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बलियाः 4 मार्च से घर से लापता युवक का शव कुएं में मिला

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बलिया में कुएं में एक युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि युवक 4 मार्च से घर से लापता था। जिसका शव कुएं में मिला। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना चितबड़ागांव थाने के वार्ड नंबर 13 की है। जहां कुएं से युवक का शव बरामद किया गया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने मामले में हत्या की आशंका जताई है।

इस संबंध में पुलिस का कहना है कि टीम ने मौके पर पहुँचकर शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्यवाही पूर्ण करते हुए पोस्टमार्टम के लिए शव मोर्चरी हाउस भेजा है। अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। मौके पर शांति व्यवस्था संबंधित कोई समस्या नहीं है।

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बलिया में रेलवे ओवरब्रिज मरम्मत कार्य की शुरुआत, बंद रहेगा आवागमन

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बलिया में रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत कार्य 18 मार्च 2025 से शुरू हो गया है। इसके तहत, प्रतिदिन रात 8 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 6 बजे तक पुल पर यातायात पूरी तरह से बंद रहेगा।जिलाधिकारी के निर्देश पर, मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगर मजिस्ट्रेट, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक और अनुबंधित फर्म के इंजीनियर की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया।

इस मरम्मत कार्य में पुल के एक्सपेंशन जॉइंट्स को बदलने और अन्य जरूरी मरम्मत कार्यों को अंजाम दिया जाएगा। सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक दोपहिया, तिपहिया और हल्की कारों की आवाजाही जारी रहेगी, हालांकि भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को रात के समय मरम्मत कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक मरम्मत कार्य समाप्त नहीं हो जाता या उच्च अधिकारियों द्वारा कोई अन्य निर्देश नहीं दिए जाते।

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बलिया में सनसनीखेज घटनाक्रम, बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर युवक को उतारा मौत के घाट

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बलिया के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के सरया गांव में सनसनीखेज घटनाक्रम सामने आया है। यहां बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर एक युवक की मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद से ही इलाके में डर का माहौल बना हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, सरया गांव निवासी राजेश कुमार (42) पुत्र चंद्रदीप मल्लाह शनिवार की देर शाम अपने घर पर थे। इसी बीच, आधा दर्जन से अधिक लोग पहुंचे और राजेश पर हमला बोल दिये। खून से लथपथ राजेश को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान राजेश की मौत हो गयी। राजेश की हत्या क्यों हुई ? पुलिस जांच में जुटी है।

इलाके में चर्चा है कि, राजेश की चचेरी बहन की शादी तीन दिन पहले हुई थी। शादी समारोह के दौरान ही डुमरी के कुछ लोगों से राजेश से विवाद हुआ था। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी विवाद के चलते आपसी रंजिश में राजेश की हत्या कर दी गई हो। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है, इसके बाद ही हत्या के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।

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स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी के योगदान और उनके जीवन के आदर्शों को सच्ची श्रद्धांजलि

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मुजौना के पूर्व प्रधान श्री धर्मजीत सिंह जी (पति – स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी) बताते हैं कि, “मैं 17 साल तक प्रधान रहा और मेरी धर्मपत्नी 5 वर्ष तक प्रधान पद पर रहीं। उनका गांववासियों के साथ व्यवहार हमेशा एक परिवार की तरह था।” इसके बाद, श्री सिंह एक महत्वपूर्ण घटना का उल्लेख करते हुए बताते हैं, “1980 के दशक में भारत सरकार की पुनर्वास योजना के तहत, लगभग 20 बिगहा ग्राम समाज की भूमि पर गांववासियों को बसाने की प्रेरणा मुझे मेरी धर्मपत्नी से मिली। यह सरकारी योजना थी, लेकिन उस समय कई बाधाएं भी सामने आईं। बावजूद इसके, मुझे जो आत्मबल और सहयोग उनसे मिला, वह एक अनमोल अनुभव था।”

वह आगे कहते हैं, “गांववासियों का जो स्नेह हमें मिला, वह अभूतपूर्व था। प्रत्येक वर्ष जरूरतमंदों के बीच वस्त्र वितरण से लेकर आवश्यक सामग्रियों का वितरण, यह उनकी प्राथमिकता रही।”

स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी के ज्येष्ठ पुत्र, ब्लाक प्रमुख (सीयर) श्री आलोक कुमार सिंह कहते हैं, “2015 में मैंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मां की प्रेरणा से की। कर्मभूमि के रूप में मैंने अपनी जन्मभूमि को चुना और गांव का प्रधान बना।” एक किस्सा साझा करते हुए श्री सिंह कहते हैं, “मेरे कार्यकाल में जब सभी गांववासियों के आवास बन रहे थे, तो मां ने खुशी जताते हुए कहा, ‘यह मेरी अधूरी इच्छा थी, जो अब पूरी हो रही है।’ मां की इच्छा थी कि गांव का हर परिवार मूलभूत सुविधाओं से युक्त हो, और इसका सबसे बड़ा कारण था कि उनका गांववासियों के साथ एक विशेष पारिवारिक रिश्ता था।”

इसके बाद, जब सीट आरक्षित हुई, तो श्री सिंह के पारिवारिक सहयोगी श्री देवनाथ राजभर की धर्मपत्नी, श्रीमती गीता राजभर प्रधान बनीं। मां की ही इच्छा थी कि श्रीमती राजभर ग्राम प्रधान के रूप में चुनाव लड़े। उनके प्रधान बनने के बाद भी, गांववासियों के प्रति विकास और सहयोग की रफ्तार पहले की तरह बनी रही।

श्री अनूप सिंह “मंटू”, छोटे पुत्र और महादेव कंस्ट्रक्शन के प्रबंध निदेशक, बताते हैं, “मेरी मां का जन्म एक बड़े, कुलीन और सांस्कारिक परिवार में हुआ था, जिससे उन्हें परिवार को एकजुट रखने और रिश्तों में समन्वय स्थापित करने की अद्भुत क्षमता विरासत में मिली। वह सादगी, सद्भाव, विनम्रता और करुणा की प्रतिमूर्ति थीं। हमारी परवरिश में, परिवार को एकीकृत करने और एक आदर्श परिवार की स्थापना में उनके संस्कार स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ते हैं। हम सभी उनके विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, और वह हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी।” 

स्मृति शेष उद्गार
स्वर्गीय शिवकुमारी देवी जी की याद में

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