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बलियाः संपूर्ण समाधान दिवस पर अनुपस्थित मिले अधिकारी, डीएम ने रोका वेतन

बलियाः मुख्य संपूर्ण समाधान दिवस पर कई अधिकारी अनुपस्थित मिले। इसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने आधा दर्जन अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने सभी फरियादियों की शिकायत गंभीरता से सुनी और संबंधित अधिकारियों पर नाराजगी जताई। एक मामले में डीएम ने रेवती थानाध्यक्ष पर नाराजगी जताई। समाधान दिवस में दर्जनों मामले भूमि विवाद से जुड़े आए। ऐसे में जिलाधिकारी ने एसडीएम बैरिया आत्रेय मिश्र को कानूनगो का अलग-अलग रजिस्टर बनाने और समीक्षा करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार व पुलिस अधीक्षक एस आनंद की उपस्थिति में कुल 85 मामले प्रस्तुत हुए, जिसमें मौके पर ही 14 मामलों का निस्तारण कर दिया गया। परमात्मानंद कुशवाहा मौजा चैता छपरा में भूमि विवाद का मामला उठाया, जिसमें जिलाधिकारी ने 25 अगस्त तक निस्तारण करने का आदेश दिया। सावन छपरा निवासी सोनी पत्नी ऋषि कुमार पासवान दहेज उत्पीड़न की शिकायत किया। चाईछपरा निवासी दिव्यांग संतोष चौधरी बैटरी वाला रिक्शा दिलाने की मांग की।
महंतगिरी के मठिया निवासी गौतम कुमार राव भूमि विवाद, दोकटी निवासी जितेंद्र कुमार मजदूरी और सामान का पैसा न देने का शिकायत की। बैरिया निवासी हरेंद्र कुमार यादव भूमि विवाद, मुरारपट्टी निवासी मुक्तिनाथ ओझा भूमि विवाद, भीखा छपरा निवासी संतोष कुमार वर्मा भूमि विवाद से जुड़ी शिकायत की।
इधर तहसील के कर्मचारी लिपिक श्याम सुंदर सिंह शिकायत की कि सरकारी आवास के इर्द-गिर्द झाड़- झंखाड़ हैं, जिससे सरकारी आवास में सर्प घुस रहे है। सफाई नहीं हो रही है। जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी बैरिया को सफाई करने का आदेश दिया।











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बलिया में लेखपालों का बड़ा फेरबदल, आठ साल से एक ही जगह जमे कर्मचारियों का हुआ ट्रांसफर

बलिया जिले में प्रशासनिक सख्ती देखने को मिली जब जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के आदेश पर मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने लंबे समय से एक ही तहसील में जमे लेखपालों का स्थानांतरण कर दिया।
जिले की विभिन्न तहसीलों से कुल 173 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से दूसरे स्थानों पर भेजा गया है। इनमें बांसडीह से 41, सदर से 14, बैरिया से 13, रसड़ा से 42, बिल्थरारोड से 33, और सिकंदरपुर से 30 लेखपाल शामिल हैं।
विशेष रूप से सिकंदरपुर तहसील में कुल 58 लेखपालों में से 30 ऐसे थे जो बीते आठ वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात थे। प्रशासन ने इन्हें अन्य तहसीलों में भेजने के साथ-साथ उनके स्थान पर नए लेखपालों की तैनाती भी सुनिश्चित की है।
यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक अहम पहल है, बल्कि इससे कार्य संस्कृति में भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
बलिया
बलिया में आंधी-तूफान में गिरी बिजली ने ली युवक की जान, गांव में पसरा मातम

बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र स्थित टुटवारी गांव में गुरुवार की शाम अचानक बदले मौसम ने एक हंसते-खेलते परिवार की दुनिया उजाड़ दी। तेज हवाओं के साथ आई आंधी और बारिश के दौरान गिरी आसमानी बिजली ने खेत में काम कर रहे एक युवक की जान ले ली। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।
मृतक सत्यकाम राय, उमेश राय के पुत्र थे, जो खेत में प्याज की खुदाई के दौरान मौजूद थे। मौसम बिगड़ते ही जब गांव में तीन जगह बिजली गिरी, तब सत्यकाम खेत के पास एक बगीचे में स्थित पेड़ के नीचे जाकर बारिश से बचने लगे। मजदूर तो पहले ही घर लौट गए थे, लेकिन सत्यकाम अपने प्याज की देखरेख के लिए वहीं रुक गए। दुर्भाग्यवश, उसी पेड़ पर बिजली गिर गई और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
परिवार को इस अनहोनी का अंदेशा तक नहीं था। रात का भोजन डेरे पर रखकर परिजन यही सोचते रहे कि सत्यकाम खेत में व्यस्त होंगे। अगले दिन सुबह एक ग्रामीण जब शौच के लिए निकला, तो उसने सत्यकाम का शव पेड़ के नीचे देखा और तत्काल परिजनों को सूचना दी।
जैसे ही खबर गांव में फैली, कोहराम मच गया। सत्यकाम की पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। लोगों की आंखें नम हैं और हर कोई इस अकाल मृत्यु से स्तब्ध है। चार साल पहले शादी हुई थी और उनका एक तीन साल का बेटा भी है, जो अब पिता की छाया से वंचित हो गया है। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। गांव में अब भी शोक की लहर है।
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बलिया के बेल्थरारोड में गेहूं की फसल में लगी भीषण आग, 30 बीघा फसल जलकर राख

बलिया के बेल्थरा रोड क्षेत्र के रुपवार भगवानपुर गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गेहूं की खड़ी फसल में अचानक आग भड़क उठी। गर्म हवा और तेज़ झोंकों के चलते आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया।
धधकती फसल को देखकर ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घरों से बाल्टियों में पानी लाकर आग बुझाने में जुट गए। साथ ही फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों की तत्परता और अथक प्रयासों से आखिरकार आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक लगभग 30 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल राख हो चुकी थी।
ग्रामीणों की सूझबूझ और मेहनत से पास की फसलें जलने से बचा ली गईं। इस आगजनी में जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुईं, उनमें कमला सिंह, राम गोविंद सिंह, विजई सिंह, सुरेन्द्र सिंह, नगीना सिंह, बब्बन सिंह, शिवानंद सिंह, कल्पनाथ, चन्दन और विवेक शामिल हैं।
पीड़ित किसानों ने प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है। घटना की जानकारी हल्का लेखपाल को दी गई, लेकिन वे जिला मुख्यालय में होने के कारण घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके। आग लगने के पीछे के कारणों का फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
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