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बलिया स्पेशल

केशव मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया चुनाव और मुख्यमंत्री बने योगी: राजभर

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगातार हमलावर कैबिनेट मंत्री  ने उपचुनाव में बीजेपी की हार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया है. अपने बयानों से लगातार विवादों मे घिरे रहने वाले ओम प्रकाश राजभर ने रविवार को बहराइच में कहा कि गोरखपुर, फूलपुर, कैराना हारने के लिए राजा ही जिम्मेदार है.  योगी आदित्यनाथ सरकार के मुखिया हैं, लिहाजा जिम्मेदारी उनकी ही बनती है.

इसके साथ ही राजभर ने कहा, ये कटु सत्य है कि 2017 का चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया था. वह प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्होंने मेहनत की और मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो योगी आदित्यनाथ जी को बना दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि शासन-प्रशासन में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक की भागीदार सुनिश्चित होनी चाहिए, लेकिन थाने, तहसील, कचहरी आदि में वह नहीं हो पा रही है.

क्या केशव प्रसाद मौर्य सीएम होते तो स्थिति ज्यादा बेहतर होती? इस सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने बस इतना कहा कि देखिए पांत में बैठे लोगों में पूड़ी परोसने वाला किसी का खास होगा या परिचित होता है तो उसको तो पूड़ी ज्यादा दी ही जाती है.

दिलचस्प ये है कि अभी दो दिन पहले ओम प्रकाश राजभर ने उपचुनाव में हार के पीछे विपक्षी गोलबंदी को कारण बताया था. मंत्री राजभर ने कहा कि यह कटु सत्य है कि विपक्ष की गोलबंदी की वजह से हम कैराना और नूरपुर में हारे. हम इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन एक बात यहां यह देखनी होगी कि इस उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ सपा, बसपा, कांग्रेस और आरएलडी एकजुट थी. हमारी पार्टी भी इस उपचुनाव में शामिल नहीं थी. बीजेपी सभी दलों का अकेला मुकाबला कर रही थी. बावजूद इसके बीजेपी की हार का अंतर कैराना में महज 50 हजार के करीब मतों का ही रहा.

राजभर ने बताया कि कैराना में हार की वजह गन्ना किसानों की भुगतान का भी मुद्दा रहा. शायद हमारी सरकार में कुछ समस्या रह गई होगी, लेकिन अधिकारी आज भी नहीं बदले हैं. वे पुराने सरकार की तरह ही काम कर रहे हैं. पत्रों को राशन कार्ड, आवास और शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. यह बड़ी समस्या है.

बता दें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी सहित सरकार पर तमाम आरोप लगा चुके हैं. कभी वह शराब बंदी के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं तो कभी अफसरों में भ्रष्टाचार और बेअंदाजी का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमले करते हैं.

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बलिया स्पेशल

बलिया पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जेएनसीयू के दीक्षांत समारोह का किया शुभारंभ

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बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय (जेएनसीयू) के दीक्षांत समारोह में मंगलवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उनके आगमन पर विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया और मेधावी छात्रों को पदक पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुलपति, शिक्षकों और छात्रों ने राज्यपाल का अभिनंदन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि वे शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को भी समझें और देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बधाई दी और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाए रखने की सराहना की।

समारोह में जिले के कई गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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Ballia News- जमुना राम मेमोरियल स्कूल में नवरात्रि पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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बलिया। नवरात्रि के पावन अवसर पर जमुना राम मेमोरियल स्कूल में सोमवार को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें नर्सरी से कक्षा 3 तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ दुर्गा के नौ रूपों की आकर्षक झांकी से हुई। बच्चों ने देवी के विविध स्वरूपों को जीवंत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष आकर्षण का केंद्र रहा महिषासुर मर्दन का दृश्य, जिसमें माँ दुर्गा के रूप में सजी बालिका ने अपने अभिनय से सभी को भावविभोर कर दिया।

इसके बाद रामायण से रावण वध का मंचन किया गया। भगवान श्रीराम द्वारा रावण का संहार कर असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया गया। इस अवसर पर रावण का पुतला दहन भी किया गया, जो समाज में व्याप्त बुराइयों के अंत का प्रतीक बना।

छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंग-बिरंगा डांडिया नृत्य कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा। पारंपरिक पोशाकों में सजे बच्चों ने संगीत की धुन पर कदमताल कर पूरे वातावरण को उल्लास और उत्साह से भर दिया।

विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द और सह-निदेशक सौम्या प्रसाद ने रामायण और नवरात्रि के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को हमारी परंपराओं से जोड़ने पर बल दिया।
प्रधानाचार्या अबरी बघेल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूक रहने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राइमरी कोऑर्डिनेटर नीतू मिश्रा और शिक्षिकाओं — साधना राय, दीपा सिंह और सोनाली गुप्ता — का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अल्प समय में बच्चों को शानदार प्रस्तुतियों के लिए तैयार किया।

यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा, बल्कि बच्चों को भारत की समृद्ध परंपराओं और मूल्यों से जोड़ने का प्रभावशाली माध्यम भी बना।

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बलिया की राजनीति में हलचल: भानु दुबे जल्द कर सकते हैं सपा जॉइन, अटकलों का बाजार गर्म

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बलिया।
बलिया के प्रमुख सामाजिक नेता भानु दुबे जल्द ही समाजवादी पार्टी (सपा) जॉइन कर सकते हैं। हाल ही में उनके सोशल मीडिया पोस्ट और गतिविधियों से इस बात के कयास तेज हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भानु दुबे लगातार सपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनकी इन मुलाकातों और नेताओं के काफिलों में देखे जाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे जल्द ही सपा का दामन थाम सकते हैं।

भानु दुबे को ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। सामाजिक स्तर पर उनकी लोकप्रियता भी युवाओं में काफी मजबूत है। अगर वे सपा में शामिल होते हैं तो न केवल बलिया में पार्टी को मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में बलिया सदर सीट से उनकी दावेदारी भी बेहद मजबूत मानी जा रही है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भानु दुबे के सपा में आने से बलिया की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है।  और यह फैसला पूरे जिले के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि भानु दुबे कब और किस मंच से सपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इसके बाद जिले की राजनीति कौन सा नया मोड़ लेती है।

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