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सपा में अपमान या घोटालों की फाइल खुलने का डर! नारद राय के बीजेपी ज्वाइन करने की असली वजह

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अमित शाह से मुलाकात के दौरान नारद राय, साथ में ओपी राजभर

महज दो दिनों बाद बलिया लोकसभा सीट पर मतदान होने वाला है और बीते दो दिनों इस सीट पर काफी सियासी लू बह चुका है. हुआ ये भी है कि जिले में सपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले नारद राय अब ‘मोदी का परिवार’ हो चुके हैं. राय ने सपा की साइकिल से उतरकर कमल का फूल थाम लिया है. लेकिन सियासत में कुछ भी यूं ही तो होता नहीं है. ऐसे में कयासों का बाजार गर्म है कि आखिर नारद राय ने वोटिंग से ठीक पहले ये पलटी क्यों मारी है?

नारद राय ने आरोप लगाया है कि सपा का शीर्ष नेतृत्व लगातार उनका अपमान कर रहा था. बलिया के फेफना में हुए अखिलेश यादव की रैली थी. रैली में अखिलेश ने मंच से नारद राय का नाम नहीं लिया. इससे भी वह नाराज़ थे. एक्स (पहले ट्विटर) पर उन्होंने ट्वीट किया है कि “स्व. नेता जी का सेवक रहा हूं. नेता जी ने कहा था यदि अपने लोगों के सम्मान पर आंच आए तो किसी से भी बग़ावत कर जाना लेकिन झुकना मत.”

क्या नारद राय का पलटने की सिर्फ यही एक वजह थी? इस सवाल के कई जवाब हैं. कुछ ऐसे भी जवाब हैं जिनकी जड़ें 2023 में गड़ी हैं. प्रभात खबर की 7 मई, 2023 की एक रिपोर्ट है. टाइटल है- ‘बलिया के जया मिश्रा हत्याकांड की फिर खुलेगी फाइल, मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा नगर में हुए घोटालों की कराएंगे जांच.’ इस रिपोर्ट दयाशंकर सिंह का बयान छपा है कि “नगरपालिका के पूर्व चेयरमैनों के कार्यकाल में हुए एक-एक घोटालों की जांच होगी. यहां करीब दो दशक पूर्व जया मिश्रा की हुई हत्याकांड की फाइल फिर खुलेगी और इसमें शामिल एक भी आरोपी बच नहीं सकेगा.”

इसी रिपोर्ट में दयाशंकर सिंह का दूसरा बयान भी छपा है, “सपा सरकार में कभी नगर विकास मंत्री रहे नेता को ऐसे ही गुरू घंटाल नहीं कहता हूं. ऐसे गुरू घंटालों से सावधान रहकर नगरपालिका में घुसने से रोकें तभी बलिया नगर का विकास संभव है.”

बलिया सदर से बीजेपी विधायक और योगी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का ये बयान तब का है जब उत्तर प्रदेश में नगर पालिका के चुनाव हो रहे थे. चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ की मंच पर मौजूदगी में दयाशंकर ने नगरपालिका में हुए घोटालों और जय मिश्रा हत्याकांड की फाइल खोलने की बात कही थी.

अमर उजाला की 22 अप्रैल, 2023 की एक रिपोर्ट है जिसमें ‘सीवरेज घोटाले में तत्कालीन एक्सईएन और कार्यदायी कंपनी पर एफआईआर’ की बात लिखी गई है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि बलिया शहर में 2006-07 में सीवर योजना की शुरुआत कुल 97.22 करोड़ की धनराशि से हुई थी. इससे सीवर और एसटीपी का निर्माण होना था. लेकिन ये योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई.

नारद राय पहली बार 2002-07 और दूसरी बार 2012 में बलिया सदर से विधायक रहे हैं. दो बार सपा सरकार में मंत्री भी रहे. दयाशंकर सिंह ने अपने भाषणों में बगैर नाम लिए उन्हीं पर घोटाले के आरोप लगाए और फाइल खोलने की बात कही.

बलिया में राय के प्रभाव को नज़रंदाज नहीं किया जा सकता है. जिले में उनकी अच्छी-ख़ासी पकड़ है. बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में बलिया सीट फंसी हुई मानी जा रही है. ऐसे में नारद राय का सपा में बने रहना बीजेपी की राहें और मुश्किल बनाने वाला था. हालांकि जिले के सियासी जानकार मानते हैं कि दयाशंकर सिंह द्वारा घोटाले और हत्याकांड को लेकर आक्रामक रुख अपनाए जाने के बाद नारद राय की सक्रियता कम हो गई थी.

बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि राय की बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ लगातार बातचीत हो रही थी. सूत्र बताते हैं कि वाराणसी में अमित शाह से मुलाकात से पहले उनकी ओपी राजभर सरीखे नेताओं से वार्ता चल रही थी. आख़िरकार जब बात बनी तो उन्हें बीजेपी के दूसरे सबसे बड़े नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह से मिलाया गया. इसके बाद राय ने बीजेपी ज्वाइन करने का ऐलान कर दिया.

