बलिया
बलिया पुलिस ने नवीन हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त को किया गिरफ्तार

बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने नवीन हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। बलिया एसपी विक्रांत वीर के कुशल निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी सिकंदरपुर आशीष मिश्र के कुशल नेतृत्व में ये कार्रवाई की गई है।
सिकंदरपुर थानाध्यक्ष दिनेश पाठक ने मय टीम के साथ 30 जून को नवीन कुमार के अपहरण और हत्या के मुख्य आरोपी बृजेश राय को कूड़ा मोड़ के पास से अवैध असलहा व कारतूस एवं घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल और रक्तरंजित कपड़े बरामद किए गए।
सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में 9 जुलाई को नवीन कुमार निवासी ग्राम भाटी पोस्ट बनहरा की गुमशुदगी दर्ज की गयी थी। इसके विरोध में बृजेश राय पुत्र स्वर्गीय अवधेश राय, नैन पत्नी स्वर्गीय अवधेश राय, प्रियंका राय पुत्री अवधेश राय, राकेश उर्फ रिंकू राय पुत्र जनार्दन राय निवासीगण भाटी थाना सिकन्दरपुर के विरुद्ध पंजीकृत किया गया था। पुलिस जांच कर रही थी। इसी बीच 3 अगस्त को रामरतन ने अपने बेटे का पेंट, शर्ट और चप्पल लाकर बताया कि ये दियरा क्षेत्र खरीद घाट पर मिला है, जहां एक नरकंकाल भी मिला है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि ग्राम भाटी के नवीन कुमार की हत्याकांड में शामिल मुख्य अभियुक्ति बृजेश राय अपने रिश्तेदारियों में जा रहा है। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ा गया। इसके पास से 01 अदद देसी तमन्चा 315 बोर बरामद हुआ तथा पहने पैट की दाहिनी जब से 01 अदद जिंदा कारतूस 315 बोर तथा 01 अदद मोटरसाइकिल बरामद हुई जिस पर रजिस्ट्रेशन नंबर UP52H4930 अंकित है।
आरोपी ने बताया कि नवीन राम मेरा मित्र था, हम दोनों एक साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय करते थे। उसी के सिलसिले में मेरा 57000 नवीन पर बकाया था, मेरे द्वारा कई बार मांगने पर नवीन ने मेरा पैसा नहीं चुकाया था। इसी वजह से मेरा नवीन से विवाद हुआ था, फिर 30 जून को मैं नवीन को अपने मोटरसाइकिल से उसके घर से ले आया, मैंने सिकंदरपुर में नवीन को शराब पिलाई और खुद भी पी फिर मैं उसे अपना बकाया मांगा तो नवीन ने मना कर दिया। इसके बाद गुस्साए आरोपी ने कटर ब्ले़ड से वार कर उसकी हत्या कर दी और उसका मोबाइल निकाल लिया। आरोपी नवीन का शव झाड़ियों के बीच मौजूद एक गड्डे में डालकर निकल गया। उसने घर जाकर अपनी मां नैनकुमारी और बहन प्रियंका को घटना के बारे में बताया और कहा कि अगर कोई नवीन के बारे में पूछे तो बोलना कि मेरा बेटा भी उसी दिन से गायब है।
आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में उपनिरीक्षक दिनेश पाठक थानाध्यक्ष थाना सिकन्दपुर बलिया, उपनिरीक्षक चंद्र प्रकाश कश्यप थाना सिकन्दपुर बलिया, उपनिरीक्षक प्रमोद यादव थाना सिकन्दपुर बलिया, हेडकांस्टेबल शिवप्रवेश पांडे थाना सिकन्दपुर बलिया, हेका राकेश यादव थाना सिकन्दपुर बलिया आदि टीम का सहयोग रहा।













बलिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के एसपी के हलफनामे की भाषा पर जताई नाराजगी, न्यायालय की गरिमा बनाए रखने की दी सलाह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह द्वारा दाखिल किए गए शपथपत्र की भाषा पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उसे अनुचित और न्यायालय की मर्यादा के प्रतिकूल बताया है। अदालत ने भविष्य में अधिक सावधानी बरतने और भाषा में आवश्यक सुधार लाने की सख्त हिदायत दी है।
एसपी सिंह ने अपने हलफनामे में लिखा था कि पुलिस बल ‘किसी अदालत के किसी आदेश’ के अनुपालन में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि न्यायालय कोई सामान्य संस्था नहीं है, बल्कि एक गरिमामयी संस्था है, जिसे ‘किसी अदालत’ कहकर संबोधित करना अनुचित है। इसे स्पष्ट रूप से ‘जनपद न्यायाधीश बलिया’ या ‘सिविल जज (सीनियर डिवीजन) बलिया’ कहकर संबोधित किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने आगे समझाया कि तहसीलदार, जो कि सहायक कलेक्टर होता है, एसपी का अधीनस्थ नहीं होता। यदि तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो उसे पुलिस बल की आवश्यकता की जानकारी एसपी को औपचारिक मांग पत्र के माध्यम से देनी चाहिए। इसके बाद एसपी को स्वयं यह तय करना होगा कि कितनी पुलिस बल की आवश्यकता है, ताकि राज्य को आदेशों के क्रियान्वयन में किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े।
एसपी बलिया को न केवल भविष्य में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है, बल्कि उनसे एक बेहतर और उपयुक्त भाषा में नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 मई की दोपहर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने बलिया के रसड़ा निवासी गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। तहसीलदार रसड़ा ने अदालत के निर्देश पर मौके का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने की कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी के कारण वह कार्रवाई अधूरी रह गई।
तहसीलदार ने अदालत को बताया कि उन्हें पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते अतिक्रमण नहीं हट पाया। इस पर अदालत ने एसपी से जवाब मांगा था।
अपने शपथपत्र में एसपी ने कहा कि तहसीलदार ने 26 मई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय की थी और 3 मई को पुलिस बल की मांग का पत्र कोतवाली को भेजा गया था। उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है और 26 मई को पुलिस बल भी प्रदान किया जाएगा।
हालांकि, हाईकोर्ट ने इस हलफनामे पर असंतोष जताते हुए कहा कि एफआईआर तो कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई है, यह कोई विशेष उपलब्धि नहीं है। अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि वे एक संशोधित, उपयुक्त और गरिमामयी हलफनामा प्रस्तुत करें।
बलिया
बलिया में फर्जी बी.पी.एल. प्रमाण पत्र के सहारे पाई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी, जिलाधिकारी ने नियुक्ति पर लगाई रोक

बलिया जिले के नगरा क्षेत्र स्थित जहांगीरपुरा वार्ड संख्या-3 की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर फर्जी बी.पी.एल. प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी पद प्राप्त करने का आरोप सिद्ध हुआ है। जिलाधिकारी को प्राप्त शिकायत की जांच के बाद मामला गंभीर पाया गया, जिसके चलते संबंधित नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
शिकायत की जांच के लिए तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी रसड़ा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि 7 जनवरी 2025 को एक फर्जी आय प्रमाण पत्र तैयार करवा कर श्रीमती जयश्री, पत्नी राजीव मोहन यादव, ने स्वयं को बी.पी.एल. श्रेणी में दर्शाया था। इस फर्जीवाड़े में क्षेत्रीय लेखपाल की भी संलिप्तता पाई गई है।
उपजिलाधिकारी रसड़ा द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO), नगरा को निर्देशित किया है कि श्रीमती जयश्री के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाई जाए। इसके साथ ही, दोषी लेखपाल पर प्रशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि शासकीय पदों की प्राप्ति हेतु धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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बलिया के बेल्थरारोड में दिनदहाड़े महिला से ठगी, लॉकेट और कान के टॉप्स उड़ा ले गए चोर

बेल्थरा रोड क्षेत्र में मंगलवार को दिनदहाड़े एक महिला से ठगी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। घटना चौधरी चरण सिंह तिराहे पर उस समय हुई जब फुलनी देवी, निवासी अटवा, तुर्तीपार, अपने भांजे की शादी से इंदारा, मऊ से लौटकर ऑटो का इंतजार कर रही थीं।
इसी दौरान एक युवक ने उनसे बातचीत शुरू की। तभी एक अन्य युवक वहां से गुजरा और उसका रुमाल गिर गया। तीसरे युवक ने रुमाल उठाया और कुछ ही देर में एक चौथा व्यक्ति आया, जिसने रुमाल में बड़ी रकम होने का दावा किया। चारों ने मिलकर महिला को बातचीत में उलझाया और एक रुमाल सुंघा दिया। बेहोशी की हालत में महिला के गहने — सिकड़ी, लॉकेट और कान के टॉप्स — चुरा लिए गए।
होश में आने के बाद पीड़िता ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, महिला का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए गश्त बढ़ाने की मांग की है। गौरतलब है कि इस इलाके में पहले भी कई महिलाएं इसी तरह की ठगी का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
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