 500 मीटर रसड़ा रोड़ वोडाफोन टावर के सामने बाबा विश्वनाथ डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर लड़कियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

इस लाइब्रेरी में शांत वातावरण, हाई स्पीड वाई-फाई सेवा, पूर्णतया वातानुकूलित, शुद्ध पेयजल की सुविधा, पार्किंग सुविधा, सीसीटीवी कैमरे की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक दिन अख़बार भी पढ़ने दिया जाएगा। सेपरेट स्वच्छ वॉशरूम और टायलेट की सुविधा मिलेगी। यहां अनुशासनात्मक परिसर मिलेगा, जिससे पढ़ने में आसानी होगी।

इस लाइब्रेरी में प्रवेश लेने के लिए प्रोफेसर चंदन चौरसिया (मोबाइल नंबर- 8798946155) और पवन चौरसिया (7800921043) से संपर्क किया जा सकता है।

 

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बलिया डीएम ने किया होम्योपैथिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया, 29 डॉक्टर मिले गैरहाजिर, सभी का वेतन रोका गया

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बलिया जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बुधवार को जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के अलावा जनपद के 27 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें 29 चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी में सभी ग़ैरहाजिर चिकित्सकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि सबका स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी आख्या सहित सीडीओ को उपलब्ध कराएं।

सभी एसडीएम और खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से यह निरीक्षण अभियान चलाकर कराया गया। इस दौरान जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा सुरेश गोंड के अलावा राजकीय होम्योपैथिक जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लिली मुनींद्र व डा मनु अनुपस्थित मिले। इसके अलावा जो चिकित्साधिकारी अनुपस्थित थे, उनमें राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रेपुरा में चिकित्साधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह, सीता कुंड में डॉ रामबचन, रसड़ा में डॉ लाल बहादुर, सिकंदरपुर में सुनील कुमार वर्मा, काजीपुर में डॉ नवनीता सिंह, बांसडीह में शिवकुमार सिंह, राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय शेर पर डॉ आलोक त्रिपाठी, प्रधानपुर में डॉ बृजेश कुमार भारती गैरहाजिर मिले।

शाह मोहम्मदपुर में डॉ दयाशंकर, सूर्यपुरा में डा संजय कुमार, ससना बहादुरपुर में डॉ रुबी गुप्ता, पड़री में डॉ राजकुमार, सरयाडीह भगत में डॉ नरेंद्र कुमार, डुमरी में डॉ सुशील प्रकाश सागर, उजियार में डॉ पुनीता राय, टुटवरी में डॉ कनक, लालगंज में शैलेंद्र कुमार शर्मा, खरुआव में आशुतोष यादव, उधरन गजियापुर में डॉ लाल सिंह, जमीन सिसौंड में डॉ नीलम कुमार, बहुताचक में डॉ राजमणि, पचखोरा में डॉ चंद्रिका धर, दुगाईपट्टी में डॉ राधावती यादव, बड़ागांव में डॉ प्रदीप कुमार यादव, मानिकपुर में उदयराज व शंकरपुर अस्पताल पर दिव्या राजपूत शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकते हुए सीडीओ के यहां स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि समय से अपने अस्पताल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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बलिया पुलिस ने चोरी की वारदात का किया खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया की फेफना पुलिस ने चोरी की वारदार का खुलासा करते हुए 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से चोरी की 1 अंगूठी, 1 अंगूठी सफेद धातु और 2180 रुपये नगद सहित 1 मोबाइल और 1 अवैध चाकू बरामद किया गया है।

पीड़ित ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम समय वो लगभग 8 बजे अपने आवास पर पहुंची तो देखा कि उनके कमरे का ताला खुला हुआ था, उन्होंने अंदर जाकर देखा तो बक्से का ताला भी खुला था। बक्से के अंदर रखी सोने और चांदी की अंगूठी के साथ 3 हजार नकद गायब था। पीड़ित ने बताया कि उनके आवास के पास में रहने वाला अश्निवी सिंह काफी दिनों से उनके आवास के पास संदिग्ध अवस्था में घूमता दिख रहा था। मुझे उस पर शक है।

इस शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से चोरी अंगूठी, 2180 नगद और 1 मोबाइल बरामद किया। इस कार्रवाई में फेफना पुलिस टीम के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, उपनिरीक्षक सुधीर चौहान, उपनिरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल नन्दू पाल, कांस्टेबल हरिश्चन्द्र की विशेष भूमिका रही।

 

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