बीजेपी नेताओं के संपर्क में होने की बात पर नारद राय के एक करीबी भी नाम न छापने की शर्त पर मुहर लगाते हैं. करीबी बताते हैं कि नारद राय को दयाशंकर सिंह का फाइल खोलने वाला बयान किसी आती हुई संकट की तरह दिख रहा था, जिसमें उनके बेटे पर भी आंच आ सकती थी.

उत्तर प्रदेश की सियासत पर नज़र डालें तो नारद राय का मामला अपनी तरह का पहला नहीं है. बल्कि जौनपुर में बीजेपी ने बाहुबली धनंजय सिंह को कुछ इसी स्टाइल में सेट किया है. धनंजय सिंह जौनपुर से टिकट चाहते थे. टिकट नहीं मिलने पर बाग़ी हुए और बसपा से अपनी पत्नी श्रीकला के लिए टिकट ले आए. लेकिन ठीक उसी दौरान उन पर चल रहे एक मुकदमें में सुनवाई शुरू हो गई और धनंजय जेल भेज दिए गए. जमानत पर छूटे तो बीजेपी के खेमे में चले गए और अब कमल के प्रचार में भी जुट गए हैं.

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बलिया में फ्रंट ऑफिस खोलने के प्रस्ताव का विरोध, स्टांप वेंडर और दस्तावेज लेखक धरने पर बैठे

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उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में रजिस्ट्री कार्यालय में फ्रंट ऑफिस खोले जाने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध तेज़ हो गया है। शनिवार को स्टांप वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने उप निबंधक कार्यालय परिसर में धरना दिया और प्रस्ताव का विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कदम से रजिस्ट्री कार्यालय का निजीकरण बढ़ेगा, जिससे उनका पारंपरिक रोजगार खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही लगभग 85 प्रतिशत स्टांप वेंडर बेरोजगार हो चुके हैं और फ्रंट ऑफिस खुलने से लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ सकता है।

इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शनकारियों ने ज़िलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उन्हें स्थानीय अधिवक्ता संघ का समर्थन भी प्राप्त हो गया है। वेंडरों और दस्तावेज़ लेखकों ने सरकार से मांग की है कि फ्रंट ऑफिस में उनकी भूमिका को स्पष्ट किया जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से फ्रंट ऑफिस खोलने का प्रस्ताव तत्काल वापस लेने की अपील की है।

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बलिया में आंगनवाड़ी नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा उजागर, दो नियुक्तियां रद्द, लेखपाल पर होगी कार्रवाई

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बलिया जनपद की सदर तहसील के अंतर्गत बेलहरी परियोजना के दो आंगनवाड़ी केंद्रों—बजरहा और रेपुरा—में नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान फर्जी आय प्रमाण पत्र के माध्यम से अनुचित लाभ लेने का मामला सामने आया है।

तहसीलदार सदर द्वारा कराई गई जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि इन केंद्रों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाली दो अभ्यर्थियों—श्रीमती गुड़िया (रेपुरा) और श्रीमती अमृता दुबे (बजरहा) ने बीपीएल श्रेणी का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। दोनों ने अपनी पारिवारिक मासिक आय ₹3800 से कम दर्शाई थी, जबकि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उनके परिजन सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, जिससे वे बीपीएल श्रेणी में पात्र नहीं थीं।

जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी प्रमाण पत्रों के निर्माण में लेखपाल श्री दिव्यांशु कुमार यादव (क्षेत्र: आमघाट, तहसील: बलिया सदर) की संलिप्तता रही है। उन्होंने अभ्यर्थियों के साथ मिलीभगत कर ये प्रमाण पत्र जारी किए। प्रशासन ने इस गंभीर अनियमितता पर त्वरित संज्ञान लेते हुए निम्न निर्णय लिए हैं। इसके तहत दोनों आवेदिकाओं की आंगनवाड़ी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई हैं।

इसके अलावा संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) को निर्देशित किया गया है कि दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाए। उपजिलाधिकारी (SDM) सदर को निर्देश दिए गए हैं कि दोषी लेखपाल के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही कर आवश्यक दंड सुनिश्चित किया जाए। यह कार्रवाई शासन द्वारा निष्पक्ष चयन प्रक्रिया और नियमों की पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एक सख्त और आवश्यक कदम है।

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आज बलिया पहुंचेंगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद सनातन पांडेय के पारिवारिक विवाह समारोह में लेंगे भाग

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पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 30 अप्रैल को बलिया का दौरा करेंगे। वे अमौसी एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से यात्रा करेंगे। उनका हेलीकॉप्टर बलिया जनपद के नगरा थाना क्षेत्र स्थित नवीन आदर्श इंटर कॉलेज, सलेमपुर के मैदान में बनाए गए हेलीपैड पर उतरेगा। वहां से वे सड़क मार्ग द्वारा पांडेयपुर के लिए रवाना होंगे।

अखिलेश यादव बलिया से सांसद सनातन पांडेय के आवास पर आयोजित विवाह समारोह में शामिल होंगे, जहां वे नवविवाहित दंपति को आशीर्वाद देंगे। समाजवादी पार्टी ने उनके इस दौरे का विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।

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